भविष्य दर्शन (भाग-2) – श्याम कुंवर भारती : Moral stories in hindi

पदमिनी ने आनंद से कहा _ अच्छा अब मैं चलती हूं मेरी मां मेरा इंतजार करती होगी।अपना ख्याल रखना।मैं कल फिर आऊंगी।

आनंद ने कहा _ ठीक है जाओ लेकिन मेरे एक्सीडेंट के बारे में तो बता दी ।लगे हाथ यह भी बताती जाओ मुझे अस्पताल से छुट्टी कब मिलेगी।

उसकी बात सुनकर वो हंसने लगी ।अभी तो आए हो आराम से पड़े रहो ।तुम्हारे बारे में जब दिखेगा तो बता दूंगी।इतना कहकर वो चली गई ।

उसके जाने के बाद आनंद उस मरीज को देखने लगा ।उसकी पत्नी डॉक्टर्स से हाथ जोडकर अपने पति की जान बचाने की गुहार लगाती रही लेकिन वे लोग उसे अपने पति को किसी दूसरे अस्पताल में ले जाने की सलाह देते रहे।

इतने में एक मरीज स्ट्रेचर पर लिटा हुआ आया ।उसके साथ आए उसके परिवार जनों ने कहा _ इनको मलेरिया हो गया है। ठंड के साथ बुखार आ रहा है और उल्टी भी हो रही है । दवा देने के बाद भी इनकी हालत सुधर नहीं रही है ।

डॉक्टरों ने उस मरीज को तुरंत भर्ती कर उसका इलाज शुरू किया।उसे ग्लूकोज की सेलाइन चढ़ाया जाने लगा ।अन्य कई दवाइयों का इंजेक्शन सेलाईन के माध्यम से दिया गया।

डॉक्टर ने कहा थोड़ी देर में इनकी हालत में काफी सुधार हो जायेगा।आप लोग निश्चिंत रहें।

उधर जिस मरीज को जहरीले सांप ने काटा था उसके परिजन अभी भी इसका इलाज करने की जिद पर अड़े हुए थे लेकिन डॉक्टर अपनी असमर्थता जताते रहे।

तभी एक नर्स आनंद के पास आई और कुछ दवा देकर खाने को कहा और उसके जख्मों पर दवा लगा दिया।

आनंद ने उस नर्स से कहा _ सिस्टर क्या आपके अस्पताल में सांप  के काटने का कोई इलाज नहीं है।

देखिए ने उस मरीज की पत्नी कितनी रो रही है ।

नर्स ने कहा _ मेरे अस्पताल में इस तरह के मरीज बहुत कम आते हैं।इसलिए इसका एंटी वेक्सिन नही रखते ।अगर कोई मरीज आता भी है तो उसे दूसरे अस्पताल में भेज दिया जाता है।वेक्सिन थोड़ी महंगी भी होती है।इतना कहकर वो नर्स चली गई।

आनंद को उस मरीज और उसकी पत्नी पर बड़ा  तरस आ रहा था।वो पदमिनी की कई गई भविष्यवाणी को आजमाना भी चाहता था।आखिर उसने कहा है कि वो बच जायेगा तो सही ही होगा जैसे मेरे बारे में कहा था।

लेकिन कैसे ।डॉक्टर तो उसका इलाज करना ही नही चाहते या कर ही नहीं सकते ।उसकी उत्सुकता बढ़ती जा रही थी।उसे अपने चोट खाए शरीर के दर्द का एहसास भी नहीं हो रहा था।उसका पूरा ध्यान उस मरीज की तरफ लगा हुआ था।

तभी उसने देखा एक डॉक्टर ने उस मरीज की पत्नी को डांटते हुए कहा _ देखिए आप जितनी देर यहां रुकेंगी उतना ही आपके पति के जान को खतरा बढ़ता जायेगा।क्योंकि इनका इलाज यहां नही हो सकता है।

इनको किसी और अस्पताल में ले जाए शायद वहा इनकी जान बचाई जा सके। यहां हमारा और अपना समय बर्बाद न करें।

उसकी पत्नी रोए जा रही थी।अब मैं इनको कहा लेकर जाऊं डॉक्टर साहब आप ही कुछ कीजिए।मेरे पास उतना पैसा भी नहीं है की इन्हे कही और लेकर जा सकूं।उसके साथ उसके परिवार वाले भी डॉक्टर को मानने में लगे हुए थे।

थोड़ी देर बाद तभी मलेरिया से पीड़ित मरीज की तबीयत में काफी सुधार आ गया।

उसकी ग्लूकोज की सेलाइन निकाल दी गई। ओ उठकर बैठ गया।उसके परिजन उसे इस हाल में देखकर बहुत खुश हुए।एक ने उसे छूकर देखा उसका,बुखार उतर चुका था।

डॉक्टर ने कहा_ इनका बुखार तो उतर चुका है लेकिन इनके  इलाज में थोड़ा समय लगेगा।इसलिए इनको अभी अस्पताल में चार पांच दिन रुकना पड़ेगा।इनका अभी मेडिकल चेकअप होगा।

उसके परिवार वालों ने कहा_  कोई बात नही डॉक्टर साहब जब ये पूरी तरह ठीक हो जाएंगे तभी इनको घर ले जायेंगे।

डॉक्टर ने कहा_ लेकिन इनके साथ केवल एक आदमी ही रहेगा अस्पताल में बाकी लोग अपने घर जा सकते  है।

उसके बेटे ने कहा _ मै अपने पिता के साथ रहूंगा।इसके बाद बाकी लोग जाने लगे तभी उस मरीज ने उस रोती हुई औरत के बारे में पूछा ।सबने उसके पति के बारे में बताया।सुनकर ओ मरीज चौंक गया।उसने कहा _ अगर अस्पताल मुझे इजाजत दे तो मैं इसको ठीक कर सकता हूं।

उसकी बात बिजली की तरह पूरे अस्पताल में फैल गई।क्योंकि उस मरीज  की काफी चर्चा हो रही थी जिसे सांप ने काटा था।

थोड़ी देर मे कई डॉक्टर उस मलेरिया पीड़ित मरीज के पास पहुंच गए और पूछने लगे तुमने कहा है कि तुम उस मरीज को ठीक कर सकते हो ।क्या तुम भी कोई डॉक्टर हो या वैद्य हो।

उसने कहा _ मैं इसमें से कोई नहीं हूं डॉक्टर साहब मैं एक संपेरा हूं।मुझे सांप के जहर को उतारने का मंत्र आता है।

यदि आप सब इजाजत दे तो मैं इसका जहर उतार सकता हूं।

डॉक्टर ने कहा _ देखो यह अस्पताल है । यहां झाड़ फूंक नही होता है ।मेडिकल के नियम से इलाज होता है।

चूंकि यह मरीज मरने की कगार पर है।इसके परिवार वाले इसे कही और ले जाने को तैयार नहीं है।शायद तुम्हारे प्रयास से इसकी जान बच जाए।

मैं बड़े डॉक्टर से पूछकर आता हूं।

इतना कहकर वो डॉक्टर चला गया।

जैसे ही उस मरीज की पत्नी को पता चला की वो मलेरिया पीड़ित मरीज उसके पति का जहर उतार सकता है ।वो भारती हुई उस मरीज के पास गई और उसके सामने रोते हुए हाथ जोडकर बोली _ किसी तरह मेरे पति की जान बचा लीजिए बाबा आप मेरे लिए भगवान होंगे।

उस मरीज ने कहा _ तुम रोना बंद करो  अगर अस्पताल ने इजाजत दे दिया तो मैं पूरी कोशिश करूंगा की तुम्हारे पति की जान बच जाए।

आनंद पूरी घटना को बड़े ध्यान से देख रहा था।अब उसे उम्मीद की किरण नजर आने लगी थी ।लेकिन वो पदमिनी की भविष्यवाणी को अपनी आंखों से सच होता हुआ देखना चाहता था।

तभी वो डॉक्टर जल्दी जल्दी आता हुआ नज़र आया उसके साथ बड़ा डॉक्टर भी था साथ में अस्पताल के और भी कई बड़े पदाधिकारी थे।

उस डॉक्टर ने कहा _ आप जितनी जल्दी इस मरीज का इलाज कर सकते हैं शुरू करे।बड़े डॉक्टर साहब ने अपनी सहमति दे दिया है।झाड़ फूंक ही सही लेकिन इस मरीज की जान बचाई जा सके ।

क्योंकि इसके अलावा कोई उपाय भी नही है।इसकी पत्नी अपने पति को लेकर किसी दूसरे अस्पताल जाना नही चाहती है और हमारे पास सर्प दंश का कोई इलाज नहीं है।

उस मलेरिया पीड़ित संपेरे मरीज ने कहा _ तब ठीक है। सबसे पहले मरीज को जमीन पर बेड लगाकर सुला दे।तीन बड़े और चौड़े मुंह वाले बर्तन मंगवाए जिसमे कमसे कम बीस बीस किलो दूध भरा जा सके।

मरीज के बगल में तीनो बर्तन रख दिए जाएं ।उसके पास मेरे अलावा कोई और नही रहे ।सभी दूर खड़े रहे ।

डॉक्टर ने उस मरीज की पत्नी से कहा _ तुम टेंट वाले से जैसा बर्तन ये कह रहे है वैसा भाड़े पर मंगा लो और साथ में साठ किलो दूध भी मंगा लो।

उसकी पत्नी ने तुरंत अपने परिवार वालो से सारा सामान लाने के लिए भेज दिया।

मरीज को जमीन पर बेड लगाकर सुला दिया गया। संपेरा को सबने उसके बेड से उतार कर उस मरीज के पास बैठा दिया।

लेकिन यह खबर सनसनी की तरह अस्पताल से होते हुए आसपास में फेल गई  लोग इस अजूबे इलाज को देखने के लिए अस्पताल की तरफ उमड़ पड़े । यहां तक कि मीडिया वाले भी भागे भागे आ गए।

अगला भाग

भविष्य दर्शन (भाग-3) – श्याम कुंवर भारती : Moral stories in hindi

लेखक_ श्याम कुंवर भारती

बोकारो ,झारखंड

Leave a Comment

error: Content is Copyright protected !!