सबको खुश रखा जा सकता है क्या? – रोनिता कुंडु : Moral Stories in Hindi

काजल! हमारा खाना हो गया है, तुम खाना खाकर कल के लिए चने भिगो देना, याद है न क छोले भटूरे बनाने हैं, रसोई में आकर लक्ष्मी जी ने अपने बर्तनों को सिंक में रखते हुए अपनी बहू काजल से कहा, तभी उनकी नज़र काजल की थाली में जाती है तो वह हैरान होकर कहती … Read more

विवाह में क्या ज़रूरी? – रोनिता कुंडु : Moral Stories in Hindi

गरिमा की शादी थी, तो घर को सजाया जा रहा था। क्योंकि हम भारतीयों में शादी वाले घर दूल्हा दुल्हन की तरह सजाए जाते हैं। चाहे कोई भी राज्य हो या किसी भी धर्म की शादी हो, उसकी रौनक तो देखने लायक होती है। गांव में शादी घरों के और शहरों में शादी वाले घर … Read more

कौन सा प्रायश्चित? – रोनिता कुंडु  : Moral Stories in Hindi

  बेटा..! अगले महीने सिम्मी की शादी है, बुआ जी का फोन आया था। उन्होंने मुझे एक हफ्ते पहले ही बुलाया है। कहती है अब भैया तो रहे नहीं उनकी ज़िम्मेदारी आप ही कर दो। गोमती जी ने अपने बेटे लोकेश से कहा  लोकेश:  ठीक है मम्मी! मैं आपको और रूपा को एक हफ्ते पहले … Read more

हम बड़े हैं, छोटो से क्यों सीखे? – रोनिता कुंडु : Moral Stories in Hindi

सुनो कल्पना! वह जो कल गोंद के लड्डू बनाए थे ना? उसे पूरा रख देना सूटकेस में, भावना को इसकी अभी सख्त ज़रूरत है, मुझे तो पता ही है तुम्हारी चटोरी आदत, कुछ ना कुछ रख ही लोगी, आशा जी ने अपनी बड़ी बहू कल्पना से कहा  आशा जी यह सब कह ही रही होती … Read more

पैसा है तो सब है – रोनिता कुंडु : Moral Stories in Hindi

अरे विमला बहन कौन आया था मिलने? काफी गुस्से में लग रही थी? आखिर कौन थे वह? कुंती जी ने कहा  विमला जी: वह मेरे बेटे बहू है  कुंती जी:  अच्छा इन्हीं की वजह से तुम यहां हो? अब क्या ही किया जाए? हर किसी की यही कहानी है, इन बच्चों को पालने में अपना … Read more

 घर है या चिड़ियाघर? – रोनिता कुंडु : Moral Stories in Hindi

अरे जीजी! सुना है गुड़िया का रिश्ता तय कर दिया है और उसका परिवार संयुक्त है? जीजी! आज के ज़माने में संयुक्त परिवार में कौन अपनी बेटी देता है? बेचारी का पूरा जीवन रसोई में ही बीत जाएगा, एकांत को तरसेगी बेचारी, प्रभा जी ने अपनी बड़ी बहन शोभा जी से कहा  शोभा जी:  देख … Read more

 हैं जवाब किसी के पास? – रोनिता कुंडु    : Moral Stories in Hindi

मम्मी जी! कल मेरे पापा आ रहे हैं, पिंकी की शादी का कार्ड देने, निहारिका ने अपनी सास सुलक्षणा जी से कहा  सुलक्षणा जी:  अच्छा, हां तुमने तो बताया था की पिंकी की शादी तय हो गई है, वैसे कब है शादी?  निहारिका:  10 मई  सुलक्षणा जी:  अच्छी खासी गर्मी होगी, भई मैं तो तभी … Read more

फिर भी बैर कम ना हुआ – रोनिता कुंडु  : Moral Stories in Hindi

मम्मी जी! आज आप सभी से एक बात कहना चाहती हूं, इस घर के खर्चे अब दिनों दिन ज्यादा ही बढ़ते जा रहे हैं, महीने का राशन जब आता है यह और भैया बराबर बराबर देते हैं, पर फिर भी बीच में अगर कुछ घट जाता है तो उसकी जिम्मेदारी उनके ही हिस्से क्यों आती … Read more

भैया से मायका या भाभी से? – रोनिता कुंडु  : Moral Stories in Hindi

क्या हुआ सोनम? तुम अभी तक तैयार नहीं हुई? भतीजे का नामकरण है और बुआ ही सबसे आखिर में पहुंचे अच्छा लगता है क्या? मनोज ने कहा  सोनम:  सच कहूं, मां पापा के बिना उस घर में अब जाने का मन बिल्कुल भी नहीं होता। पहले मां चली गई फिर पापा का सहारा था, अब … Read more

खुद की इज्ज़त करना सीखो – रोनिता कुंडु  : Moral Stories in Hindi

आप लोगों को एक सुझाव देना चाहती हूं, पता है आजकल शादी का लहंगा किराए पर मिल जाता है। जिससे हजारों रुपए की बचत हो जाती है और उसे हम शादी के अलग कामों में खर्च कर सकते हैं। वैसे भी शादी तो होनी अलग साड़ी में ही है, लहंगा तो बस कुछ देर के … Read more

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