बच्चों में भेद कैसा – हेमलता गुप्ता : Moral Stories in Hindi

 किट्टू स्कूल से चहकती हुई आकर पापा के गले से लिपट गई, और खुशी से चिल्लाते हुए बोली…. पापा मम्मी ..

अगले हफ्ते हमारी क्लास एडवेंचर ट्रिप पर जाएगी, और एक रात वही स्टे होगा! वाऊ…कितना मजा आएगा!..

आई एम सो एक्साइटेड..!पिछली बार जब भैया इस ट्रिप पर गया था तो उन्हें कितना मजा आया था, और मुझे कितना चिड़ा रहा था!

अब मैं भी भैया को बता दूंगी कि मैं डरपोक नहीं हूं, मैं भी बहादुर हूं! मम्मी पापा किट्टू को इतना खुश देख कर खुश हो रहे थे!

उन्होंने कभी अपने बच्चों में  भेद  नहीं किया! पापा बोले.. बिल्कुल हमारी बिटिया जरूर ट्रिप पर जाएगी!

किंतु तभी किट्टू की दादी ने एलान कर दिया.. किट्टू ट्रिप पर नहीं जाएगी !अरे.. वहां पर इसकी क्लास के लड़के भी तो जाएंगे!

ऊपर से एक रात वहीं रुकेंगे? ना बाबा ..हम अपनी बच्ची को वहां नहीं भेजेंगे! अब किट्टू छोटी बच्ची तो है नहीं, 12वीं कक्षा में पढ़ती है!

तभी किट्टू की मम्मी ने कहा.. मां आज अगर हम किट्टू को घर से बाहर नहीं जाने देंगे तो उसका आत्मविश्वास डगमगा जाएगा,

दुनिया को समझने के लिए ऐसे प्रोग्राम में हिस्सा लेना बच्चों के लिए बहुत जरूरी है! आज लड़के लड़कियां दोनों समान है!

जिस प्रकार हम कुणाल की इच्छाएं पूरी करते हैं, किट्टू की भी होनी चाहिए! मैंने दोनों बच्चों को बराबर से हर काम करना सिखाया है,

चाहे वह घर का हो या बाहर का! क्योंकि मुसीबत  और जिम्मेदारियां लड़के लड़की का भेद नहीं जानती!

बल्कि आज के युग में तो लड़कियों को अपने आप को मजबूत बनाने की अधिक जरूरत है! ऐसे मौके ही इन्हें अपनी जिंदगी में तरक्की करने को मिलते हैं!

वहां जाकर कुछ नया सीखेगी! जब बच्चे समान है तो उनकी ख्वाहिश  भी समान रूप से पूरी होनी चाहिए! हां बहू..

तुम सही कह रही हो! आज लड़कियों को भी पूरा हक मिलना चाहिए अपनी ख्वाहिशें पूरी करने का! हमारी किट्टू भी जरूर जाएगी!

 हेमलता गुप्ता

 स्वरचित

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