भविष्य दर्शन (भाग-14) – श्याम कुंवर भारती : Moral stories in hindi

अगले दिन आनंद अपनी बाइक लेकर पदमिनी के घर आ गया था।पद्मिनी भी कॉलेज जाने के लिए लगभग तैयार थी।आनंद को देखकर बहुत खुश हुई ।अरे आनंद अच्छा हुआ तुम आ गए।इतने दिनो को थकावट की वजह से नींद गहरी आई थी सुबह उठने में देर हो गई।इसलिए तैयार होने में भी देर हो गई।

तुम आ गए तो कॉलेज जल्दी पहुंच जाएंगी।एक मिनट रुको मैं अपना बैग लेकर आती हूं ।लौटते वक्त बाजार से कुछ सामान भी लाना है।पदमिनी ने कहा।

ठीक है जल्दी आओ मैं रुकता हूं ।आनंद ने कहा और बाइक से उतरकर अपनी बाइक को स्टेंड पर खड़ा कर उसका इंतजार करने लगा।

घर के अंदर पद्मिनी जैसे ही अपना बैग लेने गई उसकी आंखो ने एक झपकी लिया और उसे उसके गांव का एक दृश्य नजर आया।

उसने देखा एक औरत के बाल बिखरे हुए है ।वो हर किसी को मारने के लिए उस पर झपट पड़ रही है।पकड़ में आने पर उसे बुटी तरह घायल कर दे रही है।उसे कई लोग पकड़ने की कोशिश कर रहे हैं लेकिन वो किसी की पकड़ में नहीं आ रही है।

वो कभी हंस रही थी कभी रो रही थी।देखने में वो काफी भयानक और डरवानी लग रही थी।उसके चारो तरफ गांव वालो की काफी भीड़ जमा थी।उसके कपड़े काफी अस्त ब्यस्त थे।

यह दृश्य देख कर वो बुरी तरह भय से सिहर गई।

उससे यह दृश्य देख कर उसे बर्दास्त नही हुआ ।वो तुरंत अपना बैग लेकर अपनी मां से बोली मां मैं आनंद के साथ कॉलेज जा रही हूं।शाम को आऊंगी।

ठीक है संभलकर जाना।जल्दी आना उसकी मां ने घर में काम करते हुए कहा।

आनंद के पास पहुंचकर उसने कहा _ जल्दी चलो गांव में एक औरत मुसीबत में है चलो उसको देखते हुए कॉलेज चलूंगी।

अब क्या देख लिया तुमने जो इतनी जल्दी घटित हो रहा है।आनंद अपनी बाइक पर सवार होकर किक मारते हुए कहा।पदमिनी भी उसकी बाइक पर पीछे बैठ चुकी है।

आनंद ने तेज गति से बाइक को उधर दौड़ा दिया जिधर पदमिनी ने बताया था।

कुछ दूर जाने पर गांव में उन्हे दूर से ही काफी भीड़ नजर आई ।आनंद ने भीड़ से दूर अपनी बाइक रोक दिया।पदमिनी फुर्ती से उतरी और भीड़ की तरफ लपकते हुए चली गई।आनंद भी उसके पीछे पीछे भागता हुआ चला गया।

भीड़ में रास्ता बनाती हुई वो उस  औरत के काफी करीब पहुंच गई।

करीब जाते ही पदमिनी को वहा नकरात्मक ऊर्जा का एहसास हुआ।उसे औरत पर किसी शक्तिशाली आत्मा का कब्जा था ।वो अपने बस में नहीं थी।उसके परिवार वाले उसकी इस हाल पर बहुत दुखी और चिंतित थे ।इतनी सीधी और शांत औरत अचानक उग्र कैसे हो गई।कही पागल तो नहीं हो गई है।

किसी ने कह ही दिया _ लगता है राजमुनिया पागल हो गई।सब लोग इसे पकड़कर पागल खाने ले चलो नही तो पता नही कितनों का सिर फोड़ देगी।बाल बच्चो पर खतरा हो सकता है।कुछ लोग उसकी तरफ बढ़े ही थे की तभी उस औरत ने उन लोगो को एक एक कर उठाकर दूर फेंक दिया।सब लोग देखकर आश्चर्य में पड़ गए आखिर इसमें इतनी ताकत कहा से आ गई है।

पदमिनी ने उस औरत का पता लगा लिया जो इस औरत पर आत्मा को भेजा था ।उसे पागल बना कर कोई बदला लेना चाहती थी।

उसने उस औरत के शरीर में मौजूद आत्मा को संदेश भेजा _ यह औरत निर्दोष और शरीफ है।इसको सताना छोड़ दो।तुम जिसके कहने पर इसे सता रहे हो अब तुमको उसकी गुलामी करने की जरूरत नही है।वो तुम्हारा कुछ नहीं बिगाड़ पाएगा।

अगर तुमने मेरी बात मान ली तो मैं तुम्हे उससे मुक्ति दिला दूंगी।फिर तुम जहा चाहे जा सकते हो ।अगर नही। माने तो मैं तुम्हे जलाकर भस्म कर दूंगी

अगला भाग

भविष्य दर्शन (भाग-15) – श्याम कुंवर भारती : Moral stories in hindi

लेखक _  श्याम कुंवर भारती

बोकारो, झारखंड

Leave a Comment

error: Content is Copyright protected !!