आज नीला का मन बहुत उद्गिन था, जितनी तेजी से हाथ चल रहे थे उससे भी ज्यादा तेजी से मन के विचार चल रहे थे, अलमारी साफ़ करते हुए 25 साल का रिश्ता धराशाई हो गया,
राघव कभी नीला से सीधे मुहँ बात नहीं करता था एक शो पीस की तरह इस्तेमाल करता था या फिर बिस्तर पर…
सब सह जाती थी किसी ना किसी उम्मीद में, शादी के बाद जब पता चला कि उसके पति राघव का एक स्ट्रॉन्ग रिश्ता रहा था किसी से तब भी सह लिया इस उम्मीद में कि अतीत ही तो था पर उसकी चाहत उसका प्यार राघव के मन मे एक ना एक दिन उसकी जगह बना ही देगा,पर वो दिन कभी नहीं आया और 15 साल का लम्बा समय बीत गया ।
सब ढल रहा था पर नीला की उम्मीद नहीं।
पर आज वो छोटा सा बक्सा उसकी नजर मे आया जिसमें राघव और उसकी प्रेयसी शीला के फोटो थे प्रेम पत्र थे,,सबसे बड़ी बात 2 फोटो परसों रात की थी जिसमें राघव ऑफिस मीटिंग का कहकर गया था पर वो शीला के साथ था, शीला से राघव ने फिर मिलना शुरू कर दिया पर कब से और क्यूँ ?
नीला बात करना चाह रही थी,खुलकर चिल्लाना रोना चाह रही थी पर नीला और राघव के 15 साल के वैवाहिक जीवन मे नीला कभी राघव पर हक जमा ही नहीं पायी या यूं कहें कि राघव ने नीला को वो हक कभी दिया ही नहीं,
नीला को याद आने लगा कहीं बाहर जाने को Atleast अपनी मनपसंद पानीपूरी खाने का बहुत मन होते हुए भी कभी राघव से नहीं कह पाती थी एक अजीब सा डर लगता था राघव से अपनी बात कहते हुए।
शाम से पहले ही आज राघव थोड़ा जल्दी घर आया और अस्तव्यस्त सा घर देखते हुए अनमना हो गया नीला को इधर-उधर देखता राघव लॉन मे पहुंचा और बगीचे मे बैठी नीला को आवाज दी पर नीला तो जैसे कहीं और थी राघव पास आया और नीला के सामने उसका खुला बक्सा देखकर थोड़ा हैरान हुआ पर चेहरे पर सख्ती लाकर एक तरह से नीला को झिंझोड ही दिया था राघव ने,
नीला अचकचा कर राघव को देखने लगी जो उस पर बरसे जा रहा था और बहुत ढिढाई से नीला पर ही आरोप लगाए जा रहा था, भरी भरी आँखों से रुलाई रोकती नीला राघव को अचम्भे से देखे जा रही थी कि कितनी आसानी से अपनी सारी गलतियों का ठीकरा नीला पर फोड़े जा रहा था।
आज उसकी सारी उम्मीद सीने मे कहीं अंदर तक जाकर दफन हो गयी छलछलाती आंखे पथरा गयी एक गहरा मौन उसके होठों पर बस गया,
पुराने ज़माने की थी इसीलिए तलाक नहीं ले सकती थी, मायके वालो ने समबन्ध विवाह के बाद ही समाप्त कर दिया था।
उम्मीदों की आस लगाए जिंदगी जीते जीते नीला के पास अब सिर्फ बेबसी बची थी सिर्फ और सिर्फ बेबसी।