बहू है तो ऐसा ही करेगी – डॉ संगीता अग्रवाल : Short Moral stories in hindi

Short Moral stories in hindi  : मंगल की शादी धूमधाम से शुभी से हो गई थी,शुभी,बहुत पढ़ी लिखी,संस्कारी लेकिन मध्यम वर्गीय घर की सुंदर लड़की थी।

मंगल ने पहली रात ही उसे प्यार से समझा दिया था,मेरा दिल जीतना है तो मेरे बूढ़े मां बाप का ख्याल रखना होगा।

शुभी ने भी हंसकर वायदा किया था उससे,आज से आपके मां बाप,मेरे भी हैं,आपको मरते दम तक शिकायत का मौका न दूंगी।

समय बीतता गया।शुभी के ससुर तो शुभी के किए को समझते भी थे पर सास हमेशा उसकी हर बात पर शक करती,उसे कुछ  न कुछ

कहती रहतीं जिससे उसेबहुत दुख होता पर वो प्रतिज्ञाबद्ध थी अपने पति से कि ये सब खुद हैंडल कर के दिखाएगी।

उसे लगता वो अपनी अच्छाई से सास का दिल जीत ही लेगी।

एक दिन,उने सास को ससुर से कहते सुना,क्यों जी!तुम्हें नहीं लगता,ये बहू जबसे आई है,दूध का स्वाद कम हो गया है,लगता है हम लोगों को ज्यादा पानी मिलाकर देती है दूध,डूब मरें ये आजकल की पढ़ी लिखी लड़कियां,मंगल से कुछ कहना भी चाहो,वो सुनता ही नहीं,जादूगर है शुभी जो मेरे बेटे को वश में कर लिया।

शुभी ने चुपचाप सुना और अगले दिन से ही बहाना बना कर,दूध का भगोना,सास ससुर के कमरे में ही रखवा दिया और उनके सामने ही पलटती सबके लिए।

ससुर हंसते हुए बोले,चलो! तुम्हारी समस्या खुद ही दूर हो गई।

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कुछ दिन चैन से बीते नहीं कि सास ने फिर बहु को लानत दे भेजी…चुल्लू भर पानी में डूब जाए कोई शर्मवाली हो तो…सास बडबडा रही थीं।

अब क्या हुआ?ससुर बोले।

देखो जी!लड़का कितने फल मिठाई,नमकीन,ड्राई फ्रूट लाता है,तुमने खाए क्या?पता नहीं अपने मायके दे आती है या खुद खा जाती है?

क्या गजब करती हो,खाते तो हैं हम सब..क्यों बेचारी पर इल्जाम लगाती हो?ससुर बोले।

लगता है मंगल के साथ साथ,तुम पर भी जादू किया है कुलच्छिनी ने।

बहू ने ,इस बार फ्रिज उनके कमरे में रखवा दिया बहाने से,बिना वजह आपको इतनी दूर आना पड़ता है उसमे से दवाई वगेरह के लिए।

ससुर मुस्कराए…अभी भी कोई शिकायत बची है?

अरे बहुएं तो ऐसी ही होती हैं,जरूर कुछ तो करती ही होगी,वो तो मंगल का डर न हो तो अपना असली रंग दिखाए ये हमें।बुरा सा मुंह बनाते वो बोलीं।

खबरदार अब एक भी शब्द और बोला तो…शुभी के ससुर चिल्लाए।

डूब तो तुम्हें मरना चाहिए चुल्लू भर पानी में वीना जी,मत भूलिए,आप भी कभी बहू थीं,स्त्री होकर एक स्त्री की व्यथा नहीं समझती,धिक्कार है आप पर! मैं चुप रहा शुरू में कि आप सास हैं,थोड़े बहुत नखरे दिखा कर शांत हो जायेंगी पर आपका तो कोई चरित्र ही नहीं,आप एक बेटी की मां भी हैं ,अगर उसकी सास आपकी तरह संगदिल हो तो… “बहू है,वो तो कुछ ऐसा ही करेगी …”क्या मतलब इस बात का?

आप बहू थीं तो ऐसा ही किया था या आपकी बेटी ने ऐसा किया?

वीना की आंखें झुक गई,उसे समझ आ रहा था कि बहु भी किसी की बेटी होती है,अगर वो यहां आकर एडजस्ट होने की कोशिश करती है तो सास का दायित्व होता है उसका साथ देना न की हर समय उसे डूब मरने की बातें सुनाना।

संगीता अग्रवाल

वैशाली

(V) M R | GKK(S)

 

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