आंखों से गिरना – सरोज माहेश्वरी : Moral Stories in Hindi

  मैं आप से कोई बात नहीं करना चाहता और न कोई संबंध रखना चाहता हूं ..   मां बोली..बेटा राकेश! ये खून के सम्मानजनक रिश्ते इस तरह नहीं मिटाए जा सकते..    मां! खून का सम्मानजनक रिश्ता समझकर ही मैंने चाचा जी को अपनी कंपनी में काम की देखभाल के लिए रखा था.. मैंने बचपन में ही … Read more

धन और स्वार्थ – सरोज माहेश्वरी : Moral Stories in Hindi

मुंबई के पॉश इलाके में रहने वाले आलोकनाथ जी एक प्रतिष्ठित व्यक्ति थे। उनके घर में धन, रुतबा, और समाज में इज्ज़त की कोई कमी नहीं थी। उनकी बेटी सौम्या भी उन्हीं की तरह महत्वाकांक्षी और तेज-तर्रार स्वभाव की थी। लेकिन उसके स्वभाव में एक गहरी कमी थी—धन और स्वार्थ के प्रति उसका लगाव। उसने … Read more

मेरा अधिकार – सरोज माहेश्वरी : Moral stories in hindi

   रमन और शीतल जोर जोर से चिल्ला रहे थे.. शीतल कह रही थी मैं अब तुम्हारे साथ नहीं रह सकती…. रमन बोला.. ऐसा क्या हुआ ? ऐसे क्यों कह रही हो? शीतल गुस्से में बोली… रहो तुम अपनी प्रेमिका के साथ जिसे रोज तुम अपनी गाड़ी में अगली सीट पर बैठाकर ले जाते हों… अरे … Read more

आशीष से गुलज़ार घरबार – सरोज माहेश्वरी : Moral Stories in Hindi

शांति देवी प्रातःक़ालीन पूजा अर्चना करके मंदिर से घर वापस आईं… तभी टेलीफोन की घण्टी बज उठी  हेलो! अरे दिव्या तू!… आज सुबह सुबह कैसे फोन किया?…माँ! तुमसे बहुत जरूरी बात करनी थी… “हाँ! बोल बेटा”.. माँ!… जैसा की तुमको पता हैं घर का काम पूरा हो गया है आज सुबह गृहप्रवेश का शुभ मुहूर्त … Read more

“प्रतिष्ठा एक गहना” – सरोज माहेश्वरी : Moral stories in hindi

Moral stories in hindi : प्रतिष्ठा वह बहुमूल्य गहना है जिसे बनाने के लिए व्यक्ति अपना सम्पूर्ण जीवन लगा देता है। जब एक औलाद अपने कुकृत्यों से धन के साथ साथ प्रतिष्ठा को भी मिट्टी में मिला देती है, तब माता पिता के मुंह पर कालिख सी लग जाती है.  सीताराम जी अपने पिता के … Read more

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