युवराज व शुभम एक ही कक्षा व स्कूल में पढ़तें थे दोनों बहुत गहरें दोस्त थे…पर दोनों के परिवारों में जमीन-आसमान का अंतर था…सच कहूँ तो कृष्ण-सुदामा की जोड़ी थी…!!!!
शुभम पढ़नें में बहुत तेज था इसलिए स्कालरशिप से उसका इतनें बड़े स्कूल में दाखिला हो गया था…वहाँ सभी पैसे वाले परिवारों के बच्चे थे और अंहकार भी बहुत था पर युवराज सबसे अलग था पर उसके शुभम के साथ रहने पर उसकी हँसी भी उड़ातें थे वो तो अपनी मस्ती में मस्त रहता था…!!!!
बरसात का मौसम आ गया था… बच्चाें को स्कूल में भी मजा आता था… वो वहाँ बरसात का भरपूर आनंद उठातें थे क्योंकि घर पर तो वो भीग ही नहीं पातें थे…शुभम कभी भी बाहर नहीं आता भीगनें तो युवराज भी नहीं जा पाता उसकी इच्छा होती थी पर दोस्त के खातिर रूक जाता था..!!
एक दिन तो उसे गुस्सा आ गया और वो गुस्सें में बोला कि मैं तेरे लिये इतना सोचता हूँ तू मेरे लिये एक दिन भीग भी नहीं सकता हैं तो शुभम की आँखों में आँसू भर आये बोला….यार ! झोपड़ी में रहता हूँ जिसमें दिन-रात पानी टपकता है..बड़ी मुश्किल से एक सूखा कोना ढूँढकर बैठें रहतें है कई बार तो पूरी पूरी रात ऐसे ही गुज़र जाती है…यहाँ आकर थोड़ी सी राहत मिलती हैं..आज तेरे लियें जरूर भीगूँगा कहता हुआ वो युवराज को खीचतें हुयें बाहर आ गया…दोनों भीग गयें थे और दोनों की आँखों में पानी था…!!!!
उस दिन घर आकर भी युवराज का मन नहीं लग रहा था बहुत उदास था वो तो मम्मी ने कारण पूछा तो रोनें लगा वो घबरा गयी बोलो बेटा!क्या हुआ हैं..??
उसने सारा किस्सा मम्मी को बताया और बोला कि हम कुछ नहीं कर सकतें क्या..? मैं पापा से बात करके बताऊँगी…!!!!
शाम को जब सुयश आये तो नीलिमा ने पूरी बात बताई व एक सुझाव जो उसने सोचा था कि…क्यूँ ना हम टीन का शेड उनकी छत पर डलवा दें तो उनकी छत टपकनें की समस्या खत्म हो जायेगी… आईडिया अच्छा था युवराज को साथ लेकर वो शुभम के घर गये…घर पता था क्योंकि युवराज के जन्मदिन पर वही लातें व छोड़तें थे…वहाँ पहुँचकर शुभम के मम्मी-पापा से बात की वो पहले तो मना करतें रहें पर बच्चें की बात नहीं टाल पायें..पास ही एक दुकान से बुलाकर बात करके नाप ले लिया और सुयश ने पूरा पेमेंट भी कर दिया…एक-दो दिन में शेड लग जायेगा…!!
आज शेड लग गया और शुभम व उसका परिवार आज रात सुकून की नींद सोया था जबकि पूरी रात मूसलाधार बारिश हो रही थी…सुबह स्कूल जातें समय भी थी….आज स्कूल में शुभम ने पहले युवराज का शुक्रिया किया और फिर बोला चल बारिश में मस्ती करतें हैं….. आज दोनों को बारिश में भीगनें की असली खुशी मिली थी..!!!!
बारिश की हर बूँद से…
दिल में जल-तंरग…
बजनें लगते हैं…!!!!!
पर….उनका क्या..??
जिनके यहाँ बादल…
बिना छत के बरसतें हैं…!!!!
#बरसात
गुरविंदर टूटेजा
उज्जैन (म.प्र.)