सीमा जब से कालिज से आई चुपचाप खिड़की के पास बैठ गयी । कालिज में भी बहुत बैचेन थी पर एक डिग्री कालिज की प्रिसींपल की बहुत जिम्मेदारी होती हैं पूरे दिन किसी को महसूस नहीं होने दिया । अब भी वह अपने को बहुत सम्भालने की कोशिश कर रही थी क्योंकि मेघना के आने का समय हो गया था और वह नहीं चाहती थी कि वह अपनी मां को बैचेन देखे ।
आज अचानक 20 साल बाद अनुज को देखकर वह अचम्भित हो गयी । अनुज भी उसको देखकर थोड़ा ठिठका जब कालिज कर्मचारी उसका विजिटिंग कार्ड लेकर आया था तब उसने सोचा भी नहीं था कि ये अनुज होगा । अनुज ने जब कहा कि क्या मै बैठ सकता हूँ तब वह सम्भली और बोली बैठिये । अनुज बोला मै यहाँ एक एडमीशन के लिये आया हूँ मेरी बेटी है मेरा यहाँ तबादला हुआ है। मैने उसका फार्म भर दिया है। जब वह जाने लगा तो बोला मुझे तुमसे कुछ बात करनी है। सीमा ने कठोरता से कहा ये कालिज है और कृपया मुझसे मिलने की कोशिश मत करना ।
घर आकर पिछली जिन्दगी में उलझ गयी । अनुज उसके पड़ोस में रहता था । वह और अनुज एक ही कालिज में पढ़ते थे । दोनों में बहुत अच्छी मित्रता थी । यौवनावस्था आकर्षण तो होना ही था । दोनों की पढाई का आखिरी साल था । दोनों मे नजदीकियां बढने लगी पर दोनों भूल गये कि जाति अन्तर मिलने नहीं देगा । एक रात सीमा के घर वाले बाहर गये हुये थे । सीमा घर पर अकेली थी । बाहर मौसम बहुत सुहावना था । अनुज किसी काम से सीमा के घर आया दोनों बात कर ही रहे थे कि बारिश शुरू हो गयी अचानक तेज बारिश और तूफान सा आने लगा । सीमा परेशान होने लगी कि सब परिवार कैसे लौटेगा । रात का समय है उसे डर भी लगने लगा । अनुज बोला सीमा मै तुम्हारे पास ही रुकता हूँ जब ये तूफान थम ना जाये और सब लोग आ ना जाये । इतनी देर में तेज बिजली चमकी और उस आवाज से सीमा डर कर अनुज से लिपट गयी ।
ये एक अचानक घटना थी दोनों अपने होश खो बैठे और वह सब कुछ होगया जो नहीं होना था । सीमा रोने लगी अनुज बिलकुल शान्त रहा । दोनों की परीक्षा समाप्त हो गयी । सीमा उससे मिलने की कोशिश करती पर वह कतराता था । दो महीने बाद सीमा को अन्दर कुछ हलचल महसूस हुई । वह बहुत घबड़ाई जब उसने अपनी बड़ी बहन को सारी बाते बताई उन्होंने पहले तो उसको डांटा फिर डा. के पास ले गयी । पता लगा कि गर्भ है मां बाप अपना सर पकड़ कर बैठ गये । जब वह अनुज के घर गये और अनुज और उसके मां बाप से बात की तो वह एक दम से क्रोधित हो गये और अनुज तो साफ मुकर गया । कुछ दिन बाद अनुज का परिवार दूसरे शहर चला गया । सीमा से सबने बहुत दबाव बनाया कि वह बच्चा गिरा दे पर वह तैयार नहीं हुई । उसने सर्विस के लिये आवेदन किये और वह डिग्री कालिज में प्रवक्ता हो गयी । दूसरे शहर आकर उसने बच्ची को जन्म दिया । सबको पता था कि ये तलाकशुदा है। मेघा को भी शुरू से यही पता था । मेघा को किसी बात की कमी नहीं थी वह मां से बहुत जुड़ी हुई थी । अभी कुछ दिन पहले ही वह प्रिंन्सीपल पोस्ट पर नियुक्त हुई थी ।
सब सोचने के बाद उसने निर्णय लिया कि वह अनुज से नहीं मिलेगी । बारिश के मौसम का प्यार एक तूफान था जो बारिश के साथ चला गया ।अब वह पहले से अधिक दृढ़ दिखाई दे रही थी ।
स्व रचित
डा.मधु आंधीवाल एड.
अलीगढ