बधाई हो – सिम्मी नाथ : Moral Stories in Hindi

प्राची  को लड़केवाले देखना चाहते हैं , उसे दिखाने पुणे जाना होगा , कैसे संभव हो पाएगा ? कल  सार्थक का फोन आया था , वो बता रहा था  ,  तीन बहनों  में वेदान्त सबसे छोटा हैं , बैंक ऑफ इंडिया में कार्यरत है  ,

अभी  छुट्टियों  में  अपनी बहन के पास पुणे गया था । सार्थक को लड़का काफी पसंद है । मैं कब से बोले जा रही हूं ,आप कुछ बोलते क्यों नहीं ? हाँ  , मैंने बात की है सार्थक बात रहा था । पर अम्मा को छोड़कर कैसे जाऊं ?

समझ नहीं आ रहा । कम से कम दस दिनों के लिए तो उन्हें देखने वाला कोई न कोई होना ही चाहिए । क्या करूं  ? बोकारो बड़ी भाभी को ओह  करूं ?  वो  रखेंगी ? क्या बताऊं संध्या भाभी का स्वभाव तुमसे छुपा नहीं है ,

फिर भी एक बार पूछ लेती हूं , यदि भैया  भाभी मान गए तो हमलोग अम्मा को  शुक्रवार को पहुंचा देंगे ,फिर अगले संडे का टिकट बनवा लेंगे । प्राची और सार्थक भी  पुणे आ जाएंगे , ईश्वर की मर्जी हुई तो बात बन जाएगी। 

संध्या जी ने सकुचाते हुए अपनी जेठानी को ph लगाया ,  हैलो  की आवाज आते ही  बोल पड़ी … कौन मैं  धनबाद से छोटी  मम्मी बोल रही हूं, दीदी हैं क्या ? उधर से आवाज आई छोटी मम्मी प्रणाम आप कैसी हैं ? 

मैं   अनन्या बोल रही हूं, मम्मी जी तो बॉथरूम में हैं ।  अनन्या खुश रहो ,बेटा , तुम कब आई और अंकुर कैसा है ? सभी ठीक हैं छोटी मम्मी  ।  संध्या  आगे बोल नहीं पा रही थी ,

बेटा इतने जतनो से पाला पोसा और इस कल की आई के लिए हम सब को छोड़ कर जा रहा है। – रंजीता पाण्डेय : Moral Stories in Hindi

तभी उसकी जेठानी से बात होने लगी। सामान्य औपचारिकता के बाद उन्होंने अपनी बात कही ,  वो कुछबोल पातीं, इससे पहले ही अनन्या सारी बातें समझ गई, उसने  पीछे से कहा, अम्मा जी  दादी मां को  आने दीजिए , मैं संभाल लूंगी ।

वैसे भी  मैं अपनी दादी के साथ बहुत रहती थी ,।बहुत अच्छा  लगता था।  किंतु .. नहीं मम्मी जी हम सभी होली साथ मनाएंगे , छोटी मम्मी और छोटे पापा ने कितनी उम्मीद से पूछा है , मना मत कीजिए ।

अनन्या की बातें सुनकर सासु मां  काफी शर्मिंदा हुईं थी ।

अगले हफ्ते दादी आ गई ।

पहले के कार्यक्रम अनुसार  प्राची को दिखाया गया ,लड़के वाले काफी संभ्रांत थे , प्राची पसंद आईं।

वेदांत की मम्मी तो  रोका भी करना चाहती थीं, किंतु संध्या जी ने कहा , मेरी बहू अनन्या के बिना नहीं कर सकती । होली के बाद अक्षय तृतीया को रोका करना तय हुआ ।

अनन्या ने बिगड़े हुए रिश्ते को बचा लिया था ,  जब सगाई की खबर अनन्या ने सुनी तो सपरिवार छोटी मम्मी ,पापा से मिलने आई , संध्या जी ने उसे गले लगाते हुए कहा बेटा  तूने  बहुत  बड़ा कम कर दिया ।  उसने हँसते हुए कहा इसी बात पर नंदोई की फोटो दिखा दो प्राची । प्राची शर्मा गई और भाभी के गले लग गई।

 सिम्मी नाथ, राँची 

स्वरचित ,अप्रकाशित  # टूटते रिश्ते जुड़ने लगे

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