माँ को गुलाबी रंग की जरी के काम वाली साड़ी को निहारता हुए देख रोहन माँ से साड़ी लेने की जिद करने लगा |
माँ आप भी ले ले ना एक साड़ी, मेरी बारात मे पहनने के लिए |मै मै क्या करुँगी? अनु ने अपनी नज़रे गुलाबी साड़ी से चुराते हुए कहा |मेरे पास इतने कपड़े है और अब इतनी भारी साड़ी…… कहते हुए अनु के मन की नमी उसकी आवाज़ मे उतर आयी |
आपके पास तो सब लाइट कलर है, पहले आप कैसे गुलाबी चटक रंग पहनती थी | बेटा वो पहले की पसंद थी जब तुम्हारे पापा थे |
पापा तो आज भी हमारे दिलों मे है माँ, पर उसके लिए तमाम चाहतों से रिश्ता तोड़ देना…. मुझे नहीं पता आप बस मेरी शादी मे ये गुलाबी साड़ी ही पहनेगी |माँ ले लीजिये ना ये साड़ी आप पर खूब जचेंगी |रोहन को जिद करता देख अनु गुस्से मे उन दोनों को कहने लगी बहू ऑलमोस्ट शॉपिंग हो गई है, मै थक भी गई हूँ, मै घर जा रही हूँ तुम दोनों को कुछ और लेना हो तो देख लेना |कहते हुए अनु शोरूम से बाहर निकल गई |
बेटे रोहन की शादी होने वाली थी इसलिए वो होने वाली बहू को कपड़ो की शॉपिंग कराने आयी थी हर समय सजने सवरने वाली अनु ने पति के देहांत के बाद रंगों से रिश्ता तोड़ लिया था घर आते ही पति की यादों मे गुम उसकी आँख लग गई |
वो तो सोती ही रहती अगर रोहन आ कर उसे ना जागता |माँ तबीयत तो ठीक है? इतनी देर तक सो रही है |अनु ने उठते हुए कहा बस थोड़ा थक गई थी, और हो गई तुम दोनों की शॉपिंग?
हां माँ, चाय बना दो फ्रेश हो कर आता हूँ |ये क्या है रोहन के हाथ मे शॉपिंग बैग की तरफ इशारा करते हुए पूछा
ये आपकी होने वाली बहू ने गिफ्ट भेजा है आपके लिए बैग अनु को पकड़ाते हुए रोहन कमरे से बाहर चला गया |बैग खोलते ही उसमे रखी गुलाबी साड़ी को देख कर वो हैरान गई क्यूंकि ये वही साड़ी थी जिसे नज़रे बचा बचा कर वो निहार रही थी साथ मे एक खूबसूरत सा कार्ड भी था जिसमें लिखें शब्दों को पढ़ते हुए उसकी आँखे बरसने लगी प्यारी माँ आपको इस तरह बेरंग देख कर पापा भी उदास हो जाते, पापा से आपके प्यार का पैमाना रंगों और चाहतों से नाता तोड़ देने पर नहीं जांचा जाएगा |वो प्यार आपके अंदर हमेशा रहेगा |आपको हमारी शादी मे बेरंग नहीं प्यार के रंगों से भरे हुए दिखना है |
जब रोहन फ्रेश हो कर माँ के पास आया तो अनु साड़ी लगा कर दिखाते हुए बेटे से पूछने लगी “बता बेटा लग रही हूँ ना दुल्हे की माँ |माँ को इस तरह खुश देख कर रोहन माँ के गले लग गया |
मौलिक
पिंकी नारंग