हे भगवान फिर से बेटी ही पैदा हुई हैं …?
कर्म फुट गए मेरी देवरानी नीता के तो पहले से ही एक बेटी हैं , अब एक औऱ हो गई …!!
न जाने कैसे दो दो लड़कियों का बोझ उठा पाएगी बेचारी…!!
गर भगवान की कृपा से एक बेटा हो जाता तो इसका जीवन सुख में व्यतीत होता है , लेकिन क्या करे सबके किस्मत एक जैसे थोड़ी होती हैं ।
जेठानी सीमा मगरमच्छ के आँसू गिराते हुए कह रही थी ।
दीदी !! आप ये क्या कह रही है औऱ आप रो क्यो रही है , क्या बेटियाँ को जन्म देना पाप है ? मेरे लिए तो मेरी दोनो बेटियां बेटो से भी ज्यादा प्यारी हैं ।
और हा !! मैं तो अपने आपको भाग्यशाली समझती हूँ कि ” मेरे घर एक बार फिर से लक्ष्मी ने जन्म लिया …!!” औऱ मेरी बेटियों का लालन पालन मुझे करना है आपको नही … मेरी बेटी न मेरे लिए बोझ होगी औऱ न किसी औऱ के लिए…!!
इसलिए आप मेरी बेटियों के बारे में कुछ न बोले तो अच्छा है ।। नीता ने तड़ाक से जवाब देते हुए कहा ।।
दरअसल !! नीता की जेठानी सीमा को अपने बेटों पर कुछ ज्यादा ही अहंकार था … नीता औऱ सीमा के बच्चो में ज्यादा अंतर नही था , सीमा का बड़ा लड़का मिंटू 2 साल का छोटा बेटा बिट्टू 1 साल का था ।
जबकि नीता की बड़ी बेटी चीनू 1 साल की और हाल ही एक और छोटी बेटी हुई थी..!!
सीमा अहंकार से पूर्ण रूप से भरी हुई थी, समय कैसे पंख लगाकर उड़ गया पता नही चला ।।
सीमा औऱ नीता दोनो के बच्चे स्कूल जाने लगे । नीता की दोनो बेटियां पढ़ने में बहुत ही होशियार थी औऱ सीमा के दोनों लड़को की पढ़ने में कोई रुचि नही थी …!!
वो बस नाम मात्र को ही स्कूल जाते थे … हर परीक्षा में फेल हो जाते औऱ घर जाकर झूठ बोल देते थे कि अव्वल नम्बर से पास हुए है … माँ बाप बेटो के मोह में इतने पागल थे कि न तो कभी स्कूल आकर देखते औऱ न ही कभी उनकी मार्कशीट चेक करते थे । बस स्कूल में पढ़ाई लिखाई से कोई लेना देना नही ।।
बस बच्चो से मारपीट करते झूठ बोलते औऱ ऐश करते । मतलब गलत संगति में पड़ चुके थे ।
उधर नीता की बेटीया क्लास में अव्वल नम्बर से पास होकर जब अपने माँ बापू जी का प्यार औऱ आशीर्वाद प्राप्त करती तब जेठानी (सीमा) नीता से कहती थी की इन छोरियों को पढ़ाने में क्यो पैसे बर्बाद करती रही है , इन्हें तो घर मे बैठा औऱ घर का कामकाज सीखा क्योंकि इनदोनों को तो अगले घर जाना है , बेटियां तो पराई होती है , इनके ब्याह के लिए पैसे जोड़कर रख ।।
मेरे बेटे भी स्कूल में अव्वल नम्बर से पास हुए है … देखना एकदिन कलेक्टर बनेंगे मेरे बेटे औऱ मैं सब पर हुक्म चलाऊंगी ।।
नीता इन बेतुकी बातो का जवाब देकर खुद का मुंह खराब नही करना चाहती थी … नीता ने सबकुछ वक्त के ऊपर छोड़ रखा था क्योंकि नीता जानती थी कि जेठानी जी का अहंकार ही उनसे यह सब कहलवा रहा है ।।
वक्त बीतता गया … नीता की दोनो लड़कियों आईपीएस के एग्जाम की तैयारी कर रही थी औऱ सीमा के बेटे एकदम नकारो की तरह अभी मुश्किल से दसवीं भी पास नही कर पाए थे , अब तो उन्हें खुद शर्म आने लग गई छोटे बच्चो के साथ बैठने में … फिर भी सिमा का अहंकार कम नही हुआ ।।
चिंटू औऱ बिट्टु स्कूल का बहाना करके यार दोस्तों के साथ पिक्चर देखने , खेलने चल जाते थे … धीरे धीरे उन्हें चोरी व नशे की आदत भी पड़ गई थी । चोरी की आदत ऐसी पड़ी की खुद के घर मे तो करते ही , चुपके से दूसरे के घर मे भी चोरी करने चले जाते थे ।।
एकदिन नीता ने ही उन दोनों को चोरी करते हुए रंगे हाथ पकड़ लिया … हुआ यू की नीता ने कुछ सामान निकालने के लिए अलमारी खोली औऱ सामान निकालकर अलमारी लॉक करना भूल गई …!!
देवरानी जेठानी दोनो साथ साथ रहती थी तो बच्चे एक दूसरे के कमरे में भी चले जाते थे , चिंटू नीता के कमरे के आगे से गुजरा तो उसे अलमारी में चाबी लगी हुई मिली वो समझ गया था कि अलमारी खुली हैं , उसने अपने दोनों तरफ देखा तो उसे कोई नजर नही आया औऱ वो चोरी के इरादे से कमरे में घुसा … अलमारी खोली औऱ सामान फैलाने लगा ताकि कुछ मिल जाए ।।
तभी उसके हाथ कुछ पैसे लगे … वो चुपके से पैसे लेकर निकलने लगा … वैसे ही नीता कमरे में आई औऱ कमरे की हालत देख दंग रह गई … उसने चिन्टू को कस के पकड़ा औऱ बाहर आँगन में ले गई … फिर जोर से आवाज लगाने लगी …
चोर चोर !! चोर …चोर शब्द सुनकर सीमा जल्दी से आँगन में आई औऱ बोली कि – कहाँ हैं चोर !
ये रहा दीदी चोर … नीता ने कहा ।।
सीमा – ” चिन्टू औऱ चोर तू होश मैं तो है , यह मेरा बेटा हैं चोर कैसे हो सकता हैं ?
नीता ने चिंटू की जेब से चोरी के पैसे निकाले तो सीमा दंग रह गई …।
सीमा को अपने बेटों पर जो अहंकार था वो चूर चूर हो गया था !!
अब तो वो खुद ही यही कहने लगी कि काश … भगवान ने मुझे भी इन नालायक बेटो की जगह बेटियां दी होती ।।
जेठानी को समझ आ गया था कि “आज की तारीख़ में बेटियां बेटो से आगे है, बेटे तो फिर भी राह भटक सकते हैं, लेकिन बेटियाँ अपने लक्ष्य की औऱ निरंतर बढ़ती ही जाती हैं, आज जेठानी सीमा अहंकार चूर चूर हो गया था,अब वो कभी कभी नीता की बेटियों को ताना नही मरती थी,वक़्त के साथ साथ सीमा भी बदल गई थी।
ममता गुप्ता
अलवर राजस्थान