बहू कभी बेटी नहीं बन सकती – विधि जैन : Moral Stories in Hindi

मोहिनी क्या कर रही है तू कितने दिनों से बेंच पर आकर नहीं बैठी क्या काम करती रहती है तेरे घर में तो बहू बेटी दोनों ही है…

 सरिता ने आवाज देकर कहा- पड़ोस में रहने वाली सरिता मोहिनी की सबसे खास दोस्त है..

 हमेशा दोनों सुबह टहलने जाते हैं योग करते हैं और शाम को पार्क में बैठकर गपशप करते है।

 लेकिन अभी-अभी मोहिनी को घर के काम से फुर्सत ही नहीं मिलती है तो बाहर ही नहीं आ रही थी घर में बेटी जो आई हुई थी ..

सरिता ने मोहिनी से कहा -कि तेरी बहू तो सारा काम कर लेती है फिर तू घर में रहकर क्या कर रही है।

 मोहिनी कहने लगी कि मुझे भी हाथ बटाना पड़ता है इतने सारे लोग हैं घर पर मेरी बेटी आई हुई है ।

उसके भी दो बच्चे हैं सुबह नाश्ता.. दोपहर में खाना.. शाम को नाश्ता.. फिर रात में खाना.. कितना काम पड़ जाता है।

 सब मिलजुल कर काम करेंगे तो जल्दी काम हो जाता है और फिर यह लोग शॉपिंग करने भी निकल जाते हैं ।

अभी मेरी बिटिया को विदेश घूमने जाना है उसकी शॉपिंग भी चल रही है ..काम बहुत पड़ रहा है इसलिए मैं अभी नहीं आ रही हूं ..सरिता ने कहा डॉक्टर ने तुझे कहा था.. ना योगा करना कंपलसरी है यदि तूने छोड़ दिया.. फिर से हालत तेरी बिगड़ जाएगी सही कह रही है.. सरिता मोहिनी ने कहा तू तो जानती है ..

इस कहानी को भी पढ़ें: 

ढलती सांझ में तो आराम चाहिए। – अर्चना खंडेलवाल : Moral Stories in Hindi

ना मैं योग नहीं करती हूं तो मेरा डाइजेशन प्रोबलम शुरू हो जाता है।

 और मेरे पैर जाम हो जाते हैं लेकिन मैं क्या करूं?

 मुझे भी अपने बच्चों को देखना है चल अब मैं चलती हूं ..थोड़ा घर भी देख लूं ..घर के अंदर जाते ही!

 किचन में सीधे घुस गई और जो थोड़े बहुत बर्तन थे उन्हें साफ करने लगी पीछे से बेटी रंजना ने आकर कहा मां मैं तुम्हें देख रही हूं कि कभी तुम बर्तन साफ कर रही हो तो कभी नाश्ता तैयार कर रहे हो फिर भाभी क्या करती है ?

यदि तुम ही तुम काम करती रहोगी आपने अपनी बहू को इतना सिर पर चढ़ा लिया है कि वह आपके साथ… कोई भी काम में हाथ नहीं बताती है।

 मोहिनी ने कहा अरे! बेटा तुम कैसी बातें कर रही हो! जब से तुम आई हो वह लगातार काम कर रही है।

 उसकी ट्यूशन भी चालू हो जाती है शाम को 3:00 से तो ट्यूशन के बच्चे आ जाते हैं और अभी-अभी ट्यूशन मैं भी बहुत बच्चे आ रहे हैं ।

शाम को 7:00 बजे तक ट्यूशन की क्लासेस चलती रहती है तुम कैसे कह सकती कि वह काम नहीं करती है ।

5:00 से जो सुबह उठती है चकरी जैसी चलती रहती है ..सुबह का नाश्ता खाना तो वही बनाती है ..थोड़ी बहुत में हेल्प करती हूं.. नहीं मां मैं देख रही हूं कि तुम ही तुम काम करती रहती हो..

बेटा मैं थोड़ा बहुत भी काम नहीं करूंगी तो मेरे हाथ पैर चलना बंद हो जाएंगे।

 देखा बाजू वाली आंटी मेरे से कह रही थी कि योगा करने नहीं आ रही हो और एक्सरसाइज नहीं करोगी तो डॉक्टर फिर से तुम्हें दवाइयां दे देंगे।

इस कहानी को भी पढ़ें: 

बाबू –  जयसिंह भारद्वाज

 मैं पिछली बार देखा था तुमने मैं एडमिट हो गई थी सिर्फ मैं बैठी रहती थी और बहू मेरे हाथों पर पानी ला कर देती थी खाना लाकर देती थी …डॉक्टर ने मुझे कहा है दीदी  आप जितना काम करोगे आपके हाथ पैर उतने ही चलेंगे.. वरना जाम हो जाएंगे तुम क्या चाहती हो कि तुम्हारी मां बिस्तर में दिखे.. की चलते-फिरते दिखें ..अगर मैं बिस्तर पकड़ लिया तो तुम समझ लो कि मैं कभी कहीं नहीं आ जा पाऊंगी..।

 इसलिए मैं अपनी बहू के साथ काम करती रहती हूं मैं तो बहुत किस्मत वाली हूं कि मुझे ऐसी बहू मिली है.

 सुबह से सारा काम कर लेती है ..

पीछे से रमन ने आकर कहा मां दीदी तो कभी-कभी आती है।

 इसलिए उसको हमारे घर का रूटीन नहीं पता है उसे लगता है की दिया को कोई काम ही नहीं बनता है।

 और ना काम करती है वह सिर्फ ट्यूशन क्लासेस लेती रहती है ।

दीदी हम तो आपसे कहते हैं कि हर महीने आ जाया करो ..और हमारे घर का रूटीन देख लिया करो।

 आपके घर में इतने सारे नौकर चाकर है..इसलिए आपको लगता होगा कि घर में काम ही क्या है?

 नहीं भैया मैं ऐसा नहीं कह रही हूं लेकिन मां को थोड़ा बहुत आराम करना चाहिए ।

दीदी मैं तो आजकल मां से बहुत सारे काम करवाता हूं कभी मैं कहता हूं मम्मी पानी दे दो कभी कहता हूं.. फिरज से मिठाई लाकर दे दो क्योंकि बीच में उनकी आदत हो गई थी ।

सिर्फ बैठे बैठे टीवी देखती थी जब उन्होंने डॉक्टर को दिखाया चेकअप कराया तब डॉक्टर ने डांट फटकार कर उन्हें कहा कि आप छोटा-मोटा काम किया करो!

 कभी-कभी सीढ़ियां उतरना चढ़ना योगा करना एक्सरसाइज करना घूमना फिरना बहुत जरूरी है।

 नहीं तो आपका जो फैट है बढ़ता ही जाएगा और इस उम्र में कंट्रोल करना भी मुश्किल है ।

इस कहानी को भी पढ़ें: 

अब और अन्याय बर्दाश्त  नहीं  – मीनाक्षी सिंह

हां भैया तू सही कह रहा है मां बहुत किस्मत वाली है जो मेरे भैया भाभी मेरे मां का इतना ध्यान रखते हैं।

 आज तुम दोनों ने मिलकर अच्छी बातें बताएं मुझे पता ही नहीं था ।

की मां को किस प्रकार की बीमारी है।

कुछ देर बाद दिया कहने लगी कि मैं आप सब की बातें सुन रही थी.. मुझे बीच में नहीं बोलना चाहिए लेकिन यह सच कहावत है कभी “बहू बेटी नहीं बन सकती” है मैं कितना भी कर लूं लेकिन मुझे तारीफ के कुछ शब्द नहीं मिलेंगे: दीदी आप भी अपनी ससुराल के बारे में बताइए क्या आपके साथ भी ऐसा ही होता है?

 नहीं दिया मैं यह नहीं कहना चाह रही थी मां को मैं दिन भर काम करते हुए देख रही थी।

 इसलिए मेने कह दिया है सब लेकिन आज मेरी जिज्ञासा शांत हो गई है ।

नहीं भाभी तुम बहुत अच्छी हो तुमने मेरी मां का बहुत ध्यान रखा है।

 और मुझे पता है आगे भी तो बहुत ध्यान रखोगे दिया ने फिर से दीदी को ठोकते हुए कहा कि आपके भैया ने जो बताया है वह सब सच है।

 क्योंकि हम लोग अभी थोड़े दिन पहले बहुत परेशान हो गए थे मम्मी का इतना ओवरवेट हो गया था कि उनका चलना फिरना मुश्किल हो गया था।

 कभी हम कहते थे कि मैं मम्मी ट्यूशन पढ़ा रही हूं आप थोड़ा सा काम देख लीजिए तब मम्मी को बहुत चिडचिडाहट होती थी ..और कई बार तो वह मेरे से गुस्सा हो जाती थी.. लेकिन जब डॉक्टर ने उनको सारी बातें लिख कर दी.. बहुत सारी दवाइयां दी ..तब उनको समझ में आया कि हाथ पैर चलते रहेंगे तो सही रहेगा मेरी ट्यूशन होने के बावजूद भी मैं घर का सारा काम कर कर रख देती हूं ।

इस कहानी को भी पढ़ें: 

जिन्दगी – ऋतु गुप्ता

फिर मैं अपनी ट्यूशन क्लासेस लेती हूं और ट्यूशन के बाद 7:00 के बाद में घर का सारा काम निपटाकर सुबह की पूरी तैयारी रात में ही कर लेती हूं।

 क्योंकि बच्चों को सुबह स्कूल छोड़ने जाना फिर लेने जाना भैया को तो ज्यादा समय रहता नहीं है।

 और मैं मम्मी के हाथ में भी चाय दूध सब कुछ देती थी लेकिन जब से डॉक्टर ने बोला है तब से उन्हें अपना काम खुद करना शुरू कर दिया है।

 और अभी आप आए हो तो थोड़ा-थोड़ा ज्यादा काम कर रही है वरना हम मैं ही सारा काम कर लेती हूं। बहु घर की सारी जिम्मेदारियां निभाले फिर भी कभी बेटी नहीं बन सकती है।

विधि जैन

#मैं अपने अहंकार मे रिश्तो के महत्व को भूल गई थी

Leave a Comment

error: Content is Copyright protected !!