जो समझदार , वही जिम्मेदार – निशा जैन : Moral Stories in Hindi

ट्रिन… ट्रिन…. ट्रिन…. ट्रिन….  नंदिनी _ हैलो   दीदी, कैसी हो आप? बहुत दिनों बाद याद आई अपनी छोटी भाभी की। आप लोकल ही रहती हो पर कभी ये नही कि मिलने आ जाओ  रश्मि_ अरे घर के काम ही खतम नही होते ,सोचती हूं आने का तो कुछ न कुछ काम आ ही जाता है … Read more

आप कौन? – गीता वाधवानी : Moral Stories in Hindi

 सुंदरलाल  और उसकी पत्नी रेखा दो बेटे रोहन और सोहन, एक प्यारी सी बिटिया सबसे छोटी रश्मि। कुल मिलाकर एक सुखी परिवार। सुंदरलाल की एक रेडीमेड कपड़ों की दुकान थी जो की फैशन के हिसाब से बहुत बढ़िया चलती थी।   तीनों बच्चे पढ़ाई में बहुत बढ़िया नहीं थे। जैसे तैसे दोनों बेटों ने  12वीं कक्षा … Read more

श्रद्धा नहीं तो श्राद्ध कैसा – अर्चना सिंह : Moral Stories in Hindi

कल भादो की पूर्णिमा है और दो दिन बाद मम्मी जी का श्राद्ध वाला दिन है । सामान की लिस्ट बना दी हूँ आप ऑफिस से आते वक्त सारे सामान लेते आइयेगा या मैं तैयार रहूँगी आप मोड़ पर पहुँच कर कॉल करिएगा तो दोनों साथ में चल के ले आएँगे, ये भी सही ही … Read more

मुझसे दूर कहीं ना जा – पूनम बगाई : Moral Stories in Hindi

“किसी को बताया न फिर देखना” नीता ने कहा। “पर आंटी, मम्मी को तो बता सकती हूँ” छोटी नित्या ने रोते हुए बोला। “मैं खुद बात कर लूंगी तेरी मम्मी से, वैसे भी तेरी मम्मी तेरी बात कहाँ सुनेगी, वो तो मेरी पक्की सहेली है। जो मैं कहूंगी वही मानेगी” नीता ने आंखें दिखाते हुए … Read more

नेम-प्लेट – पूनम : Moral Stories in Hindi

रमाकांत जी की पिचतरवीं सालगिरह, घर पर बेटा बहू अपने दोनों बच्चों के साथ इसी मौक़े के लिए, ख़ास शाम तक आने वाले थे। रमाकान्त जी की पत्नी शालिनी सुबह से ही बेटे बहू के आने की ख़ुशी में तरह तरह के व्यंजन तैयार कर रही थी। बेटा विशाल, बहू नैना और दोनों पोते बहुत … Read more

जीवन का सच – डॉ आरती द्विवेदी : Moral Stories in Hindi

 छोटे से गाँव में रहने वाला मोहन, एक साधारण आदमी था। उसके जीवन में कुछ खास नहीं था, लेकिन उसके दिल में सपने और इच्छाएँ थीं। वह गाँव में अपने माता-पिता के साथ रहता था और खेतों में काम करता था। उसके पास बड़े-बड़े सपने थे, लेकिन हालातों की बंदिशों ने उसे अपनी जड़ों से … Read more

यह जीवन का सच है – के कामेश्वरी : Moral Stories in Hindi

मैंने सोचा आज ऑफिस जाने के पहले एक बार मंदिर चला जाता हूँ । यही मेरी आदत भी है कि जब भी दिल कहता है सीधे ईश्वर के पास माथा टेकने चला जाता हूँ । मैंने अभी सीढ़ियों पर पैर रखा ही था कि वहाँ बैठी हुई औरतों में एक औरत कुछ जानी पहचानी सी … Read more

“इंतहा स्वार्थ की” – कुमुद मोहन : Moral Stories in Hindi

“देखो बेटा। मैं अब अगले महीने रिटायर होने वाला हूँ। बहुत दिनों से अम्मा के मोतियाबिंद का आपरेशन टाल रहा था कि ऑफिस से छुट्टी पाऊंगा तो आराम से करा दूंगा। घर का खर्च तो मेरी पेंशन में जैसे तैसे हो ही जाएगा। मैं ये चाहता हूँ कि तुम भी अब घर के खर्चे में … Read more

तेरा -मेरा छोड़ो, खुशियों से नाता जोड़ो.. – संगीता त्रिपाठी : Moral Stories in Hindi

घर में आते ही आदेश ने रेवा को सूचना दी “परसों सुबह की ट्रेन से मम्मी -पापा आ रहे है..” “ओह, इसीलिये आवाज से खुशी छलकी जा रही है, परसों से तो हम आपके लिये गैर हो जायेंगे..”रेवा तल्ख़ होकर बोली “कैसी बात करती हो रेवा, गैर क्यों होगी, और मुझे खुशी क्यों नहीं होगी, … Read more

जिम्मेदारियों में कैसा गुड न्यूज़ – रश्मि प्रकाश : Moral Stories in Hindi

“अच्छा सुनो एक गुड न्यूज़ है… भैया की बेटे की शादी तय हो गई है दो दिन बाद सगाई है हमें जाना है।”निकुंज ने राशि को ऑफिस से फोन कर गुड न्यूज़ दे पैकिंग करने को कह दिया. राशि कुछ कहती इससे पहले निकुंज ने फ़ोन रख दिया. शाम को जब निकुंज ऑफिस से घर … Read more

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