वीणा , हमारी बेटी के लिए एक से एक रिश्ते आ रहे हैं मगर तुम हो कि सारे रिश्ते रिजेक्ट करती जा रही हो और बेटी की शादी कराने का नाम ही नहीं ले रही हो , मुकेश जी अपनी पत्नी वीणा से बोले !!
वीणा जी बोली – पहली बात तो मैं अपनी बेटी की शादी वहां करूंगी जहां कोई सास , ननद ना हो ताकि मेरी बेटी पर कोई पाबंदी ना हो और दूसरी बात लड़के वाले हमसे पैसे में थोडे कमजोर हो ताकि जमाई हमेशा के लिए हमारे घर का हो जाए !!
मुकेश जी बोले – अब ऐसा लड़का कहां मिलेगा तुम्हें और हमारी बेटी निशा क्या वह भी यही चाहती हैं ??
वीणा जी बोली हां वह भी यही चाहती हैं कि ससुराल में कोई सास और ननद ना हो !!
वीणा जी शहर के जाने माने बिजनसमैन मुकेश जी की पत्नी थी !! उनका व्यवसाय शहर में चारो तरफ फैला हुआ था , वे लोग शहर के अमीरों में गिने जाते थे और उनके तीन बच्चे थे निशा , वरूण और जुगल !! तीनों को मुकेश जी और वीणा जी ने खुब पढ़ाया लिखाया था
, वीणा देवी बच्चों के बचपन से ही उनकी पढ़ाई पर बहुत जोर देती थी !! वीणा देवी का मानना था कि वैसे भी बेटी को तो विदा करना हैं इसलिए उन्होंने बेटी को पूरी तरह अपने पैरो पर खड़ा कर दिया और फिर उसे एक मल्टी नेशनल कंपनी में जॉब करने के सलाह दी !!
उनके हिसाब से बेटी का फैमिली बिजनेस ज्वाइन करना ठीक नहीं था !! उनके दोनों बेटो ने एम. बी. ए किया हुआ था !! मुकेश जी खुद तो बहुत पढ़े लिखे नही थे मगर उन्होंने बच्चों को खुब पढ़ाया ताकि बच्चे बड़े होकर नए नए तरीके अपना कर उनके बिजनेस को ओर बढ़ा सके !!
दोनों बेटे वरुण और जुगल ने बड़े होकर अपने पापा मुकेश जी का बिजनेस ज्वाइन कर लिया था !! वीणा जी बहुत शातिर महिला थी इसलिए वह अपनी बेटी की शादी ऐसे घर में करना चाहती थी जहां उनकी बेटी महारानी बनकर रह पाए , उनकी बेटी को कोई तकलीफ ना हो !!
उनकी बेटी कोई दबाव में ना रहे !!
वीणा देवी जानती थी परिवार में सास ससुर साथ रहने से सास ससुर और बेटे बहु में विवाद होता ही है .!! वे अपनी बेटी को सुकुन भरी जिंदगी देना चाहती थी इसलिए उसे इतना पढाया लिखाया था !! बेटी निशा एक मल्टी नेशनल कंपनी में एच .आर की पोस्ट पर थी !!
जल्द ही वीणा जी का सपना पूरा हुआ और उन्हें अपनी बेटी के लिए ऐसा वर मिल गया जिसकी उन्हें तलाश थी !!
लड़का पेशे से इंजीनियर था और अपने परिवार से दूर मगर निशा के घर के पास ही रहता था !! लड़के की मां नही थी और बाकी परिवार गांव में रहता था !!
वीणा जी इस बात से खुश थी कि लड़के की मां नही हैं मतलब उनकी बेटी को किसी की तानाशाही नहीं सहनी पड़ेगी !!
वीणा जी ने उसी से अपनी बेटी निशा की शादी फाइनल कर दी और शादी में दहेज तगड़ा दिया ताकि कभी किसी की हिम्मत ना हो कि उनकी बेटी को कुछ कह सके !!
निशा की शादी हो गई और ससुराल में निशा को अब रोक-टोक करने वाला कोई नहीं था , निशा के पति का परिवार गांव में था मगर निशा को उन सबसे कुछ लेना देना नहीं था !! अगर सास होती तो कभी गांव जाकर रहना भी पड़ सकता था मगर सास तो पहले ही मर चुकी थी !! निशा को अपने पति के घर में बहुत आराम था जिस वजह से निशा जब चाहे अपने मायके आ – जा सकती थी बल्कि निशा मायके में ज्यादा और ससुराल में कम रहती थी !!
वीणा जी अपने फैसले पर बहुत खुश थी और अब अपने बेटे वरुण के लिए लड़की देखने की तैयारी शुरू करने लगी मगर वहां भी उनकी कुछ अपेक्षाएं थी जैसे कि लड़की कम पढी लिखी और गरीब मायके की हो क्योंकि अगर बहू उनकी बेटी निशा की तरह पढ़ी लिखी और अमीर मायके की हुई तो हम सबको कभी इज्जत नहीं दे पाएगी और कभी उनके दबदबे में नही रहेगी !!
वीणा देवी एक ऐसी बहू चाहती थी . जो हमेशा उनके और उनकी बेटी के दबदबे में रहे और जिंदगी भर उनकी जी – हुजुरी करे !!
वीणा जी अपने भतीजे की शादी के लिए कुछ दिनों के लिए गांव गई थी वहां उन की नजर अमृता पर पड़ी और जब पता चला कि अमृता अभी पढ ही रही हैं मतलब कि उसकी पढ़ाई पूरी होने में अभी दो साल बाकी थे और उसके माता पिता बहुत पैसेवाले भी नहीं थे उन्होंने बिना देरी किए वरूण का रिश्ता अमृता के लिए भिजवा दिया !!
इतने बड़े घर से रिश्ता आया देख अमृता के घर वाले बोले मेरी बेटी के तो भाग्य ही खुल गए जो इतने बड़े घर से रिश्ता आया हैं इसलिए इस रिश्ते के लिए तुरंत मान गए और थोड़े ही महीनों में अमृता और वरुण की शादी हो गई !!
अमृता शादी के बाद गांव से शहर आ गई , अपने ससुराल की चकाचौंध देखकर
उसके भी होश उड़ गए क्योंकि वह खुद नहीं जानती थी कि वह कभी इतने अमीर घर की बहू बनेगी !!
मगर यह क्या अमृता की यह खुशी सिर्फ एक दो महीने की थी !!
अमृता को अब रोज सास और ननद के ताने सुनते पढ़ते थे !! कभी उसे जाहिल कहा जाता तो कभी गंवार !!
अमृता की आंखों से अब रोज आंसू ट पकने लगे थे , वह सास और ननद के तानों का जवाब नहीं दे पाती थी क्योंकि वह बहुत सीधी सादी लड़की थी !! वह मायके से भी इतनी अमीर नहीं थी और ना ज्यादा पढ़ी लिखी थी , थोडा बहुत जो पढी थी वह भी सरकारी स्कूल से ही पढ़ी थी जिस वजह से उसकी इंग्लिश इतनी अच्छी नहीं थी !! हर एक महिने में अमृता की ननद निशा अपने मायके राउंड लगाने आती !! दोनों सास बहू ने मिलकर अमृता का जीना हराम कर रखा था , सास पूरे दिन अमृता को ताने मारती और निशा अमृता का हर बात में मजाक उड़ाती !! पूरा दबदबा बना कर रखा था दोनों मां बेटी ने अमृता पर !!
निशा कभी अमृता के कम पढे लिखे होने का मजाक उड़ाती तो कभी उसको इंग्लिश ना आने का !! अमृता के रोने का भी दोनों मां बेटी पर कोई असर ना पड़ता था !!
कुल मिलाकर अमृता का कोई अस्तित्व ही नहीं रह गया था !! अमृता की आंखों में आंसू देखकर उसके पति वरूण को बहुत दुःख होता !!
थोडे महिने तो वरुण कुछ नही बोला मगर अब उससे अमृता की तकलीफ देखी नहीं जाती , वह अपने आप को गुनेहगार समझने लगा , उसे लगने लगा कि अमृता उसके कारण इतनी दुखी हैं !!
जबकि वरूण एक बहुत अच्छा पति था !! आज वरूण ने अपनी मां और बहन को सुना दिया !!
वरुण बोला मम्मी , अमृता पुरे दिन घर का काम करती हैं , आप लोगों की भी इतनी सेवा करती हैं फिर भी आप और निशा दीदी अमृता को रोज ताने मारती हो , आखिर अमृता की गलती क्या हैं ??
बेटे के मुंह से यह शब्द सुनकर वीणा जी तुरंत बोली ले तू भी रंग गया इसके रंग में !!
जोरू का गुलाम जो बन गया है इसीलिए तो आज इतनी हिम्मत हो गई कि अपनी मां और अपनी बड़ी बहन से जबान लड़ा रहा है !!
वरुण ने सभी को प्यार से समझाने की कोशिश की मगर उसकी मां और बहन के रवैए में कोई सुधार ना हुआ उल्टा अब वरुण का छोटा भाई जुगल भी अपनी मां और बहन की टीम में एक हो चुका था और वह भी अपनी भाभी की जब चाहे बेज्जती कर देता !!
वरुण अपने माता-पिता की बहुत इज्जत करता था , उनके हर फैसले को अपनाता था इसीलिए घर से अलग होने की सपने में भी नहीं सोचता था मगर उसे अमृता की हालत भी देखी नहीं जाती क्योंकि अमृता एक सीधी-साधी और अच्छी लड़की थी !!
वीणा जी ने बहुत सोच समझकर यह सब काम किया था !! बेटी को पढ़ा लिखा कर इतना तगड़ा दहेज दिया था कि अगर ससुराल में उसे कोई कुछ कहे तो वह पलट कर जवाब दे पाए और बहू ऐसी घर की लाए थे जिस पर जीवन भर मां बेटी शासन कर सके !!
अमृता के घरवाले अपनी बेटी को परेशान देखकर अपनी बेटी के लिए आवाज उठाना चाहते थे मगर अमृता ने ही उन्हें मना कर रखा था !! वह नहीं चाहती थी कि उसकी वजह से उसके माता-पिता को कोई तकलीफ हो और वैसे भी उसका पति वरुण तो उससे बहुत प्यार करता ही है ना , वह इस बात से ही संतुष्ट थी और उसके माता-पिता को भी इस बात से संतुष्ट करती थी !!
अब वीणा जी छोटे बेटे जुगल के लिए लड़की देखने लगी !! इस बार फिर वीणा जी अपने दिमाग के घोडे दौड़ाने लगी क्योंकि उन्हे जुगल के लिए थी अमृता जैसी बंधुआ मजदूर की तलाश थी जो उनकी और निशा की जी हुजुरी कर सके !! निशा भी ऐसी ही भाभी चाहती थी ताकि वह जब भी मायके आए उसकी दोनों भाभियां उसकी सेवा कर सके और उससे थोडी कम पढ़ी लिखी हो ताकि उसका दबदबा बना रहे और वह दोनों का मजाक उड़ा सके !!
वीणा जी जुगल को लड़कियां दिखाने साथ ले जाती मगर जुगल जिस भी लड़की को देखता कभी पैसे में रुतबे को लेकर तो कभी कम पढ़ी लिखी होने की वजह से रिजेक्ट कर देता !!
वह घर में अपने भाई भाभी का हाल देख चुका था इसलिए उसने फैसला कर लिया था कि वह एक संपन्न परिवार की ओर पढ़ी-लिखी लड़की से ही शादी करेगा !!
वीणा देवी उसकी बात मानने तैयार नही थी मगर जुगल जिद पर अड गया कि वह शादी करेगा तो संपन्न परिवार की और पढ़ी-लिखी लड़की से !! भाई की शादी के वक्त उसे अंदाजा नही था कि मम्मी कम पढी लिखी और गरीब घर की लड़की क्यो ला रही हैं मगर बाद में अपनी मां और बहन का तमाशा देख सब समझ चुका था और ठान चुका था कि यह खेल मैं अपने साथ तो बिल्कुल नहीं होने दूंगा !!
जुगल की जिद का उसकी मां ने खुब विरोध किया मगर जुगल नहीं माना क्योंकि जुगल जानता था कि अगर उसने उसकी मां की बात मान ली तो जिंदगी भर दुखी रहेगा !!
जुगल अपनी जिद पर अडा रहा और उसने अपने लिए अपनी ही तरह संपन्न और पढ़ी लिखी लड़की का चुनाव किया जिसका नाम सौम्या था !!
थोडे दिनों बाद जुगल ने सौम्या को पसंद कर दिया जो पढी लिखी और रुत बे में भी टक्कर की थी !!
सौम्या पढी लिखी थी इसलिए शादी के बाद घर का कुछ काम नहीं करती थी !!
उसने भी एम. बी. ए कर रखा था इसलिए अपने ससुर मुकेश जी का फैमिली बिजनेस जवाइन कर लिया !!
शुरुवाती दिनो में वीणा जी और निशा ने अपने रंग दिखाने चाहे मगर सौम्या ने इतना अच्छे से पलट वार किया कि
सौम्या के सामने वीणा जी और निशा भी फीकी पड़ गई और उन्होंने सौम्या को अपनी टीम में मिला लिया था !!
अब सौम्या भी अपनी बड़ी भाभी अमृता की जब चाहे बेज्जती कर देती , कभी भी कुछ भी सुना देती क्योंकि वह जानती थी कि उसकी जेठानी उसको कभी टक्कर नही दे सकती और वैसे भी घर में सभी लोग तो यही कर रहे थे !!
वह अपनी जेठानी से हर मामले में बेहतर है यह बात वह जान चुकी थी और अब इस बात का वह जमकर फायदा उठाती थी !!
अमृता अब सभी के लिए घर की मात्र एक नौकरानी बनकर रह गई थी !!
यह सब देखकर वरूण ने फैसला कर लिया था कि वह अमृता को किसी तरह
घर के इन पछेड़ों से बाहर निकाल कर ही दम देगा !!
वरुण देख रहा था कि उसके छोटे भाई की पत्नी को भी घर में सभी के जैसा सम्मान मिल रहा हैं मगर अब तक उसकी पत्नी का ही कोई मान सम्मान नहीं हैं जबकि वह घर की बड़ी बहू हैं !!
वरुण को लगने लगा कि अगर अमृता का यही हाल रहा तो कल के दिन हमारे बच्चे भी उसकी इज्जत नहीं करेंगे क्योंकि अमृता का दर्जा एक नौकर का बन चुका हैं और यह सब वीणा देवी की चालाकियो का फल था जिसका नतीजा वरुण और अमृता भर रहे थे !!
जुगल ने तो चालाकी दिखाकर अपने आप को फंसने से बचा लिया था और अब वे दोनों पति पत्नी भी मां और बहन की टीम में शामिल हो चुके थे !!
वरुण अमृता से बोला – अमृता , अब तुम्हे खुद के लिए बोलना पड़ेगा और सोचना पड़ेगा वर्ना तुम्हारी स्थिति ऐसी ही रहेगी !!
अमृता बोली लेकिन मैं कर ही क्या सकती हुं ?? मैं तो ज्यादा पढी लिखी भी नहीं और ना मेरे माता पिता की इतनी हैसियत हैं कि वह मुझे अब पढ़ा सके , अगर तुम मुझे पढ़ाना भी चाहो तो यहां कोई मुझे इस बात की इजाजत नहीं देगा !! मैं क्या करूं अब मुझसे यह सब बरदाश्त नहीं होता !!
वरूण बोला – तुम इतना अच्छा खाना बनाती हो ?? तुम इसे अपना बिजनेस क्यूं नहीं बनाती ??
अमृता बोली मगर वह कैसे ??
वरूण बोला क्यूं ना तुम एक रेस्टोरेंट खोल दो !!
अमृता बोली रेस्टोरेंट !! मगर यह सब कैसे हो पाएगा ??
वरुण बोला – घर से थोड़ी दूरी पर ही हमारी एक दुकान खाली पड़ी हुई हैं जो पहले मैं किराए पर देने वाला था मगर अब सोच रहा हुं कि वहां तुम अपना एक रेस्टारेंट खोल दो !! हम उस दुकान को रेस्टारेंट में कनवर्ट कर देंगे !!
अमृता वाकई बहुत अच्छा खाना बनाती थी और उसे भी वरुण का आईडिया पसंद आया !!
घर में जब सभी को पता चला कि अमृता रेस्टारेंट खोलने जा रही हैं तो सास वीणा जी , ननद निशा और देवरानी सौम्या और देवर जुगल ने इस बात का विरोध किया और बोले इस घर का काम कौन करेगा ?? अगर यह रेस्टारेंट चलाएगी !!
वरुण बोला मेरी पत्नी तुम लोगो की नौकर नहीं हैं जो तुम्हारे लिए खाना बना बनाकर अपनी जिंदगी बर्बाद करे और उस पर भी तुम उसका मजाक उड़ाओ !!
वीणा जी बोली तेरी पत्नी में इतनी काबिलियत नहीं कि वह फैमिली बिजनेस ज्वाइन करें इसमे हमारी क्या गलती हैं ??
वरुण बोला मां जरूरी नहीं की हर कोई फैमिली बिजनेस ही ज्वाइन करें अगर कोई चाहे तो अपना खुद का बिजनेस भी खड़ा कर सकता है !! उस पर निशा और सौम्या मजाक उड़ाते हुए बोले – यह क्या रेस्टोरेंट चलाएगी ?? जाहिल गंवार कहीं की , इसे तो सिर्फ घर के काम ही करने चाहिए मगर यह घर के काम नही करेगी तो कौन करेगा ??
वरूण बोला तुम लोग तुम्हारे कामों के लिए अलग से नौकर रख लो अब मेरी पत्नी किसी की नौकरानी बनकर नहीं रहेगी !!
सभी लोगों ने काफी कोशिश की कि अमृता अपना रेस्टोरेंट ना खोल पाए मगर वरुण के सपोर्ट से अमृता ने अपना रेस्टोरेंट खोल दिया !!
रेस्टारेंट में मदद के लिए कुछ स्टाफ लगाया और अमृता ने जी जान लगा दी रेस्टारेंट को ऊंचाइयों पर लाने के लिए !!
बीच बीच में वरूण भी रेस्टारेंट का चक्कर मारता !!
चार महिनों के अंतराल में ही रेस्टारेंट इतना जम गया कि खुब चलने लगा !! अमृता ने अपना खुद का बिजनेस जमा लिया था !! एक साल के अंदर यह रेस्टारेंट फेमस हो गया और दूर दूर से भी लोग यहां खाने आने लगे !! बाहर से आए लोग तो इसी रेस्टोरेंट में खाना पसंद करने लगे क्योंकि यहां घर जैसा खाना मिलता था और पारंपरिक पकवान मिलते थे !! अमृता अब महिने का इतना ज्यादा कमाती थी जितना उसकी ननद निशा एक साल का कमाती थी !!
उसकी देवरानी भी अपने ससुर जी के बिजनेस में ज्वाइन थी इसलिए देवरानी और ननद को अमृता से खुब जलन होने लगी और वीणा जी उन्हे तो अमृता की खुशी देखी ही नहीं जा रही थी मगर ससुर मुकेश जी थे कि जो बहुत खुश थे और वे बोले हम शहर के जाने-माने बिजनेस मेन में तो थे ही मगर अब अमृता की वजह से रेस्टोरेंट के बिजनेस में भी आगे बढ़ चुके हैं !!
वे अमृता को पास बुलाकर बोले बेटा यह सब तुम्हारी मेहनत का नतीजा है !!घर के सारे लोग फैमिली बिजनेस में ज्वाइन है मगर एक तुम ही हो जिसने इतने कम अंतराल में अपना बिजनेस जमा कर इतनी बड़ी सफलता हासिल की है !!
हम अब इसी ब्रांच के माध्यम से दूसरे शहरों में भी रेस्टोरेंट खोलेंगे , जिसका पूरा कार्य सिर्फ तुम्हारे हाथों में होगा !!
हमें तुम पर नाज है !!
सांस नंद देवरानी और देवर अमृता का मुंह ताकते रह गए क्योंकि अब किसी की हिम्मत नहीं थी अमृता के आगे जबान चलाने की !!
अब अमृता शहर की जानी-मानी हस्ती बन चुकी थी जिसके रेस्टोरेंट काफी शहरों में खुल चुके थे !!
यह सब बस इसलिए हो पाया क्योंकि वरुण और अमृता ने हिम्मत नहीं हारी और अपने लिए अलग सोचा !!
दोस्तों , लोग मजाक उड़ाते समय यह भूल जाते हैं कि हमें कभी किसी को अपने से कमतर नहीं आंकना चाहिए !!
स्वाती जैन
NICE STORY
Absolutely