सिन्दूर – पुष्पा पाण्डेय : Moral Stories in Hindi

दसवीं की परीक्षा पास करने के बाद मंजू ने शहर जाकर आगे की पढ़ाई करने के लिए अपने बाबुजी से कहा। ” बाबुजी, मैं प्रतिमा की तरह छात्रावास में रहकर पढूँगी।” प्रतिमा दूसरे गाँव की श्रीवास्तव परिवार की बेटी थी। ” अरे बेटा, उन लोगों की बात अलग है।…” इतना ही बोल पाये कि दादी … Read more

अपनों का सहारा – पुष्पा पाण्डेय : Moral Stories in Hindi

प्रन्द्रह साल बाद जेल में बीताने के बाद कांता जब घर लौटी तो सभी अपरिचित ही लगे। भाई जेल से लेकर आया तो भाभी को पसंद नहीं आया। ” अरे! इन्हें इनके ससुराल में छोड़ना था न। इतना बड़ा घर है, प्रोपर्टी है, इन्हें अब वहाँ  हक से अपने बेटे के साथ रहना था।” “हाँ … Read more

खन्दान की इज्जत – पुष्पा पाण्डेय   : Moral Stories in Hindi

पूजा बारहवीं की परीक्षा नब्बे प्रतिशत अंक से उत्तीर्ण हुई। अब काॅलेज में नामांकन की तैयारी हो रही थी। कोशिश थी कि अच्छे- से-अच्छे काॅलेज में नामांकन हो जाए। उसकी रुचि तो विज्ञान विषय में थी, लेकिन उसके पापा कला क्षेत्र के समर्थक थे। या यों कहें कि अनकहा दबाव था। पूजा ने मनोविज्ञान को … Read more

सोने का पिंजरा – पुष्पा पाण्डेय : Moral Stories in Hindi

जगदीश को देखते ही पिता ने सवाल किया- “अरे जगदीश आ गये? कहो समाचार। बात कुछ बनी?” ” बात तो बन जायेगी। शुक्ला मौसा लड़का के दोस्त हैं। दोनों बनारस में एक साथ पढ़ते थे।” शुक्ला मौसा जगदीश की मौसी के देवर हैं।  लड़का जमींदार घराने का था। सुन्दर, संस्कारी और शहर में वकील था। … Read more

दहलीज – पुष्पा पाण्डेय : Moral Stories in Hindi

उत्तम एक शिक्षक थे। सरकारी स्कूल में पढ़ाते थे। सरकारी नौकरी के नाम पर ही लोग मूँछों पर ताव देने लगते हैं।  खाते- पीते परिवार की सुन्दर सुशील साक्षी के साथ उनकी शादी हुई। दान- दहेज भी मिला। उत्तम के माता- पिता नहीं थे। एक बड़ा भाई था वही शादी- ब्याह किया। कुछ दिन तो … Read more

प्यार में धोखा – पुष्पा पाण्डेय : Moral Stories in Hindi

सीमा बहुत परेशान थी। तीन दिन से कमली नहीं आ रही थी। फोन भी नहीं उठा रही थी। आज पड़ोसी की बाई से बात कर ही रही थी कि उधर से आती दिखाई  दी। “अरे, तुम तीन दिन से कहाँ थी? फोन भी नहीं उठा रही थी?” कमली कुछ बोली नहीं चुपचाप घर के अन्दर … Read more

सर जी – पुष्पा पाण्डेय : Moral Stories in Hindi

सुबह चाय के साथ अखबार हाथ में लेते ही आरती अन्दर तक हिल गयी। चाय का कप हाथ से छूट कर जमीन पर बिखर गया। मन का मंदिर जो सुना हो गया था। “तो क्या नवीन सर अब नहीं रहे?” और अतीत का पन्ना फड़फड़ाने लगा। सातवीं कक्षा में थी आरती। उसी समय हिन्दी के … Read more

मतलबी रिश्ते – पुष्पा पाण्डेय : Moral Stories in Hindi

Moral Stories in Hindi : मध्यवर्गीय संयुक्त परिवार में जन्मी मीना और लीना दोनों बहनों का आपसी प्यार उदाहरण बन चुका था। दोनों एक- दूसरे के लिए समर्पित थीं। माँ लीलावती को पुत्र नहीं होने का बिल्कुल अफसोस नहीं था। वैसे जेठानी के तानें कभी- कभार परेशान जरूर कर देते थे। जेठानी दो बेटों की … Read more

समर्पण – पुष्पा पाण्डेय  : Moral stories in hindi

Moral stories in hindi: जिन्दगी कब कैसा रंग दिखायेगी, कोई कह नहीं सकता है। बेटी की शादी और भागमभाग में सीढ़ियों से ऐसी गिरी सुशीला कि सदा के लिए ह्विलचेयर की मोहताज हो गयी। सुशीला अस्पताल में ही रही और बेटी ससुराल  बिदा हो गयी। कुल्हे का ऑपरेशन हुआ,लेकिन अपने पैरों पर खड़ी नहीं हो … Read more

धैर्यवान पुरुष

कामिनी और राज की गृहस्थी हँसी- खुशी से बीत रही थी। एक प्यारा- सा बेटा भी था। कामिनी और राज एक ही काॅलेज में पढ़ते थे। दोनों की विचार धाराएँ मिली, प्रेम का पौधा पनपा और दोनों एक सूत्र में बंन्ध गये। परिवार वाले भी खुशी-खुशी इस रिश्ते को स्वीकार कर लिया था। कामिनी को … Read more

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