जब भी हम बड़े सपने और सक्सेस बड़े सोच की बात करते हैं, “हमारे दिमाग में बात आती है, – ‘मेरे हालात नहीं है बड़ा सोचने के. लालच बुरी बला दिक्षा वैदकर है, कग में ही खुश रहो. लोग क्या कहेंगे…’ दोस्तों, बचपन में आर्ट क्लास में इस्तेमाल होनेवाली आर्ट बुक तो आपको याद ही होगी. उसमें एक चित्र बना होता था, जिसमें हमें रंग भरना होता था. रंग बाहर निकल जाते थे और हमें मार पड़ती थी, नंबर कट जाते थे. वही सोच हम आज भी ले कर चल रहे हैं. हमने खुद को एक दायरे में कैद कर रखा है. उस चित्र के बाहर हम निकल ही नहीं पा रहे हैं. हम डरते हैं बाहर निकलने से, रिस्क लेने से. हम कंफर्ट जोन को तोड़ना नहीं चाहते हैं. इसलिए हमारे सपने सिर्फ सपने बन कर ही रह जाते हैं. हां, लेकिन हम दूसरों को देख कर जरूर खुश होते हैं. जब कोई दूसरा इंसान दायरे से बाहर जा कर कुछ बड़ा काम करता है, तो हम उसे बधाई देते हैं कि वाह यार, तुमने तो कमाल कर दिया, लेकिन हम खुद समझौता वाली जिंदगी गुजारते रहते हैं. अगर आपने सोच बड़ी कर ली, मान लें कि आपने सोचा ‘मुझे दुनिया का बेस्ट सिंगर बनना है’, तो क्या होगा. आपको बता दें कि आपका दिमाग आपके सोच के मुताबिक ही हल तलाशता है. अगर आपने नदी पार करने की सोची, तो आपके दिमाग में आयेगी नाव, अगर समुद्र पार करने की सोची, तो आयेगा जहाज. मतलब जैसी आप सोच रखेंगे, वैसा हल मिलेगा. छोटी सोच रखेंगे, तो छोटे हल मिलेंगे. दरअसल जब आपका सपना बड़ा हो जाता है, तो आपको रोजमर्रा की समस्याएं छोटी लगने लगती हैं. आप सोचते हैं कि यार मुझे तो वहां पहुंचना है, ये भी भला कोई समस्या है मेरे सामने. एक खास बात, आपकी सोच बड़ी है, तो आप कहीं न कहीं तो पहुंच ही जाते है. अगर आप दुनिया के बेस्ट सिंगर नहीं बन पाते, तो एशिया के बन सकते हैं. एशिया के नहीं, तो इंडिया के बन सकते हैं. इंडिया के नहीं, तो अपने प्रदेश के बन सकते हैं और अगर प्रदेश के बेस्ट सिंगर नहीं बन पाये, तो अपने शहर के तो बन ही जायेंगे. लेकिन अगर आपने छोटी सोच रखी कि मुझे सिर्फ एक सिंगर बनना है, तो आप एक आम सिंगर बन कर रह जाएंगे
बात पते की. हमेशा बड़े सपने देखें,बड़ी सोच रखें. लोग आप पर हंसेगे. वे कहेंगे कि बड़े सपने मत देख, मुंह के बल गिरेगा. उन लोगों को हंसने दे. सोच न बदले जब आप एक बार बड़ा लक्ष्य तय कर लेते हैं, तो उस तक पहुंचने के रास्ते आपका अपने आप नजर आने लगाले हैं. इसलिए कभी छोटा मत सोचें