अक्षय लाल दास की बेटी पदमिनी बड़ी पढ़ने लिखने में काफी कमजोर थी।मगर उसकी आवाज और रंग रूप बहुत सुन्दर था।किसी तरह उसने मैट्रिक परीक्षा पास कर लिया।आगे की पढ़ाई के लिए उसने एक सरकारी कॉलेज में एडमिशन ले लिया। जहा उसकी दोस्ती उसके ही क्लास के एक लड़के आनंद से हुई ।वो बहुत ही तेज तर्रार लड़का था।वो हमेशा अपने क्लास में सबसे प्रथम आता था।इसलिए उसके दोस्तो की संख्या भी ज्यादा थी।
उसी तरह पदमिनी की भी दोस्ती हो गई थी ।उसे आनंद से उसकी पढ़ाई लिखाई में काफी मदद मिलती रहती थी।एक दिन उनके कॉलेज में योगाभ्यास के क्लास चला।जिसमे बाहर से कोई योग गुरु आए थे जिन्होंने स्वस्थ रहने और मन को शांत और स्थिर करने का योगाभ्यास करवाया।पदमिनी ने भी योगाभ्यास किया।जिसमे ध्यानयोग,प्राणायाम, कपाल भाती के अलावा और भी कई योग करने की क्रिया बताई गई।
पदमिनी ने बड़े उत्साह से सभी योग क्रियाओं का अभ्यास सिखा।
कुछ दिन बाद आनंद अपनी मोटरसाइकिल से कॉलेज पहुंचा उसे देखते ही पदमिनी को नजर आया उसकी बाइक के साथ उसकी बड़ी गंभीर दुर्घटना घटी है और आनंद अस्पताल में पड़ा हुआ है।उसे ऐसा देखकर खुद पर बड़ा आश्चर्य हुआ ।उसने आनंद से कहा तुम कुछ दिनों तक अपनी बाइक चलाना छोड़ दो।तुम्हारा तुम्हारी बाइक के साथ बहुत बड़ी दुर्घटना होने वाली है।उसकी बात सुनकर आनंद हसने लगा।यह तुम क्या कह रही भला मेरा मेरी बाइक के साथ कैसे एक्सीडेंट हो सकता है ।मैं बाईक चलाने में एक्सपर्ट हूं।पता नही मुझे तुम्हे देखकर ऐसा दिखा इसलिए तुम्हे बाइक चलाने से मना किया।पदमिनी ने कहा।कही तुम ज्योतिष तो नही हो गाई गई हो।आनंद ने कहा और फिर हसने लगा।उसे हंसता देख उसके दोस्त भी हंसने लगे।
पदमिनी ने कुछ नही कहा।थोड़ी देर के लिए उसे लगा शायद यह इसका भ्रम भी हो सकता है।
लेकिन तीन दिन ही बीते थे कि आनंद का कॉलेज आते समय एक ट्रक के साथ एक्सीडेंट हो गया और वो बुरी तरह घायल होकर अस्पताल पहुंच गया।
जब पदमिनी को पता चला तो उसे बहुत आश्चर्य हुआ और दुख भी ।वो अपनी सहेलियों और उसके दोस्तो के साथ भागी भागी अस्पताल पहुंची।
वहा पहुंचकर उसने देखा आनंद बेहोसी की हालात में पट्टियों में लिपटा पड़ा है।थोड़ी देर बाद आनंद को होश आया।उसे ऐसी हालत में देखकर पदमिनी को बहुत दुख हो रहा था।उसने उसका हाल चाल पूछा।
उसने धीरे धीरे से कहा मैं ठीक हूं लेकिन तुम्हारी की गई भविष्यवाणी तो बिल्कुल सही साबित हो गई।काश मैंने तुम्हारी बात मान ली होती तो आज मेरी ऐसी हालत नही होती।आनंद ने धीरे से दर्द से कराहते हुए कहा।
ऐसा मत कहो जो होना होता है वही होता है।मुझे तो घटना से पूर्व उसकी एक झलक दिखी थी जो तुम्हे बताया था। पदमिनी ने कहा।
लेकिन तुम्हारे साथ ऐसा चमत्कार कबसे और कैसे हो गया यार।आनंद ने आश्चर्य से पूछा।
पता नही लेकिन मुझे लगता है जबसे योग क्रिया करना शुरू की हूं तभी से ऐसा हो रहा है ।पदमिनी ने कहा।
तभी अस्पताल में एक मरीज लाया गया जिसे एक जहरीले है सांप ने काट लिया था।वो बेहोशी की हालत में था।उसका रंग नीला पड़ गया था।उसके परिवार वाले काफी रो रहे थे।
डॉक्टरों ने उसकी जांच कर कहा _ आप लोग माफ करे अब इसका बचना मुश्किल है।अस्पताल स्नेक एंटी डोज भी नही है।आप लोग इसे कही और ले जाए।
तभी पदमिनी को उसकी आंखो के सामने उस आदमी का दृश्य नजर आया जो अस्पताल में अपनी पत्नी और बच्चों के साथ हंस हंस कर बाते करते दिखा।
उसने आनंद से कहा _ तुम इस आदमी को देख रहे हो जिसे सांप ने काटा है वो जिंदा हो जायेगा।वो मरेगा नहीं।
ये तुम कैसे कह सकती हो ।देख रही हो डॉक्टर उसका इलाज करने से मना कर रहे हैं।आनंद ने आश्चर्य व्यक्त करते हुए कहा।
वो मुझे नही पता लेकिन वो मरीज जिंदा हो जायेगा।
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भविष्य दर्शन (भाग-2) – श्याम कुंवर भारती : Moral stories in hindi
लेखक _श्याम कुंवर भारती
बोकारो, झारखंड