बहू के आगमन के बाद ही कड़वाहट क्यों ??? – स्वाती जैन : Moral Stories in Hindi

अच्छा हुआ , जो वह मनहूस जा रही हैं यहां से !! अगर वह खुद से ना जाती तो शायद थोड़े दिनों में मैं ही उसे इस घर से निकाल देती रोशनी अपनी मां गायत्री जी से बोली !!

गायत्री जी बोली – रोशनी यह कैसी बातें कर रही हो तुम , भाभी हैं वह तुम्हारी , उसने हमेशा से इस घर का , हमारा , तुम्हारा सभी का ध्यान रखा हैं और इस घर का भला चाहा हैं !! आज तुमहें जब उसे जाने से रोकना चाहिए , तो तुम उसे फिर से कोस रही हो !!

रोशनी चिल्लाकर बोली कोसूंगी , एक बार नहीं सौ बार कोसूंगी !! उसी की वजह से मेरे भैया इस दुनिया में नहीं रहे !! अगर उस दिन भाभी उन्हें जिद करके बाजार ना ले गई होती तो शायद उनका एक्सीडेंट ना होता और आज भैया हम सभी के बीच मौजूद होते !!

जब से वह मनहूस इस घर में शादी करके आई हैं , हम सभी का जीवन दुखी हो गया हैं !! भैया इस दुनिया से चले गए , आप और पापा अब ज्यादा बीमार रहने लगे हो , मेरी सगाई टूट गई !! याद करो वह दिन जब मैं , भैया , आप और पापा कितना खुश रहते थे मगर उस मनहूस के पांव पडते ही घर बिखर कर रह गया हैं हमारा !! अच्छा हुआ जो अब जा रही हैं इस घर से शायद उसके चले जाने से  हमारे सुख के दिन वापस आ जाए !!

गायत्री जी बोली थोड़ा धीरे बोल रोशनी , कम से कम आज तो उसे शांती दे , कल तो वह यह घर छोड़कर चली जाएगी !!

रोशनी की भाभी शिवांगी मां बेटी का सारा वार्तालाप सुन चुकी थी !!

शिवांगी अपने कमरे में आकर लेट गई और खो गई पुराने दिनों की यादों में जब उसके पति मिहिर जिंदा थे !!

मिहिर घर के इकलौते बेटे थे , मां पिता की आंखों का तारा और रोशनी के लिए तो उसके भाई से बढ़कर दुनिया में कोई नहीं था !! रोशनी अपने भैया से बहुत प्यार करती थी !!

मिहिर की सरकारी नौकरी थी , उसी के चलते वे घर का खर्च और बाकी के एक्स्ट्रा खर्चै भी आसानी से निकाल लेते थे !!

मिहिर और शिवांगी की जब शादी हुई तो रोशनी ने अपना बड़ा वाला कमरा सिर्फ अपने मिहिर भैया की खुशी के लिए खाली कर दिया था !!

शिवांगी से रोशनी को कुछ खास लगाव नही था मगर मिहिर भैया की खुशी के लिए उसने शिवांगी को भी एक्सेप्ट कर लिया था !!

मिहिर और शिवांगी एक दूसरे से बहुत प्यार करते थे !!

मिहिर कभी शिवांगी के लिए कोई गिफ्ट ले आता तो रोशनी चिढ जाती कि उसके भैया उसके लिए गिफ्ट नहीं लाए मगर मिहिर भी रोशनी को सिर्फ चिढ़ा रहे होते वह हमेशा दो गिफ्ट साथ में लाते एक शिवांगी के लिए और दूसरा गिफ्ट रोशनी के लिए !!

उस रोज जब मिहिर का एक्सीडेंट हुआ , शिवांगी ने मिहिर को अपने साथ आने से मना कहा था मगर मिहिर बोला मैं तुम्हें बाईक पर बाजार छोड़ दूंगा !! सामने से एक बडे से ट्रक से टक्कर के कारण उनकी बाईक सड़क के किनारे जा गिरी थी !!

जब शिवांगी को होश आया तो उसने देखा कि मिहिर दुनिया से जा चुका था !! आखिर होनी को कौन टाल सकता हैं ??

मिहिर के जाने के बाद शिवांगी पर पुरे घर की जिम्मेदारी आ गई थी !! शिवांगी पुरी तरह से टूट चुकी थी मगर घरवालों के लिए वह वापस खडी हुई !!

मिहिर और शिवांगी का बेटा सयंम भी अभी सिर्फ तीन साल का ही था !!

मिहिर के माता पिता भी बूढे होने के कारण अब ज्यादा बीमार रहने लगे थे और रोशनी के ससुराल वालो को समझ आ चुका था कि मिहिर के चले जाने के बाद अब उन्हें तगड़ा दहेज नहीं मिल पाएगा इसलिए उन्होंने रोशनी से अपने बेटे की हुई सगाई भी तोड दी थी !!

रोशनी इन सब बातों का जिम्मेदार अपनी भाभी शिवांगी को मानती थी !!

मिहिर के जाने के बाद शायद ही कोई दिन रहा हो जब रोशनी ने शिवांगी से झगड़ा ना किया हो !!

रोशनी झगडे की शुरुवात करती और जब शिवांगी का भी झगड़ा सुन सुनकर सब्र का बांध टूट जाता तब दोनों का खुब झगड़ा होता !!

रोशनी के माता पिता रोशनी को इस बात के लिए बहुत बार डांट फटकार लगा चुके थे कि वह बेवजह झगड़े की शुरुवात क्यों करती हैं ?? वे लोग शिवांगी को अच्छे से जानते थे इसलिए शिवांगी का साथ देने लगते !!

इस बात पर रोशनी ओर गुस्सा हो जाती कि वे लोग मेरे मां बाप होकर भाभी का साथ क्यों दे रहे हैं !!

शिवांगी ने सास गायत्री जी और ससुर कांतीलाल जी से कह दिया था कि उनके लाख समझाने के बावजूद भी रोशनी के मन में बैठी गलतफहमियां नही निकलेंगी इसलिए कृपया वे दोनों उनके झगडे के बीच में ना पड़े , वर्ना रोशनी कहीं उन दोनों से भी नफरत ना कर बैठे !!

मिहिर की सरकारी नौकरी थी इसलिए उसके चले जाने के बाद यह नौकरी शिवांगी को मिल गई थी मगर घर के ऐसे हालातों के चलते शिवांगी ने अपने तबादले की सिफारिश की थी !!

थोडे दिन बाद शिवांगी के तबादले की सिफारिश को मंजूर कर दिया गया था !!

शिवांगी ने अपना तबादला अपने मायके के शहर में ही करवाया था ताकि उसे उसके माता पिता का थोडा सा सपोर्ट मिल जाए !!

एक अकेली विधवा का जीवन आसान नहीं होता यह बात शिवांगी अच्छे तरीके से जानती थी इसलिए बस कल यह घर छोड़कर जाने वाली थी !!. शिवांगी के सास ससुर को उसके जाने का बहुत दुःख था मगर इस बात की तसल्ली थी कि अब उसकी नौकरी उसके मायके के शहर में हैं !! शिवांगी जानती थी इस तबादले से उसकी ननद रोशनी को बहुत खुशी होगी !!

मिहिर के इस दुनिया से चले जाने के बाद रोशनी की नजर शिवांगी के बडे कमरे पर थी जो शिवांगी की शादी के पहले उसका हुआ करता था !!

हां थोड़ा सा दुःख उसे मिहिर के तीन साल के बेटे के लिए था क्योंकि वह अपने भतीजे के साथ रोज खेला करती थी मगर शिवांगी के लिए उसके मन में ढेर सारी नफरत थी जो दिनोदिन बढ़ती जा रही थी इसलिए शिवांगी ने तबादले में ही घर की भलाई समझी थी !!

दूसरे दिन शिवांगी अपने बेटे को साथ लेकर दूसरे शहर शिफ्ट हो गई !!

उसके जाते ही रोशनी अपना सारा सामान भाभी के कमरे में लेकर जाने लगी !!

यह देखकर गायत्री जी और कांतीलाल जी बोले यह क्या कर रही हो ??

तुम अगर भाभी के कमरे में रहोगी तो जब छुट्टियो में तुम्हारी भाभी यहां कुछ दिन रहने आएगी तो वह कहां रहेगी ??

रोशनी बोली वह मेरे कमरे में रह लेगी बोलकर वापस अपना सामान लाने लगी !!

दोनों माता पिता बोले रोशनी तुम कभी अपनी भाभी को समझ ही नहीं पाई !!

गायत्री जी हाथों में पोटली दिखाकर बोली यह देख तेरी भाभी क्या देकर गई हैं ??

हाथों की पोटली को देख रोशनी बोली यह तो गहने लग रहे हैं !!

गायत्री जी बोली हां तेरी भाभी के गहने हैं !!

अपने सारे सोने के गहने देकर गई हैं तेरी भाभी और बोलकर गई है यह सारे गहने बेचकर रोशनी की शादी का इंतजाम अच्छे से हो जाएगा !!

हमने बहुत मना भी किया मगर बोली कि गहने तो वापस नए भी बन सकते हैं मगर पहले रोशनी की शादी करवानी हैं !!

तेरी भाभी बहुत अच्छी हैं रोशनी , तेरे भाई के चले जाने के बाद अब भी सारे कर्तव्य बखुबी निभा रही हैं मगर रोशनी पर तो माता पिता की बातों का असर ना पहले पड़ता था और ना अब पड़ रहा था !!

वह बोली तो मैं क्या करूं ?? वैसे भी यह सब उसका फर्ज बनता हैं !! भाई की नौकरी भी तो उसे ही लगी हैं तो हमारे लिए करना अब उसका फर्ज हैं !!

गायत्री जी और कांतीलाल जी का विरोध देखकर रोशनी अपना सामान फिर से अपने कमरे में वापस लेकर चली गई !!

शिवांगी अपने बेटे के साथ अपने मायके पहुंची !! मायके जाकर उसे जल्द ही भैया भाभी का असली चेहरा भी दिखाई पड़ गया !!

उसके भैया भाभी ने जानबूझकर घर के सारे कमरे पहले ही भर रखे थे !!

शिवांगी के बेटे को तो नाना नानी के कमरे में सुला दिया गया मगर शिवांगी को सारा दिन और रात हॉल में ही एडजस्ट करना पड़ा !!

सारे कमरों में से एक भी कमरा भाभी ने अपनी नंनद को यह सोचकर नहीं दिया कि कहीं यह हमेशा के लिए यहीं ना रह जाए जबकि शिवांगी ने तो पहले ही मायके वालों को बता दिया था कि वह यहां एक किराए का मकान ढूंढ रही हैं !!! जल्द ही शिवांगी को एक किराए का मकान मिल गया और शिवांगी अपने बेटे को लेकर वहां शिफ्ट हो गई !!

मायके से लौटकर वह जान चुकी थी कि उसके माता पिता को ही सिर्फ उससे प्यार हैं , भाई भाभी तो अब सिर्फ नाम के भाई भाभी थे !!

अब शिवांगी अपने माता पिता को अपने घर बुला लेती मगर खुद उनके घर ज्यादा नहीं जाती !! शिवांगी हर महिने की आधी सैलेरी अपने सास ससुर को भेज देती !!

थोडे महिनों बाद उसे खबर मिली कि उसकी ननंद रोशनी की शादी तय हो गई है !!

जब शिवांगी अपने घर पहुंची तो उसने देखा कि उसका कमरा बिल्कुल वैसा ही पडा हैं जैसा वह छोड़कर गई थी तो उसकी आंखों से आंसू बह निकले !!

जहां मायके में वह अपने भाई भाभी का ऐसा चेहरा देख चुकी थी , उसके बाद उसे यहां तो कोई उम्मीद ही नहीं बची थी क्योंकि यह तो फिर भी ससुराल था !!

गायत्री जी और कांतीलाल जी बोले यह कमरा हमेशा से तुम्हारा था और तुम्हारा ही रहेगा !!

सच उस दिन शिवांगी को यह अहसास हुआ था कि अपना घर तो अपना ही होता हैं !!

जहां सास ससुर ने बहु पर इतना प्यार बरसाया वहीं ननद रोशनी ने पहले ही कह दिया कि वह नहीं चाहती कि उसकी शादी में कोई भी विघन आए इसलिए उसकी भाभी उसके कोई भी फंक्शन में ना आए !! शिवांगी के लिए अब भी रोशनी के मन में वहीं नफरत थी जो वह उससे पहले करती थी !!

वह अपनी भाभी को अब भी मनहूस मानती थी !!

अब शिवांगी का सिर्फ यही काम बचा था वह सारी व्यवस्था देखती और सभी को पैसे चुकाती !!

शादी का कार्यक्रम अच्छे से संपन्न हुआ और रोशनी खुशी खुशी अपने घर से विदा हो गई !!

शिवांगी को भी ज्यादा छुट्टियां नहीं मिली थी इसलिए उसे भी वापस जल्दी जाना पड़ा !!

रोशनी अपने ससुराल में धीरे धीरे रचने बसने की कोशिश ही कर रही थी कि उसके ससुर जी का बहुत बड़ा एक्सीडेंट हो गया और वह चल बसे !!

एक दिन शिवांगी के सास ससुर का शिवांगी पर फोन आया और वे बोले बेटा तीन चार दिन के लिए यहां आ जा !! रोशनी भी यहां मायके आई हुई हैं और वह तुझसे कुछ बात करना चाहती हैं !!

 यह सुन एक बार फिर शिवांगी का मन उदास हो गया !! वह सोचने लगी अब ओर क्या बाकी रह गया हैं जो रोशनी मुझे सुनाना चाहती हैं !!

उसने जैसा चाहा मैंने सब कुछ वैसा ही तो किया हैं अब तक !!

शिवांगी जैसे ही घर पहुंची रोशनी वहां पहले से मौजूद थी और वह शिवांगी को देखते ही उसके गले लग गई और फूट फूटकर रोने लगी !!

 रोशनी को इतना फूट फूटकर पहले कभी रोते नहीं देखा था शिवांगी ने !!

शिवांगी बोली रोशनी क्या हो गया ??

रोशनी बोली मुझे माफ कर दीजिए भाभी !!

आज मैं आपका दुःख अच्छे से समझ सकती हुं कि आपने मुझे कैसे बर्दाश्त किया होगा !!

जब से मेरे ससुर जी का एक्सीडेंट हुआ हैं मेरी सास ने मेरा जीना हराम कर दिया हैं !!

वह हर रोज मुझे ताने देती हैं और कहती हैं कि मैं मनहूस हु तभी मेरे शादी करते ही उनके पति मर गए !!

वे कहती हैं मेरे पांव जब से उस घर में पड़े हैं वहां की खुशियां गायब हो गई हैं बोलते हुए रोशनी फिर से बहुत रोने लगी !!

शिवांगी ने उसे जैसे तैसे चुप करवाया और बोली हम कल ही तुम्हारे ससुराल चलेंगे रोशनी और तुम्हारी सास से बात करेंगे !!

रोशनी बोली भाभी यह तो होना ही था !! यह सब मेरे बुरे कर्मों की सजा है जैसा बुरा व्यवहार मैंने आपके साथ किया वैसा ही बुरा व्यवहार अब मेरे साथ हो रहा है !!

शिवांगी बोली रोशनी पुरानी बातों को भूल जाओ , तुम्हें अपनी गलती का एहसास हुआ यही मेरे लिए काफी है !!

दूसरे दिन शिवांगी रोशनी को लेकर उसके ससुराल पहुंची और रोशनी की सास से बोली मांजी छोटा मुंह बड़ी बात मगर आपसे यह बात कहनी जरूरी हैं !!

मांजी इस दुनिया में ईश्वर की मर्जी के बिना एक पत्ता भी नहीं हिलता !!

इस दुनिया में जिसका जितना आयुष्य लिखा हैं वह उतना ही जीता हैं !!

किसी के मरने के बाद किसी ओर को दोष देना कि तेरे पांव पड़ने से हमारा घर बिखरा या तू मनहूस हैं यह सब बस अंधविश्वास हैं !!

अगर हम पढ़े लिखे लोग भी ऐसा करने लगे तो अनपढ़ और पढ़े-लिखे में अंतर क्या ??

रोशनी की सास तब तो कुछ नहीं बोली मगर उस दिन के बाद उन्होंने कभी रोशनी को किसी बात के लिए कोसा नहीं !!

रोशनी इतनी पढ़ी लिखी होकर भी अनपढ़ जैसे काम कर चुकी थी यह रोशनी जानती थी और अंदर ही अंदर बहुत शर्मिंदा थी !!

दोस्तों आज के इस आधुनिक युग में भी 

कितने ही पढ़े लिखे लोग बहू के आगमन के बाद घर में कुछ भी गलत हो जाने का दोषारोपण बहू पर लगाते हैं और उसे मनहूस ओर भी जाने क्या क्या कहकर बुलाते हैं !! यह सब बहुत गलत चीज हैं !!

अगर किसी के साथ कुछ गलत होता हैं तो वह बहू की शादी के पहले भी होकर रहेगा , इसमें बहू को दोष न दे !!

दोस्तों आपको यह कहानी कैसी लगी कृपया अपनी प्रतिक्रिया जरुर दें तथा ऐसी ही कहानियां पढ़ने के लिए हमारे पेज  को फॉलो जरूर करें !!

धन्यवाद !!

स्वाती जैन 

Leave a Comment

error: Content is Copyright protected !!