राधिका की शादी की बात रोहित से चल रही थी। रोहित पढ़ा लिखा स्मार्ट लड़का था, घर परिवार भी अच्छा था, पर राधिका को एक ही बात परेशान कर रही थी कि रोहित दो भाइयों में छोटा है और राधिका भी घर में छोटी है। घर में भाभी की इम्पोर्टेंस थी, अब ससुराल में जेठानी कपिला की चलेगी, उसे बड़प्पन दिखाने का मौका नहीं मिलेगा, बस इसी बात से थोड़ा परेशान थी। समय बीतता गया, शादी के दिन नजदीक आ गए, ओर फिर एक दिन राधिका की डोली ससुराल पहुँच गईं।
कपिला सुबह सबसे पहले उठती, चाय बनाती, मॉ बाबूजी को पिलाती ओर उसके बाद बेटे तो उठाती, स्कूल के लिए तैयार करती। तब तक पति कमल भी उठ जाता और दोनो साथ मे चाय पीते। राधिका
औऱ रोहित देर से उठते तो कपिला उनको बाद में चाय दे देती। नाश्ता सब लोग साथ मे करते और फिर आफिस के लिए निकल जाते। कपिला सारे घर ओर घर वालों का अच्छे से खयाल रखती, फिर भी चेहरे पर कोई शिकन नही आती।
मॉ जी, नास्ता क्या बनाऊ, बाई की आवाज सुनकर राधिका की नींद खुल गई। कपिला से पूछ लें, मॉ जी ने लेटे लेटे कहा। राधिका सोचने लगी, की अब खाना पीना भी कपिला की पसंद का करना पड़ेगा। तभी कपिला की आवाज आई, अरे बाई, तुझे कितनी बार कहा है कि सुबह सुबह मॉ जी को परेशान मत किया कर, मैं आ रही हूं, कहते कहते वो रसोई में आ गई।
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राधिका की शादी और घूमने फिरने में जैसे तैसे एक महीना बीत गया। फिर एक दिन डोर बेल बजी, तो राधिका ने दरवाजा खोला, सामने 2 -3 औरते खड़ी थी, नमस्ते आदि के बाद वो बोली, बड़ी भाभी को बुला दो। ये सुनकर राधिका मन मार कर रह गई। कपिला आई तो वो औरते बोली की कल मंदिर में शाम 4 बजे से पूजा है,
आप सभी लोग आए और आपका सहयोग चाहिए। कपिला ने उन्हें पैसे दिये और वो चली गई। राधिका सोचती रही, की मॉ जी से ज्यादा तो कपिला की चलती है, तो मेरी कौन सुनेगा? ऐसे ही 2-3
महीने बीत गए, फिर एक दिन राधिका ने मॉ जी से कहा, मम्मी पापा की याद आ रही है, 2 – 4 दिन के लिए मायके हो आती हू। मॉ जी बोली, कपिला से बात कर लो, ये सुनकर राधिका का खून खोल गया, पर कुछ बोल नही पाई।
कपिला शाम को चाय बनाते हुई राधिका से बोली, अगले संडे मेरे ममी पापा की शादी की सालगिरह की पार्टी है, तैयार रहना, हम सभ को चलना हैं। राधिका बोली, पर अगले सन्डे मैं मायके जाने की सोच रही थीं। तो चली जाना, पार्टी के बाद, कपिला चाय छानते हुए बोली। पर रात मे काफी देर नही हो जाएगी,
राधिका धीरे से बोली। कपिला शरारती अंदाज में बोली, तो क्या हुआ, रात को होटल में रुक जाना और सवेरे मायके, एकदम ईजी, ऐसा कहकर जोर से हंसने लगी। राधिका एकदम कन्फ्यूज थीं, की भाभी क्या बोल रहीं है। फिर कपिला ने बताया, की तुम्हारे ममी पापा भी आ रहे है, मेरी उनसे बात हो गई है, पार्टी के बाद वो
तुम्हें अपने साथ ले जायेंगे और कुछ दिन बाद जब तुम चाहोगी, रोहित तुम्हें लेने आ जायेगा। कोशिश करना कि संडे का प्रोग्राम बनाना, रोहित को ऑफिस में इम्पोर्टेन्ट काम है, छुट्टी नही ले पायेगा। भाभी की बात सुनकर राधिका मन ही मन बहुत खुश हुई और बोली, भाभी, मैंने आज सुबह ही मॉ जी से मायके जाने की बात की थी
और इतनी जल्दी सारा प्रोग्राम सेट हो गया? कपिला बोली, अरे बुददु, तेरा उदास चेहरा देख कर मैंने पिछले हफ़्ते ही मॉ जी से बात कर ली थी, रोहित को छुट्टी लेने में प्रॉब्लम थीं,
इसलिये पार्टी की साथ प्रोग्राम क्लब कर दिया। राधिका, जो बड़ी बहू से ईर्ष्या ओर बड़ी बहू न बनने का मलाल दिल मे लिये बैठी थी, आज दोनो ही दिल से निकल गए और वो जगह बड़ी भाभी के सम्मान ने ले ली। आज राधिका छोटी बहू बनकर ज्यादा खुश हैं क्योंकि उसे समझने ओर समझाने वाली बड़ी बहन जो मिल गई थी।
लडकियां ससुराल जाने से पहले ही कई तरह के सपने देखने लगती हैं। सपने देखने मे कोई बुराई नहीं है, पर सपनों से परे किसी के बारे मे कोई धारणा बना लेना गलत है।
लेखक
(Mohindra Singh)
एम पी सिंह
स्वरचित, अप्रकाशित
1 Apr 25