आभा ने आज विभा से कहा आजकल निभा हमसे थोड़ी खींची खिंची रहती है ढंग से बात भी नहीं करती पता नहीं क्या बात है । जबसे यहां आई हूं देख रही हूं दूर दूर है मुझसे।
जरा तुम बात करना निभा से क्या बात है क्या बात हो गई है। अच्छा आभा दी मुझे जैसे ही मौका मिलता है मैं बात करती हूं निभा से ।आज सभी बहनें शुभा के पति के रिटायर मेंट की पार्टी में आई हुई है।
आभा , विभा, शुभा और निभा ये चार बहनें हैं । जिसमें आभार सबसे बड़ी है और निभा सबसे छोटी । आभा और निभा की शादी एक ही शहर में हुई है और दोनों का घर भी एक किलोमीटर के अंतराल पर है।और विभा और शुभा की शादी एक ही शहर में हुई है।
आज तीसरी बहन शुभा के पति देव बैंक से रिटायर हुए हैं उसी की पार्टी में शामिल होने को सब इकट्ठे हुए हैं।
निभा के पति का तो हाल पहले आकस्मिक मृत्यु हो गई थी।उसके दो बच्चे हैं घर में दो देवर और सास-ससुर है । निभा स्कूल में टीचिंग करती है उसी से बच्चों की पढ़ाई लिखाई होती है । बड़ी बहन होने के नाते आभा भी हर वक्त निभा की मदद करती रहती है।जब निभा के पति की मृत्यु हुई थी उस समय निभा की बेटी इंटर में पढ़ रही थी।
निभा को यूरीन संबंधी कुछ प्राब्लम थी , यूरीन पास नहीं होती थी।यूरीन नदी में कोई ग्रोथ हो गई थी जिसका आपरेशन कराना था। सास-ससुर से कुछ खास बनती नहीं थी तो वो लोग कोई ध्यान नहीं देते थे। तो आभा ने और उनके पति ने मिलकर आपरेशन कराया पैसा भी लगाया । ऐसे ही निभा के पति भी स्कूल में टीचर थे
तो मृत्यु के बाद फण्ड का पैसा नहीं मिल रही था तो आभा के पति जीजा जी ने कोशिश करके सब निकलवाया।इसी तरह एक लड़का निभा को सोशल मीडिया पर ब्लैक मेल कर रहा था थाने कचहरी के चक्कर लगा कर उस लड़के को अरेस्ट करवाया तब जाकर निभा का पीछा छूटा। ऐसे ही किसी न किसी तरह से आभार और उनके पति निभा की मदद करते रहते हैं।
निभा की बेटी अब बड़ी हो गई थी और दिल्ली में कोई कोर्स कर रही थी। दिल्ली में ही आभाका बेटा भी रहता था वहां भी निभा की बेटी मंजरी को कोई काम हो तो मदद करता रहता था आभा का बेटा रोहित। निभा की बेटी बहुत मुंहफट और बदतमीज थी कुछ भी किसी को बोल देती थी वो मम्मी को भी उल्टी सीधी पट्टी पढ़ाती रहती थी ।
दीवाली में आभा का बेटा रोहित घर आ रहा था तो मंजरी भी बोली भइया गाड़ी में रिजर्वेशन नहीं मिल रहा है मैं भी तुम्हारे साथ चलूंगी घर । रोहित बोला देखो तुमने पहले से नहीं बताया था मेरे साथ मेरा एक दोस्त और उसकी फैमिली भी जा रही है ग्वालियर छोड़ना है इसलिए डिग्गी में सामान रखने की जगह नहीं है
तुम कोई छोटा सा बैग लेकर आना तो किसी तरह अजेस्ट कर लूंगा । मना करने पर भी वो बड़ा सा अटैची लेकर आ गई । रोहित का बड़ा गुस्सा आया फिर भी जैसे तैसे अजेस्ट किया।
दीवाली के बाद जाते समय फिर वो कहने लगी मुझे भी वापस चलना है तो निभा ने आभा से बात की ।आभा ने कहा इसबार रोहित के साथ हमलोग भी जा रहे हैं दिल्ली सामान रखने की ज्यादा जगह नहीं है यदि छोटा सामान हो तो हो सकता है तो निभा ने कहा नहीं उसके पास बड़ा सामान है ।
बस इसी बात से निभा तुमसे नाराज़ हैं आभा दी । मैंने बात की थी निभा तो ज्यादा कुछ ंनहींबोल रही थी लेकिन मंजरी कह रही थी बड़ा घमंड हो गया है मौसी को अपने गाड़ी और पैसे का , नहीं जरूरत है उनके अहसान की । विभा बोली इतना हर समय करते रहते हैं आभा दी और जीजा जी करते रहते हैं
तो क्या अब नहीं चाहिए उनकी मदद बस इसी बात से मनमुटाव हो गया है । तभी से तुमसे ठीक से बात नहीं कर रही है निभा भी अब बस बच्चों की सुनती है ।
दोस्तों आपस में ऐसी छोटी मोटी बातें हो जाता करती है । लेकिन यदि एक बार इस तरह की बातें मन में बैठ जाएं तो फिर कभी खत्म नहीं होती ।आप ऊपर से कितना भी दिखावा कर लो कि हम भूल गए। लेकिन मन में कहीं न कहीं वो बात जमी रहती है ।और वही हुआ।आभा और
निभा इतने पास रहकर भी दिलों में दूरियां बना गई है । बात तो होती है लेकिन घर आना जाना सालों तक नहीं होता जहां करीब करीब हर दूसरे तीसरे दिन हो जाता करता था। कभी कभी हम बड़े लोग भी बच्चों की बातों में आ जाते हैं खुद नहीं समझते कि क्या सही है और क्या ग़लत।इस मनमुटाव की वजह से रिश्ते हमेशा के लिए खराब हो जाते हैं ।
धन्यवाद
मंजू ओमर
झांसी उत्तर प्रदेश
4जून
#मनमुटाव