ओम को आनंद द्वारा थप्पड़ मारे जाने से हंगामा हो गया।आश्रम के संरक्षक के पास मामला गया ।उसने आनंद से ओम को थप्पड़ मरने का कारण पूछा ।आनंद ने उसके बारे मे बता दिया की यह हमेशा पदमिनी के पीछे पड़ा रहता है।आज तो इसने हद ही कर दिया इसका हाथ पकड़ लिया और प्यार का इजहार कर रहा था।
फिर पदमिनी से पूछा गया क्या यह सत्य बात है ।पदमिनी बात को आगे नहीं बढ़ाना चाहती है ।उसने कहा गुरु जी इस उम्र में हर कोई विपरित लिंग के प्रति आकर्षित हो जाता है।ओम ने भी वही किया।मैंने भी इसे समझा दिया है।
आनंद मेरा दोस्त है और मेरे लिए ही यहां आया है।इसलिए उसने जो देखा उससे रहा नही गया होगा और उसने ओम को थप्पड़ मार दिया।
सरांक्षक ने _ कहा ओमप्रकाश भी यहां तुम्हारी तरह साधना करने आया है लेकोनापनी साधना छोड़कर तुन्हारे साथ प्यार करना चाहता था।इससे आश्रम की मर्यादा भंग हुई है।इसलिए इसे अभी से आश्रम से निकाला जाता है।आनंद को अगर कोई बात बुरी लगी तो उसे आश्रम प्रबंधन को बतना चाहिये था।आश्रम के उचित लगता निर्णय लेता लेकिन इसने यहां का नियम तोड़ा है उसे आश्रम प्रबंधन से क्षमा मांगनी चाहिए।
इक्षा के विरुद्ध आनंद को सबसे क्षमां मांगनी पड़ी और ओम को तुरंत आश्रम छोड़ने का निर्देश दिया गया।क्योंकि यहां और भी कई लड़के लड़कियां साधना करने आए हैं इससे इनपर भी बुरा प्रभाव पड़ेगा।
दो दिनों बाद पद्मिनी को लेकर आनंद अपने घर आ रहा था।
रास्ते में वो सोच रहा था अजीब लड़की है ।उस लड़के ने इसका हाथ पकड़ा और ये उसे ज्ञान दे रही थी। उसको करारा जवाब क्यों नही दिया।
लेकिन मैं इसके बारे में इतना क्यों सोच रहा हूं यार कही मैं भी तो इससे प्यार करने नही लगा।
पदमिनी आनंद को देखकर मुस्कुरा रही थी ।
उसने आनंद से कहा_ आनंद तुम मुझ पर नाराज हो मुझे मालूम है ।तुम मेरा इतना ख्याल रखते हो यह भी मालूम है लेकिन मुझसे प्यार करके तुम्हे कुछ हासिल नहीं होगा।हमलोग एक दोस्त की तरह रह सकते है।
ओम को मैने प्यार से समझा दिया है अब वो मेरे बारे में बिल्कुल नही सोचेगा और तुम भी इस बारे में मत सोचो ।
अरे यार इसको मेरे मन की बात कैसे पता चल गई। कही ये माइंड रीडर तो नही हो गई।आनंद ने मन ही मन सोचा। उसने कहा _ चलो अच्छा हुआ तुमने मेरे मन की बात जान लिया ।लेकिन क्या किसी को प्यार करना गुनाह है।
गुनाह नही लेकिन जरा सोचो तुममे और ओम में क्या फर्क रह जायेगा पदमिनी ने कहा।अभी हम दोनो को बहुत काम करना है।पहले पढ़ाई लिखाई फिर नौकरी ।इसके बाद समाज और राष्ट्र के लिए बहुत काम करना है।अभी आनंद कुछ कहता की उसने आनंद से कहा रुको जरा मुझे सुनने दो ट्रेन में कुछ लोग किसी को लूटने की योजना बना रहे हैं।तबतक तुम टीटी और रेलवे गार्ड को बुलाकर लाओ ।आनंद ने वही किया ।रेलवे पुलिस गार्ड और टीटी के आने के बाद पदमिनी ने कहा _ तीन लोग किसी बिरेंद्र अग्रवाल लूटने की योजना बना रहे हैं।मेरी बोगी से तीसरी बोगी में सीट नंबर बावन कर बैठे हुए हैं तीनो ।
लेकिन आपको कैसे पता चला मैडम ।कोई आपसे इतनी दूर बैठा हुआ क्या योजना बना रहा।यानी क्या बात कर रहा है।टीटी ने आश्चर्य से पूछा ।
वो सब बाद में बताऊंगी पहले आप अपनी पैसेंजर लिस्ट चेक करे उस बोगी में सीट नंबर बावन पर किसका नाम है और बिरेंद्र अग्रवाल किस सीट पर बैठा हुआ है।कोई इस नाम का पैसेंजर गई हैं भी या नहीं ।
टीटी ने चेक कर बताया _ वो सीट दीपक कुमार के नाम से बुक है ।और बिरेंद्र अग्रवाल की सीट उसी बोगी में पच्चीस नंबर की है।टीटी ने बताया ।
रेलवे पुलिस गार्ड ने बताया _ मैडम की बताई जानकारी तो लगभग सही साबित हो रही है चलिए पहले चेक करते है वरना उसके जान माल दोनो को खतरा हो सकता है।
पहले वे लोग बिरेंद्र अग्रवाल की सीट नंबर पच्चीस के पास जाकर बिरेंद्र से बात किया।उसका टिकट चेक किया ।उसके पास चार और बर्थ थी।इक्कीस से लेकर चौबीस तक के बर्थ पर उसका परिवार बैठा हुआ था।वे लोग अपनी बेटी के विवाह में गांव जा रहे थे।उनके पास महंगे गहने ,कपड़े और कई कीमती सामान थे।
टीटी के साथ आनंद भी था उसने धीरे से टीटी से कहा _ इसलिए लुटेरे इनके पीछे पड़े हैं ।अब चलिए बावन नंबर की सीट पर उसे चेक करते है।
उस सीट पर पहुंचकर टीटी ने उन तीनो से टिकट मांगा।।उन तीनो के पास जनरल टिकट थे।एक ने बताया पिछले वाले टीटी ने उनसे पैसे लेकर यह सीट उनको दिया था।
तुम तीनो जनरल टिकट लेकर स्लीपर क्लास में सफर कर रहे हो। तीनो को फाइन देना पड़ेगा।उन तीनो ने कहा _ इतने पैसे तो नही है हमारे पास।टीटी ने जीआरपी से कहा _ इन तीनो को गिरफ्तार कर अगले स्टेशन पर उतार कर जीआरपी थाना को सौंप दो।तभी वे तीनों उठकर जीआरपी को थक्का देकर भागने लगे।
जीआरपी के गार्ड भी उनके पीछे भागने लगे।एक आदमी दरवाजे के पास जाकर बाहर छलांग लगा दिया।बाकी दो को पकड़ लिया गया।
जीआरपी ने उनसे कड़ाई से पूछताछ करने पर बताया वे लोग ट्रेन लुटेरे है मौका पाकर वे लोग यात्रियों को लूटने का काम करते है।अगले स्टेशन पर उन दोनो को उतार लिया गया और जीआरपी थाना को सौंप दिया गया। टीटी ने उस स्टेशन के जीआरपी से कहा _ इनका एक साथी चलती ट्रेन से कूद गया।उसकी तलास करवाए अगर वो घायल हो तो उसका उसका इलाज करवा देंगे।
पदमिनी के पास पहुंच कर टीटी ने उसकी बहुत तारीफ किया।मैडम आपने बहुत सही जानकारी दिया।आपकी वजह से एक परिवा लूटने से बच गया।वे लोग अपनी बेटी की शादी करने गांव जा रहे थे।।मैंने रेलवे पुलिस गार्ड को उनकी निगरानी में लगा दिया है।
आप कौन है और आपको कैसे पता चला।उसकी जगह पर आनंद ने उसके बारे मे बताया।।जानकर टीटी बहुत प्रभावित हुआ और कहा _ मैडम मेरी डीउटी लास्ट स्टेशन तक है अगर आपको किसी चीज की जरूरत है तो मेरा नंबर ले लीजिए मुझे फोन कर देंगे मैं तुरंत हाजिर हो जाऊंगा।
जी जरूर सर लेकिन कोच नंबर पांच के बर्थ नंबर ग्यारह पर एक बुजुर्ग आदमी के कराहने की आवाज सुनाई दे रही है।कृपया जाकर देख ले शायद उसकी तबियत ज्यादा खराब होगी।
आनंद और टीटी तुरंत उस कोच के बर्थ पर पहुंचे ।
वहा सचमुच एक बुजुर्ग आदमी बुखार से पीड़ित था ।टीटी ने अगले स्टेशन पर स्टेशन मास्टर को एक डॉक्टर साहब दवा के साथ तैयार रहने को कहा ।एक बुजुर्ग आदमी के बुखार है ।वो अकेला है और दर्द से कराह रहा है।
पदमिनी के पास पहुंच कर आनंद ने कहा _ तुम तो कमाल कर रही हो यार ।तुमने उतना सब कुछ सीख लिया और मुझे पता ही नही चला।
मुझे खुद समझ नही आ रहा है आनंद ये सब इतनी जल्दी कैसे सब कुछ हो रहा है।मैं तो बस जो आश्रम में बताया जा रहा था उस क्रिया को करती जा रही थी।
सुनकर आनंद मन में सोचने लगा _कास ये लड़की मेरे प्यार के बारे में भी जान लेती ।
सब जानती हूं आनंद लेकिन मैने कहा न मुझसे प्यार की उम्मीद करना बेकार है ।पदमिनी ने गंभीर होकर कहा।
तभी पदमिनी ने आनंद से कहा _ तुम तुरंत विधायक जी को फोन कर बताओ _ वे जहा शादी में जा रहे हैं वहा उनके विरोधियों ने उनको पदनाम करने हेतु एक लड़की को भेजा है जो उनपर बलात्कार का आरोप लगाएगी।
सुनकर आनंद को बड़ा आश्चर्य हुआ और चिंतित भी हुआ ।
आजकल राजनीति कितनी नीचे गिर गई है देख लो ।काम से जानता का दिल नहीं जीत सकते तो अब षड्यंत्र करने लगे है ।आनंद ने कहा और विधायक जी को फोन कर पदमिनी की भविष्यवाणी को बता दिया।
सुनकर विधायक जी चकित रह गए और बोले _ तुम ठीक कह रहे हो आनंद मैं अभी अपने क्षेत्र के एक आदमी की बेटी की शादी में निकलने ही वाला था।
खैर तुम चिंता मत करो मैं सब संभाल लूंगा ।
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भविष्य दर्शन (भाग-11) – श्याम कुंवर भारती : Moral stories in hindi
लेखक _ श्याम कुंवर भारती
बोकारो, झारखंड