आगे की कहानी******
अनुज चुपचाप सोचता रहा कि.. भैया क्या कहेंगे… कुछ कहेंगे या नहीं… पर तरुण कुछ नहीं बोला…
दूसरे दिन सुबह… वह घर के लिए निकल गया… घर पहुंचा तो मां ने सवालों की झड़ी लगा दी… कैसा है अनुज…? खाता पीता है कि नहीं.. ठीक से…तू इतनी जल्दी क्यों आ गया… कुछ दिन और रुक जाता ना… एक बार वह अच्छे से ठीक हो जाता… तब तुझे आना था… मैं तो तुम्हारे पापा को छोड़ ही नहीं पाऊंगी… नहीं तो.. मैं खुद चली जाती… यहां से चली जाऊंगी.. तो उनकी ड्यूटी.. टाइम.. खाना पीना सब बिगड़ जाएगा….
मां की बातें खत्म होने का नाम ही नहीं ले रही थी… तरुण ने बीच में ही… मां को टोक कर.. बड़े ही सधे शब्दों में कहा… मां अनुज की शादी कर दो… मां थोड़ा अचकचा गई फिर बोली…” क्या हुआ.. ऐसे क्यों बोल रहा है… कुछ हुआ क्या… “
“नहीं मां कुछ नहीं हुआ…. अभी तक कुछ नहीं हुआ… इसलिए कह रहा हूं… आगे भी कुछ ना हो.. इसलिए उसकी शादी कर दो…”
इसके बाद तरुण ने वहां हुई सारी बातें… संक्षेप में मां से कह सुनाई… और साथ में अपना फैसला भी… “मां मेरी नौकरी जब लगेगी तब लगेगी… मेरे कारण अब और उसकी जिंदगी के साथ खिलवाड़ नहीं होना चाहिए… तुम तो सब जानती हो मां… मेरे साथ क्या हुआ… वही सब मैं अपने भाई के साथ कभी नहीं होने दूंगा… पापा को समझा लो… तुम्हें भी तो तब उसकी उतनी फिक्र नहीं करनी पड़ेगी… बस मां अब कोई ऐसी बात नहीं करना… जिससे पापा ना कर दें… सब तुम्हारे हाथ में है… पापा को मना लो….!
सुदेश जी कतई मानने को तैयार नहीं थे… लेकिन फिर… जानकी जी और तरुण के बहुत समझाने पर… और अनुज की खामोशी का… असर पड़ ही गया… वह भी बुझे मन से तैयार हो गए…!
प्रमिला के माता-पिता तो पहले से तैयार बैठे थे… बात शुरू होते ही फाइनल हो गई… एक महीने में ही दिन भी फाइनल हो गया… अनुज की शादी होने वाली थी.. पूरे 1 महीने बाद 10 तारीख को…
सुदेश जी अनमने भाव से सभी तैयारी में जुटे थे… अब उन्होंने घर में बोलना बहुत कम कर दिया था… बहुत खोए खोए से रहते थे.…. मां को तो चिंता भी होने लगी थी…
एक दिन तरुण अपने कमरे में किताबों में उलझा पड़ा था… जानकी जी आईं और चुपचाप बिस्तर के किनारे बैठ गईं बोलीं…” तरुण.. पापा आजकल कुछ ज्यादा ही शांत हो गए हैं.. तुम्हें नहीं लगता… इतना चुप रहना भी तो ठीक नहीं… कहीं बीमार ना पड़ जाएं… पहले और कुछ नहीं तो तुम्हारी ही दो बातें कर तो लेते थे…. अभी तो बिल्कुल चुप हो गए हैं…!
तरुण जैसे नींद से जागते हुए बोला…” ऊं…हां मां ठीक कह रही हो तुम…. चिंता मत करो… शादी के बाद सब ठीक हो जाएगा… पापा के मन की नहीं होती… तो पापा ऐसे ही चुप हो जाते हैं…अब जो समय की जरूरत है वह तो होगा ही ना….!”
तरुण मां को समझा तो गया… पर खुद चिंता में पड़ गया… कहीं पापा सचमुच बीमार ना पड़ जाएं…
लेकिन उसके पास सोचने के लिए ज्यादा वक्त नहीं था… इस बार उसका लास्ट अटेम्प्ट था पीसीएस का… फाइनल पेपर… डेट अभी तक नहीं आए थे… एक एग्जाम कैंसिल हो जाने के बाद… अब उसका पूरा फोकस अपने इसी पेपर पर था….!
शादी की तैयारी के बीच ही तरुण की परीक्षा का डेट अनाउंस हो गया…. 10 को ही उसका पेपर भी था…. वह मां से बोला.. मां मेरा पेपर भी 10 को है मां सोचने लगी… फिर बोली…” शादी आगे बढ़वा देते हैं….”
तरुण ने मां से कहा कि यह बात पापा और अनुज से ना बताएं… और शादी कैंसिल करने के बारे में तो सोचना भी नहीं…” अरे बेटा तू नहीं रहेगा अनुज के ब्याह में….!”
मां तुम तो सब जानती हो… एक तरह से अच्छा ही है.. मैं ना रहूं… मुझे देखकर चार बातें होंगी पापा और परेशान होंगे…”
“नहीं ऐसा थोड़ी होता है…!”
“तुम समझो ना… प्लीज मां… बाद में बता देंगे… अभी किसी से कुछ ना कहना….!”
मां की आंखों में आंसू छलक आए….” बेटों की शादी होगी… कितने अरमान थे… पर ऐसे पूरे होंगे यह न चाहा था…!”
“छोड़ो ना मां… तुम बहू के आने की तैयारी करो…!”
अनुज घर आ गया था… परसों शादी थी… सब तैयारी जोर-शोर से चल रही थी… अनुज बहुत खुश था… तरुण से बोला..” भैया तुम्हारे ऊपर यह शेरवानी बहुत जंचेगी… यही पहनना शादी में… मैं लाया हूं खास तुम्हारे लिए…”
तरुण ने सोचा अब बता देना चाहिए… वह उसके कंधे पर हाथ रखकर बोला…” मैं नहीं आ पाऊंगा..” अनुज जैसे चौंक गया… “क्यों.. आप क्यों नहीं आओगे…?
“अरे वह मेरा पेपर.. उसी दिन का डेट आया है.. अभी दो ही चार दिन पहले तो डिक्लेयर हुआ…!”
” भैया तब तो डेट आगे बढ़ाना पड़ेगा… आप कैसे नहीं जाएंगे…!”
तरुण हंसते हुए बोला…” क्यों जी.. मेरी शादी है क्या… तुम जा ही रहे हो… एक बाराती कम हो जाने से क्या फर्क पड़ता है….”
” भैया कैसी बात करते हो….”
लेकिन सच तो यही था कि अनुज बहुत आसानी से मान गया… जितना तरुण ने सोच रखा था.. यह उतना कठिन नहीं था… उसे मनाना… पापा ने भी कोई प्रतिक्रिया नहीं दी… फाइनली यह तय हो गया कि… बारात से एक दिन पहले… यानी कल ही तरुण अपने फाइनल पेपर के लिए… कानपुर निकलेगा… और अनुज अपनी शादी के लिए बारात के साथ कोलकाता…..!
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रश्मि झा मिश्रा