Moral Stories in Hindi : मेरा 14 साल का बेटा स्कूल से घर आया तो मुझे बताने लगा मम्मा आज मेम ने एसएसटी में पढ़ाया कि गर्ल्स को पहले उसके पति के मर जाने पर जिंदा जला दिया जाता था उसी के साथ,,,,, कितना गलत होता था मम्मा पुराने समय में,, मैंने कहा होता तो गलत था ,, इसे सती प्रथा कहा जाता है मैंने उसे बताया लेकिन अब यह सब चीज बंद हो गई है।,,, मम्मा सुनो ना,, मैंने कहा आगे बताओ क्या कहना चाहते
हो,,, फिर बोला मम्मा डौरी आप जानते हो क्या होता है।,,, मैंने अनजान बनने की कोशिश की मैंने कहा मुझे नहीं पता थोड़ा समझा कर बताओ,, तब बेटे ने कहा कि गर्ल्स को परेशान किया जाता था अपने पापा से पैसे लाने के लिए और अभी भी किया जाता है। कई घरों में,, कितनी गलत बात है ।ऐसा नहीं होना चाहिए मैंने कहा हां है तो गलत बात,,,,, और मैम ने यह भी बताया पहले छोटे बच्चों की शादी कर दी जाती थी फिर मैंने कहा
इसको बाल विवाह कहते हैं। मम्मा इसमें तो सबसे ज्यादा गर्ल्स की जिंदगी बर्बाद होती थी उसको तो खेलने को भी नहीं मिलता होगा,,, मैंने कहा बिल्कुल सही कहा बेटा,,,, फिर बोला पता मम्मा पूरे कई चैप्टर में यह सब बताया गया है। कि पहले ना ,,गर्ल्स को पढ़ाया भी नहीं जाता था खाली घरों के ही काम करने होते थे उनके साथ हुआ तो बहुत गलत है ना,,, कैसे लोग थे वह तो हमारे साथ में पढ़ती है वह भी तो हमारी तरह हैं।,,,
मम्मा एक बात बताओ ,,डौरी लेना एक गलत बात होती है। मैंने कहा बिल्कुल गलत बात होती है। मैंने कहा शादी में जो जबरदस्ती मांगा जाता है ।उसको हिंदी में दहेज कहते हैं। जो गलत बात है।,,
तो मम्मा मैं तो कभी भी दहेज नहीं लूंगा क्यों किसी के मम्मी पापा को उसके लिए परेशान करना,,,, मैं तो खुद ही पढ़ कर बहुत बड़ा आदमी बनूगा मुझे पैसों की जरूरत नहीं किसी के,,, बच्चे ने बड़े मासूमियत से जवाब दिया,,,,
मैम बहुत समझाकर बता रही थी तो मुझे भी बड़ा अच्छा लग रहा था,, कि जो पुराने लोगों ने किया मैं तो बिल्कुल भी ऐसा नहीं करूंगा ,,,इसीलिए तो मैंम ने हमें समझाया है। मैंने अपने बेटे से कहा हां पढ़ाई लिखाई का यही मतलब होता है। जो गलत हुआ है ।उसको दोबारा ना दोहराया जाए,,,,,
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मम्मा एक डोमेस्टिक वायलेंस भी टॉपिक था तो मैंने पूछा तो उसमें क्या मैंम ने बताया,,,, ?इसमें पति अपनी पत्नी को मारता पिटता भी है ।और घर वाले भी उसका सपोर्ट नहीं करते,,, कितने गंदे लोग होते हैं ना,,,, अब मैं बच्चे के मन को टटोलना चाहती थी,,,
मैंने उससे पूछा बेटा आप अपनी पत्नी को कैसे रखोगे,,,, मम्मी इसमें कौन सी पूछने वाली बात है। मैं तो बिल्कुल ऐसे रखूंगा जैसे आप इस घर में रहते हो,,,, बिल्कुल डैडी की तरह रखूंगा,,,,, और मैं अपनी पत्नी के माता-पिता से ऐसा ही प्यार करूंगा जैसे मैं आपसे और डैडी से करता हूं,,,, अब मुझे अपने छोटे से बेटे की बातें सुनकर बड़ा गर्व महसूस हो रहा था,,,,, मम्मा पता है। अगर मैंने जरा सी भी गड़बड़ कर दी तो आप और डैडी तो मुझे मार ही डालोगे ना बाबा मुझे मार नहीं खानी,,,,,,
मुझे महसूस हो रहा था शायद संस्कारों की गाड़ी सही रास्ते पर चल रही है।,,, क्योंकि जो बच्चे देखते हैं वही करते हैं।,,,
मां कई बार मेरे स्कूल में कभी गर्ल्स को कभी बॉयज को प्रिंसिपल रूम में ले जाया जाता है। मैंने कहा क्यों,,,,, मम्मा कुछ ना कुछ एक दूसरे को बोलते रहते हैं उनका आपस में कुछ ना कुछ रहता है तो मैं इन सब चीजों से दूर रहता हूं।,,, तो प्रिंसिपल मैम सारी टीचर्स मुझे जानते हैं तो मुझे क्लास में भेज देते हैं फिर उसके बाद उन बच्चों से बात की जाती है।
मैंने कहा बहुत अच्छी बात है बेटा यह आपका पढ़ने का टाइम है ।आपको सिर्फ पढ़ाई पर ध्यान देना चाहिए अरे मम्मा मुझे पता है अगर मेरी गलती से भी शिकायत डैडी के पास आ गई तो डैडी तो मुझे छोड़ने वाले नहीं तो मैं इन सब चक्करों में नहीं पड़ता,,,,, मैंने कहा पागल हम लोग कब आपको मरते हैं। कहने लगा आप लोगों का भरोसा है क्या,,,, मेरे मन में विचार आया बच्चे के मन में हमारा डर है। यह डर मुझे ठीक लगा,,,
मैंने कहा अभी तुम अपनी पढ़ाई पर ध्यान दो,,, बातों बातों में मैंने उसको बताया जो आपकी क्लास में आपकी बराबर की गर्ल्स है। उनको आप अपनी दोस्त बना लो अगर उम्र में बड़ी है। आपसे तो उसको दीदी बोलना जो मेरी उम्र की है उसको आंटी बोलना और जो आपकी दादी की उम्र में की है
तो उसको आप दादी बोलना इस तरह से स्त्रियों का सम्मान किया जाता है।,,,, जब आप बड़े हो जाओगे पढ़ लिख जाओगे और अपने पैरों पर खड़े हो जाओगे तो कोई एक लड़की ऐसी होगी जिससे आपकी शादी होगी और तुम्हारा वह जीवन भर साथ निभागी,,, मम्मा आप भी अभी से मेरी शादी करवाने लगे,,,,, मुझे हंसी आ गई,,, सही समय पर सभी की शादी होती है। लेकिन हर चीज का एक समय होता है।,,,,,
फिर बोला मम्मा मुझे एक चीज नहीं अच्छी लगती मैंने कहा क्या,,, सभी गर्ल्स को ज्यादा ही सपोर्ट करते हैं ।,,जैसे बॉयज तो कुछ है ही नहीं,,, सारी एक्टिविटी में उन्हें आगे रखा जाता है। हमारे साथ पक्षपात होता है। अब यह बात सुनकर मैं सोच में पड़ गई,, यह बेटा क्या कह रहा है।
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हम गर्ल्स को कोई अपने से कम थोड़े ही मानते हैं।,,, वह हमारी जैसी तो है।,,, लेकिन न जाने क्यों मुझे स्कूल में लगता है कि सभी गर्ल्स का ही सपोर्ट करते हैं। यह सुनकर मुझे अच्छा नहीं लगा,,, फिर मैंने बेटे से और भी कारण पूछे की हर जगह गर्ल्स को ही आगे किया जाता है हमें कोई नहीं पूछता,,,,, मैं सोचने लगी पहले तो बेटियों के साथ घर में पक्षपात होता था लेकिन क्लास रूम में बिल्कुल भी नहीं होता था,,
अब बेटियों को आशीर्वाद मिल रहा है। तो बेटों के साथ पक्षपात होने लगा है। ,,फिर बेटा कहने लगा गर्ल्स के साथ अगर गलत हुआ तो कोई हम लोगों ने थोड़ी किया है।,, हम तो अब गलत नहीं कर रहे हैं ना,, तो हमारे साथ गलत क्यों,,,,? हमने कहा समाज में एक नई लहर सी दौड़ गई तो बेटियों को कुछ ज्यादा ही प्रमोट करने लगे
,,,बेटों के साथ पक्षपात होने लगा,,,, मैंने बेटे से कहा यह बेटा ऐसा दौर ही है ।कि बेटियों को आगे नहीं बढ़ने दिया गया इसलिए उन्हें आगे बढ़ाने के लिए यह सब किया जा रहा है। ,,और यह सब अनजाने में ही हो जाता है। जानबूझकर कोई नहीं करता आपको ऐसा लगता होगा,,,,,
और मैं सोचने लगी यदि बेटे की बात सही है ।तो बेटियों को तो आशीर्वाद मिल गया आगे बढ़ाने के लिए ,,,कहीं ऐसा ना हो आने वाले समय में बेटों को भी प्रमोट करने की आवश्यकता पड़ जाए,,,, क्योंकि बेटे की बातें सुनकर मुझे एक नया बदलाव दिख रहा था जो बेटियों को लेकर आया बेटे के शब्दों में बेटियों के लिए सहानुभूति भी थी,, और उन्हें अपने बराबर का भी समझ रहा था ,,उन्हें अपने घर में पूरे इज्जत से साथ रखने की बात कह रहा था,,,
निश्चित तौर से शिक्षा बेटियों के लिए सकारात्मक बदलाव ला रही है जो मैंने अपने बेटे में देखा,,,, लेकिन चिंता इस बात की भी है जो हम बेटियों ने झेला कहीं आने वाले समय में बेटों को न झेलना पड़े,,,
इसलिए बेटी को तो आशीर्वाद मिल ही रहा है। बेटे को भी आशीर्वाद दें वह अछूत क्यों आशीर्वाद से,,,, जब बेटा बेटी दोनों को घर स्कूल कॉलेज देश दफ्तर बिना पक्षपात के आगे बढ़ने का आशीर्वाद मिलेगा तभी एक सभ्य समाज का निर्माण होगा,,, जब दोनों बराबरी से चलेंगे तब परिवार गांव शहर प्रदेश देश और हमारा भारत आगे बढ़ पाएगा,,,,
मैंने बच्चे के माध्यम से समाज में बेटियों के हो रहे सकारात्मक बदलाव तथा बेटों को अनदेखा किया जा रहा है इसको व्यक्त करने की कोशिश की अपनी प्रतिक्रिया जरुर दें।
#आशीर्वाद#
प्रतियोगिता हेतु कहानी
मंजू तिवारी गुड़गांव
स्वलिखित मौलिक रचना
सर्वाधिकार सुरक्षित
बहुत-बहुत बहुत प्रेरणादायक कहानी इन्हीं विषयों पर देश को जागरूक करने की आवश्यकता है ।टेक्नोलॉजी में तो देश आगे बढ़ ही गया है। बहुत ही सही और सटीक मुद्दा लेकर आपने कहानी लिखी है ।हृदय से आपका आभार है और शुभकामनाएं हैं इसी तरह की प्रेरणादायक कहानियां लिखते रहे।
Bhaut acchi soch,lekin sirf baatein hi ho paa rahi hain, sarkaar kuch nahin kar rahi kuch betiyon dwara uthae ja rahe galat kadamon ko rokane ke liye, matlab ladkon ko jhoothe cases mein bhi betiyon dwara fansaaya ja raha hai.