पूर्णिमा जी उठ कर कमरे से बाहर निकलीं तो आश्चर्य से देखती हीं रह गईं । कांता जी टी वी के आगे चटाई बिछाकर योगा कर रही थीं…,.. रमाकांत जी पौधों को पानी दे रहे थे ,……सुधीर चुन्नू को नहला रहा था और रूबी रसोई में चाय बना रही थी ।
पूर्णिमा जी ने आंखे मलते हुए अपनी बहन कांता से पूछा, “जिज्जी…, मुझे उठने में देर हो गई क्या ???? लगता है कमरे की घड़ी खराब है । ,,
कांता जी ने लम्बी सांस लेते हुए कहा, ” अरे नहीं पूर्णिमा …., घड़ी बिलकुल सही है.. । तूं कल रात सफर से थकी हुई आई थी ना इसलिए तुझे जगाया नहीं । ,,
” लेकिन जिज्जी .. जब मैं पिछली बार यहाँ आई थी तब तो तुम देर तक सोती रहती थी ….और जीजा जी भी सुबह टी वी देखने में मशगूल रहते थे। और ये शैतान सुधीर… ये तो कभी खुद से पानी भी लेकर नहीं पीता था। ,,
कांता जी चटाई पर से उठते हुए बोलीं , ” अरे हां पूर्णिमा… पहले हमारी दिनचर्या यही थी । लेकिन जब से मुझे हार्ट अटैक का पहला दौरा आया है तब से रूबी ने हम सब की दिनचर्या और खान- पान में सख्ती से बदलाव कर दिया है । ,,
” अच्छा जी !!! और हमारी हिटलर जिज्जी और आलसी जीजा जी अपनी बहु का कहना मानने लगे !!! ,,
हा हा हा.. .. हंसते हुए कांता जी बोलीं , ” हाँ छोटी….. इस एक झटके ने हमें सिखा दिया कि जिंदगी का कोई भरोसा नहीं…कब हाथ से रेत की भांति फिसल जाए….। जिंदगी ने मुझे दूसरा मौका दिया है तो स्वस्थ रहने के लिए हम थोड़ी कोशिश तो कर ही सकते हैं… ।,,
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तब तक रूबी भी सबके लिए चाय लेकर आ गई । रमाकांत भी आ कर कुर्सी पर बैठ गए ।
पूर्णिमा ने रमाकांत की ओर देखते हुए कहा, ” क्या बात है जीजा जी….. आजकल तो आप भी काम करने लगे !!!,,
” हाँ साली साहिबा…… अब समझ में आ गया कि औरतें कैसे सारा दिन घर संभालती हैं । जब तुम्हारी दीदी बीमार थी तब बहु भी सारा दिन घर के कामों और कांता की देखभाल में परेशान हो जाती थी। तब ये भी समझ में आया कि हम पुरुष …औरतों पर कितने आश्रित रहते हैं ।
ज्यादा तो नहीं लेकिन जितना मुझे आता है कम से कम उतना तो मैं कर ही सकता हूं …। फिर मेरी कसरत भी हो जाती है और मन भी लगा रहता है । ,,
” और हाँ मौसी ….. घर हम सब का है तो जिम्मेदारी भी तो सब की होनी चाहिए ना ।… चुन्नू के छोटे मोटे काम कर देता हूँ तो रूबी को भी थोड़ा वक्त मिल जाता है ।,, सुधीर ने भी
मुस्कुराते हुए कहा ।
पूर्णिमा जी ने रूबी की ओर देखत हुए कहा , वाह बहु… तुमने तो घर की हवा ही बदल दी….।,,
” नहीं मौसी जी… मैंने नहीं….मम्मी जी को आए इस अनचाहे झटके ने हमारे घर की हवा बदल दी। ,, रूबी ने हंसते हुए कहा ।
सभी हंसते- बोलते चाय का आनंद ले रहे थे ।
#बहू
सविता गोयल