प्रायश्चित – नीलम शर्मा  : Moral Stories in Hindi

शिवानी………। अलमारी में नीली शर्ट पर प्रेस न हुई देख अक्षय बहुत जोर से चिल्लाया। उसकी आवाज में वही कर्कशता थी, जिसको सुनते ही शिवानी को अपना शरीर सुन्न सा पड़ता महसूस होने लगता। शिवानी जो कि रसोई में उसका नाश्ता तैयार कर रही थी। सब कुछ छोड़कर भागती हुई आई। उसे देखकर अक्षय चिल्ला … Read more

 सम्मान की सूखी रोटी  : Moral Stories in Hindi

अमन अभी-अभी ऑफिस से आकर खड़ा ही हुआ था, कि उसके पांच साल के बेटे अनमोल ने पूछा। पापा आप चॉकलेट नहीं लाये। सॉरी बेटा मुझे थोड़ी देर हो रही थी। तो मै भूल गया। मैं अभी लेकर आता हूंँ। अरे क्या आप भी रहने दीजिए एक दिन। अरे नहीं मैं अभी आता हूंँ। तुम … Read more

समझौता – नीलम शर्मा : Moral Stories in Hindi

अब नहीं मानसी का आज बारहवीं का परिणाम आया था। उसने अपनी मेहनत से स्कूल में प्रथम स्थान प्राप्त किया था। उसके पापा गांव में खेती करते थे। इससे आगे पढ़ने की सुविधा गाँव में नहीं थी। सभी गाँव वाले बधाई देने आ रहे थे। मानसी के मम्मी-पापा अपनी बेटी की सफलता पर खुश थे।  … Read more

 संयुक्त_परिवार – नीलम शर्मा : Moral Stories in Hindi

मधु…..मधु….। मधु को लगा जैसे कोई उसे आवाज लगा रहा है। उसने पलट कर देखा तो उसकी ओर तेज तेज कदमों से चलती उसकी सहेली रेखा आ रही थी। उसके पास आकर हंसते हुए बोली, क्या यार कब से आवाज लगा रही हूंँ। रेल की तरह दौड़ी चली जा रही है। रेखा को देखकर मधु … Read more

स्वार्थी_संसार – नीलम शर्मा : Moral Stories in Hindi

अवस्थी जी एक स्कूल में प्रिंसिपल थे। ईश्वर की कृपा से सभ कुछ तो था उनके पास। वे सज्जन पुरुष थे सभी उनका सम्मान भी बहुत करते थे। बस कमी थी तो एक संतान की। जिसके लिए उन्होंने ईश्वर का कोई दर नहीं छोड़ा था। लेकिन भगवान ने उनकी प्रार्थना नहीं सुनी। उन्होंने इसे ईश्वर … Read more

नफ़रत की दीवार – नीलम शर्मा  : Moral Stories in Hindi

नीला बहुत खुश और उत्सुक थी आज अपने घर जाने के लिए। क्योंकि उसकी सास ने उसके देवर के लिए उसकी छोटी बहन शिल्पी के रिश्ते की बात करने के लिए उसको अपने घर जाने के लिए कहा था। बहुत प्यार करती थी वह अपनी छोटी बहन से। उसके तो इस बारे में सोच-सोच कर … Read more

आँसू_बन_गए_मोती – नीलम शर्मा : Moral Stories in Hindi

अरी कलमुँही…फिर से तीसरी बेटी जन दी ….।पता नहीं कौन सी मनहूस घडी थी। जिस दिन तुझे इस घर में ब्याह कर लाई थी। मुझे क्या पता था मेरा वंश ही खत्म कर देगी ये मनहूस। मालती देवी बस जोर-जोर से चिल्लाये जा रही थी ।और उस मासूम बहू राधा को कोस रही थी। जिसने … Read more

स्नेह_का_बंधन – नीलम शर्मा : Moral Stories in Hindi

रघुवीर जी का इकलौता बेटा था राघव। यथा नाम तथा गुण। संस्कारी पढ़ने में होशियार। हर माता-पिता की तरह रघुवीर जी का भी सपना था कि उनका बेटा बहुत बड़ा आदमी बने। जबकि उनकी पत्नी मीना जी हमेशा ही कहती, देखो जी ज्यादा ऊंचे ख्वाब ना देखो। ना अपने बेटे को दिखाओ। हमारा इकलौता बेटा … Read more

मान का तो पान ही बहुत होता है – नीलम शर्मा : Moral Stories in Hindi

होली का दिन एक-एक कर नजदीक आता जा रहा था। उसी के साथ पूनम की परेशानी बढ़ती जा रही थी कि भैया-भाभी अभी तक उसकी होली की कोथली लेकर क्यों नहीं आए? जबकि उसकी अन्य तीनों बहनों की कोथली समय पर दे आए थे। पूछूँ या नहीं। पूनम की समझ में नहीं आ रहा था … Read more

एक फैसला आत्मसम्मान के लिए  : Moral Stories in Hindi

  बहू  कल मेरा नाश्ता भी नितिन के साथ ही बना देना। मैं भी उसके साथ दुकान पर जाऊँगा। बहुत दिन हो गए घर में आराम करते हुए। घर से बाहर जाऊँगा तो सबसे मिलना-जुलना भी हो जाएगा। जी पापा जी ठीक है, उनकी बहू मिताली ने कहा। रात को जब सारा काम निपटाकर वह कमरे … Read more

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