Moral stories in hindi : खूबसूरत ब्यूटी पार्लर पूरे शहर की महिलाओं के बीच जाना पहचाना नाम है… मानसी इस पार्लर की ओनर आज की कहानी की नायिका है….
बीस साल की उम्र में मानसी को उसके सास ससुर ने एक शादी में देखने के बाद उसके घर रिश्ता भेजा… मुझे अपने इंजीनियर बेटे के लिए मानसी का हाथ चाहिए… कोई दान दहेज नहीं.. बीए फाइनल का एग्जाम होते हीं मानसी का रिश्ता रौनक से तय हो गया…. पहले मंगनी फिर धूमधाम से शादी…. छोटा सा परिवार रौनक और रवि दो भाई और माता पिता… मानसी को पहले हीं दिन सास ससुर ने कहा हम दिल से तुम्हे #बहु नही बेटी #जैसा प्यार दुलार देंगे.. भोली भाली मानसी को ससुराल में खूब प्यार दुलार मिला…. हनीमून के लिए दोनो अंडमान निकोबार द्वीप चले गए.. सास ससुर की ओर से सरप्राइज गिफ्ट था…
हंसते मुस्कुराते दिन कट रहे थे…. कुछ दिनों से रौनक की तबीयत बिगड़ी हुई थी… मानसी ने दो चार दिन आराम करने की सलाह दी… पर बुखार ठीक होने का नाम नहीं ले रहा था… डॉक्टर के पास रवि रौनक को लेकर गया .. कुछ टेस्ट के बाद पता चला कैंसर के लास्ट स्टेज में है रौनक… पूरा परिवार तो जैसे पागल हो गया…. मानसी का रो रो कर बुरा हाल था.. सास ससुर ने थोड़ी हिम्मत की मानसी की स्थिति देखकर.. अभी तो शादी के तीन साल हीं हुए थे ओह…
मुंबई से भी रौनक वापस आ गया… डॉक्टर ने घर ले जाने की सलाह दी..
और एक दिन पूरे परिवार को रोता बिलखता छोड़ रौनक दुनिया से चला गया… मानसी की सुनी मांग देख सास ससुर का कलेजा फटने लगता… मानसी की सास सिंदूर और बिंदी लगाना छोड़ दिया.. मानसी बेहाल थी.. भाई और पापा मानसी को मायके ले जाने की बहुत कोशिश की पर मानसी सास ससुर को छोड़ कर जाने के लिए तैयार नहीं हुई… कुछ महीने बाद उन्हें मानसी के भविष्य की चिंता होने लगी..
सास ससुर ने मानसी को समझा बुझाकर दिल्ली में अपनी बहन के पास भेजा दो साल का ब्यूटीशियन का कोर्स करने के लिए… मानसी के साथ सास ससुर भी गए एक सप्ताह के लिए.. धीरे धीरे मानसी का मन लगने लगा..
दो साल बाद जब डिग्री लेकर मानसी वापस आई तो सास ससुर ने मानसी के लिए ब्यूटी पार्लर खोलने की बात की… और खूबसूरत ब्यूटी पार्लर खोलने की तैयारी शुरू हो गई.. सास ससुर और रवि के अथक प्रयासों से वो दिन भी आ गया जब ब्यूटी पार्लर का उद्घाटन समारोह होना था.. पोस्टर शहर में लगाया गया था, दिल्ली से ब्यूटीशियन का कोर्स कर के आई है… कई मशीन भी है पार्लर में…
धीरे धीरे शहर में नंबर वन में गिनती होने लगा खूबसूरत ब्यूटी पार्लर…
मानसी के सुघड़ हाथ और मधुर व्यवहार सबके दिलों में जगह बनाने लगा. अपने जीवन के सारे रंग खो चुकी मानसी जिस दुल्हन को सजा देती दुल्हन और देखने वाले ठगे से रह जाते…
एक दिन सास ससुर ने कहा मानसी फ्री होकर मेरे कमरे में आना हमे तुमसे जरूरी बात करनी है. मानसी परेशान हो गई क्या बात है… ये लोग इतने गंभीर क्यों हैं..
अपने बगल में बिठाते हुए मानसी की सास ने उसके सिर पर हाथ रखते हुए कहा बेटा #तुम मेरी बहु नही बेटी की तरह हो #ये हमने तुम्हे पहले दिन हीं कहा था…. हमने इसी शहर में एक लड़का देखा है जो हर तरीके से तुम्हारे काबिल है.. तुम्हारे बारे में सब कुछ सच सच बता दिया है… उसके परिवार को हम अच्छी तरह से जानते हैं.. रवि भी इस बात पर अड़ा हुआ है जब तुम्हारी शादी हो जायेगी तभी वो रिश्ते के लिए हां करेगा… अगर सच में तुम हमे मां बाप समझती हो तो कल उस लड़के से मिल लो… तुम्हारा फैसला हमे स्वीकार्य होगा… मानसी फफक पड़ी.. मैं आप लोगों को छोड़ कर कहीं जाने की सोच भी नहीं सकती.. नही बेटी, बेटियां दूसरे घर की शोभा बढ़ाती है.…और एक हीं शहर में रहेंगे तो हमेशा मिलते रहेंगे… मैं अपनी बेटी की सुखी गृहस्थी देखकर संतुष्ट हो जाऊंगा… तू नही चाहती तेरी मां के माथे पर सिंदूर और बिंदी सजे.. जब तक तू सिंदूर बिंदी नही लगाएगी ये भी…. मानसी सास ससुर के गले लगकर फुट फूट कर रोने लगी.…सास ससुर की आंखों से भी आसूं बह रहे थे…
मानसी की शादी हो गई.. सास ससुर ने कन्यादान किया. देवर रवि ने लावा मिलाने का रसम जो भाई करता है किया.. मानसी के परिवार वाले भरी आंखों से सब देखते रहे….
मानसी अपने ससुराल से बेटी की तरह विदा हुई…. सास ससुर ने अपने वचन को #बहु तुम मेरी बेटी की तरह हो #बहुत अच्छे से निभाया और समाज में एक मिसाल कायम की….
वीणा सिंह
#स्वलिखित सर्वाधिकार सुरक्षित #
Rarest of rare but very nice script hurt touching
Tui nijer spelling thik kor @VirendraChalana