बदलाव किस चीज का जरूरी है ।। – अंजना ठाकुर : Moral Stories in Hindi

गांव से अंजली के सास ,ससुर आए हुए थे अंजली शहर मैं रहती थी उसे लगा उनके संग रह कर उसका बेटा भी देहाती नही हो जाए

इसलिए किट्टू को उनसे दूर ही रखती बेचारे दादा ,दादी मन मार कर रह जाते पर पांच साल का किट्टू दादी के पास जाने की जिद्द करता उसका रोना देख कर अंजली

कुछ कर नही पाती ।

अंजली को अपने सास ,ससुर का सादगी से रहना ,जमीन पर बैठ कर खाना ,खाने से पहले हाथ जोड़ना सब कुछ गंवार पन लगता

और कई बार वो सामने ही हंस पड़ती और अपने पति राजीव को ताना मारती तुम अपने माता पिता को कुछ सिखाओ ।

राजीव बोलता मैं उनको क्या सिखाऊं उन की सीख की बदौलत मैं आज यहां हूं और  सादगी से रहना कोई  गलत बात नहीं है दिखावा करना जरूरी तो नहीं।

आज राजीव सबको ले कर मार्केट आया हुआ था वहां उसके बॉस मिल गए ।अब अंजली को लग रहा की राजीव कैसे मिलाएंगे अपने मां -पिताजी को ;उनके बॉस पर क्या इंप्रेशन पड़ेगा ।

फिर राजीव ने उनसे मिलवाया तो उन्होंने झुक कर दोनों के पैर छुए।अंजली आश्चर्य से देख रही थी तभी किट्टू  ने भी बॉस के पैर छुए  देखकर बॉस बोले

अरे वाह आपने तो बच्चे को बहुत अच्छे संस्कार दिए है नहीं तो आजकल लोगों को ये सब गंवार पन लगता है ।

विदेशी संस्कृति के कारण अपने संस्कार भूलते जा रहे है पर मेरे पिताजी आज भी अपनी जड़ से जुड़े है और तुम्हारा परिवार देख कर मुझे बहुत अच्छा लगा ।

राजीव ने अंजली को देखा अंजली अपनी सोच पर शर्मिंदगी के कारण पानी पानी हो रही थी।।

#मुहावरा प्रतियोगिता_पानी पानी होना

स्वरचित

अंजना ठाकुर  

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