भगवान भी माँ के बाद – विमला गुगलानी

    माँ माँ , देखो मुझे आज फिर ‘ गुड ‘ मिला , विशू ने स्कूल से आते ही अपनी कापी का वो पन्ना माँ के आगे रखते हुए कहा। विशू के चेहरे पर खुशी की चमक देखकर गोमती ने उस पन्ने पर पहले  बड़े प्यार से हाथ फेरा, और फिर बेटे की और देख कर … Read more

सेवा को मेवा – विमला गुगलानी : Moral Stories in Hindi

     विनायक और राजवंत दो भाई और एक बहन दंमयंती।शहर के पास बसा एक  गांव जो कि अब बड़े कस्बे में परिवर्तित हो चुका था जहां पर इस परिवार का बसेरा था। हरिप्रसाद जी की यहां पर बहुत पुरानी बर्तनों की दुकान जहां पर किसी जमानें में पीतल, कांसे, लोहे , भरत के बर्तन मिलते थे, … Read more

अपने मन की सुनना – विमला गुगलानी : Moral Stories in Hindi

     “ ओह माँ जी, ये बहूजी भी ना, मजाल है किसी काम को हाथ लगा ले, नाशते के बर्तन तक नहीं उठाती, और कमरा कितना बिखरा पड़ा है, सारे कपड़े पंलग पर फैला दिए” नौकरानी रामी काम भी कर रही थी और बुड़बुड़ा भी रही थी।        सुषमा सामने ही बाहर चारपाई पर बैठी मेथी साफ … Read more

स्वाभिमान बाकी है – विमला गुगलानी : Moral Stories in Hindi

        इंदु और रितेश को इस “ खुशी” नामक वृद्धआश्रम में आए लगभग दो महीने हो गए थे। ये एक ऐसा आश्रम है जिसमें वो हर सुख सुविधा है, जो वैसे तो हर एक को लेकिन विशेष तौर पर उम्रदराज लोगों को चाहिए।आज के जमाने में बहुत कम लोग या कह लो बच्चे बुजुर्गों की समस्याएं … Read more

अपनों की पहचान – विमला गुगलानी :

मुसीबत में ही असली चेहरा दिखता है      इनाया, शांतनु और अभिषेक , दो दो साल के अंतराल में पैदा हुए तीनों भाई बहन माँ रेवती और पिता आलोक की जान थे। लड़ते , झगड़ते , रूठते, मानते लेकिन फिर एक हो जाते।बचपन होता ही इतना प्यारा है,दुःख सुख सांझे, कुछ पता नहीं घाटा, नफा क्या … Read more

कभी हार नहीं मानना – विमला गुगलानी : Moral Stories in Hindi

    अजी सुनते हो, जंयत ने तो हमारी नाक कटवा दी, दूसरी बार भी उसका बैंक का पैपर क्लीयर नहीं हुआ, और वो देखो, तुम्हारा भतीजा रोनित , पिछली बार रह गया था लेकिन इस बार क्लर्क की नौकरी मिल गई। आज जब जिठानी मिठाई का डिब्बा देने आई तो बड़ी अकड़ में थी, मेरी तो … Read more

झूठ हमेशा झूठ ही रहेगा – विमला गुगलानी : Moral Stories in Hindi

   “जाओ मुझे तुमसे कोई बात नहीं करनी, रोज रोज की चिक चिक से तंग आ चुकी हूं मैं, जब भी पूछो, कल बात करता हूं, कल बात करता हूं, पता नहीं तुम्हारा ये कल कब आएगा”, विभा ने    पुनीत से नाराजगी जाहिर करते हुए कहा        “ बस सिर्फ एक हफ्ता और दे दो, ये बात … Read more

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