और शुभी… कैसा लग रहा है नई-नई नंद बनकर… सुना है तेरी भाभी तो हर काम में एक्सपर्ट है, कभी मिलवाना अपनी भाभी से, 2 महीने पहले शादी में ही देखा था उन्हें, उसके बाद उनसे मुलाकात ही नहीं हो पाई! सुना है घर के काम के साथ-साथ पढ़ाई में भी बहुत इंटेलिजेंट है, यार अब तो हमें मिलना ही पड़ेगा, तेरी भाभी के बारे में सुनकर तो हमारी भी उत्सुकता उनसे मिलने को बढ़ती जा रही है!
अरे.. ऐसा कुछ नहीं है, इतनी भी कोई खास नहीं है मेरी भाभी… 2 महीने हुए हैं उन्हें आए हुए, पर किसी का भी आदर सत्कार करना नहीं जानती और घर के काम में और लिखाई पढ़ाई में बस ठीक-ठाक ही है, और तुम्हें कुछ समझना हो तो मैं हूं ना ! तुम्हें पता है ना मैं अपने कॉलेज में हर साल टॉप करती हूं…
अपनी सहेली दिव्या की बात सुनकर शुभी ने जवाब दिया! न जाने क्यों शुभी अपनी भाभी मालती से चिढि हुई रहती थी! दरअसल जब से मालती इस घर में बहू बनकर आई है, हर कोई मालती के रूप और गुन की प्रशंसा करते नहीं थक रहा और यह बात शुभी को हजम नहीं हो रही! एक दिन शुभी और मालती बाजार में थे तभी शुभी की सहेली दिव्या और नीलम उन्हें मिल गए! तब शुभी की भाभी बोली…
अरे दीदी आप तो शुभी दीदी की दोस्त हो ना.. मैंने तो शादी में ही हल्का सा आपको देखा था, उसके बाद आप लोग कभी घर पर ही नहीं आए..! मैं कई बार दीदी को बोलती हूं कि अपने दोस्तों को घर पर लेकर आओ, पर आजकल शायद आप लोग एग्जाम की तैयारी में बिजी है, चलिए.. अब घर चलिए.. हमारा घर पास में ही है! देखो कितनी गर्मी भी हो रही है, मैं आपको ठंडा ठंडा जूस बनाकर पिलाती हूं!
अरे.. नहीं नहीं भाभी.. आज नहीं फिर कभी…! अरे दीदी ऐसा कैसे हो सकता है..? इसके बाद फिर ना जाने आपसे कब मुलाकात होगी, आप चलिए तो सही घर पर और मालती की जबरदस्ती करने पर दिव्या और नीलम शुभी के घर आ गए, जहां मालती ने उनकी खातिरदारी करने में कोई कसर नहीं छोड़ी और जाते-जाते मालती ने उनसे यह भी कहा की… दीदी मैं इंग्लिश में एम ए होने के साथ-साथ गोल्ड मेडलिस्ट भी हूं,
आपको कभी भी पढ़ाई से संबंधित कोई भी परेशानी आए तो अब आप मुझसे पूछ सकती है, मुझे आपकी किसी भी तरह की हेल्प करने में बहुत खुशी होगी, ऐसा कहकर मालती अपने कामों में लग गई! तब नीलम और दिव्या शुभी से बोली… तू तो बोल रही थी कि तेरी भाभी ना तो पढ़ाई में अच्छी है ना ही संस्कारों में, फिर यह क्या था..? तेरी जैसी भाभी तो हमने आज तक किसी की भी नहीं देखी!
क्या तुझे अपनी सर्वगुण संपन्न भाभी को देखकर शर्म आती है, तुझे अपनी तुलना अपनी भाभी से करके जलन हो रही है, फिर तो तेरी बहुत ही घटिया सोच है, तुम इन्हीं सब गुणों के कारण ही तो अपनी भाभी को पसंद करके लाए थे! अपनी सहेलियों के मुंह से ऐसी बातें सुनकर शुभी के ऊपर घड़ा पानी पड़ गया, आज शुभी को अपने ऊपर बहुत शर्म आ रही थी,
उसकी सहेलियां सच ही तो कह रही थी, वह वेवजह ही अपनी भाभी से ईर्ष्या रख रही थी, जबकि उसकी भाभी तो इतनी अच्छी है, किंतु अब आगे से ऐसा कभी नहीं होगा! सच ही तो है भाभी से कैसी जलन!
हेमलता गुप्ता स्वरचित
मुहावरा प्रतियोगिता #घड़ा पानी पड़ जाना