भविष्य दर्शन (भाग-13) – श्याम कुंवर भारती : Moral stories in hindi

करीब एक घंटा बिलंब से ट्रेन अपने गंतव्य तक पहुंच गई।पदमिनी और आनंद स्टेशन से ऑटो रिक्शा लेकर पहले पदमिनी के घर फिर अपने घर चला गया आनंद।

दोनो के परिवार मे अपने अपने बेटा और बेटी को पाकर सब बहुत खुश हुए।काफी दिनों  तक बाहर रहने और साधना करने की थकावट को दूर करने हेतु पदमिनी ने नहा धोकर पूजा पाठ और ध्यान साधना किया।और भोजन कर सोने चली गई ।तभी उसे उसके गांव की एक प्रतिज्ञा नाम की लड़की आवाज सुनाई दी ।वो खुद ही बात कर रही थी की अगर उसके माता पिता ने उसके प्रेमी चंदन दास से विवाह नही किया तो वो घर से भागकर उससे शादी कर लेगी ।

पदमिनी चंदन दास को जानती थी वो एक बिगड़ा हुआ लड़का था।उसके कई लड़कियों के साथ प्रेम संबंध थे ।सबको शादी का झांसा देकर उनका शारीरिक शोषण करता था और बाद में उन्हें धोखा दे देता था।

पदमिनी को बड़ा आश्चर्य हो रहा था कि एक ऐसे बदनाम लड़के के झांसे में प्रतिज्ञा जैसी सुंदर और पढ़ी लिखी लड़की कैसे आ गई ।अगर वो उसके साथ घर से भाग गई तो उसका जीवन नर्क बन जायेगा।उसके परिवार का मान सम्मान चला जायेगा।वो बुरी तरह बदनाम हो जायेगी फिर कौन उससे शादी करेगा।

चंदन तो उसे पक्का धोखा देने वाला था।इसलिए पद्मिनी ने चंदन को रंगे हाथो प्रतिज्ञा से पकड़वाने का निर्णय लिया ताकि वो उससे नफरत करने लगे और उससे दूर हो जाए।

उसने इसके मस्तिष्क में संदेश भेजा की चंदन एक आवारा और धोखेबाज लड़का है।वो कभी उससे शादी नही करेगा।वो तुम्हे धोखा देगा । तुम्हे उससे दूर रहना चाहिए।तुम उसके साथ घर से भागने की भूल नही करनी चाहिए।

यह संदेश उसके दिमाग में आते ही प्रतिज्ञा आश्चर्य करने लगी की जिस लड़के को वो हद से ज्यादा प्यार करती है उसके बारे में इतने बुरे ख्याल कैसे आ रहे हैं।

पदमिनी ने चंदन के मस्तिष्क में संदेश भेजा आज मैं राखी को बगीचे में ले जाऊंगा और उसके साथ मजे करूंगा।फिर उसने प्रतिज्ञा के दिमाग में संदेश भेजा आज मैं बगीचे में सारा सामान लेकर जाऊंगी और फिर चंदन को वहा बुलाऊंगी इसके बाद उसके साथ शहर भाग जाऊंगी।

प्रतिज्ञा को फिर आश्चर्य हुआ अभी तो मैं चंदन के बारे में इतना बुरा सोच रही थी फिर उसके साथ भागने की कैसे सोच रही हूं।खैर उससे मिलकर देखती हूं।इतना सोचकर उसने अपनी मां से चंदन के साथ शादी करने का प्रस्ताव रखा।उसकी मां ने उसके गाल पर थप्पड़ जड़ते हुए कहा _ उस आवारा लड़के साथ शादी करने की बात तुम सोच भी कैसे सकती हो ।तुम्हारे पिता जान जायेंगे तो तुम्हारी जान लेंगे।

अपनी मां की डांट और मार खाकर प्रतिज्ञा बहुत नाराज हुई और।जल्दी जल्दी अपना सामान समेटकर चुपके से बगीचे की ओर निकल गई।

वो जैसे ही बगीचे में पहुंची उसने देखा चंदन एक पेड़ की आड़ में एक लडक़ी को अपनी बांहों में लेकर उससे प्यार का नाटक कर रहा था।

यह सब देखते ही उसका दिल चकनाचूर हो गया।उसके पैरो के नीचे से जमीन घीसक गई।उसे लगा वो चक्कर खा कर गिर पड़ेगी।

जिस लड़के को में दिल ओ जान से प्यार करती थी वो लड़का दगाबाज निकला।मैं मूर्ख उसके साथ शादी करने के लिए घर से भागना चाहती है।

अपने माता पिता के मुंह पर कालिख पोतने जा रही थी।

उसका गुस्सा सातवें आसमान पर पहुंच गया।उसने आव न देखा ताव ।वो दनदनाती हुई चंदन के सामने पहुंच गई।

धोखेबाज कही के ।यही तुम्हारा सच्चा प्यार है ।मुझसे प्यार का नाटक कर रहे थे और दूसरी लड़कियों को भी धोखा दे रहे हो।मैं तुमको छोडूंगी नही ।

इस तरह अचानक प्रतिज्ञा को अपने सामने पाकर चंदन हक्का बक्का रह गया।

प्रतिज्ञा ने उसका कॉलर पकड़कर उसके गाल पर कई थप्पड़ जड़ दिए।

धोखेबाज कही के मैं घर से तुम्हारे साथ भाग कर शादी करने के लिए भाग कर आई थी की तुमको फोन कर बुला कर भाग जाऊंगी और तुम ये गुल खिला रहे हो।उसका गुस्सा सातवें आसमान पर था।वो उसपर थप्पड़ मारे जा रही थी।तभी चंदन उसे धक्का देकर भाग निकला ।प्रतिज्ञा ने राखी से कहा _ देखो धोखेबाज को कैसे भाग गया।यह हम दोनो को धोखा दे रहा था।अच्छा हुआ आज हम दोनो के सामने आ गई।फिर वो उसके गले मिलकर रोने लगी।

थोड़ी देर बाद रो लेने के बाद प्रतिज्ञा उसे लेकर अपने घर आ गई ।उसने अपनी मां से कहा _ मां यह मेरी सहेली है ।मैं उससे मिलने गई थी ।माफ करना तुमको बता नही पाई थी।

मां ने कहा _ कोई बात नही बेटी तुम देर से ही सही घर तो आ गई।ले जाओ अपनी सहेली को कुछ खिला पिला दो ।प्रतिज्ञा और राखी दोनो के आंखो से आंसू रुक नही रहे थे जिसे उन दोनो ने किसी तरह सबसे छिपा लिया था।

प्रतिज्ञा का हृदय तार तार हो गया था।उसे चंदन से ऐसी उम्मीद नही थी ।

शायद इसलिए मेरे मन में उसके बारे में बुरे ख्याल आ रहे थे।

इधर पदमिनी ने उसके मन की बात अपने बिस्तर पर लेटे लेटे ही पढ़ ली थी और बहुत खुश हो रही थी ।थोड़ी ही देर में वो गहरी नींद खर्राटे ले रही थी।

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