सिंदूर – नीलम शर्मा : Moral Stories in Hindi

नव्या और नितिन के कॉलेज का यह पहला दिन था। सभी बच्चे एक दूसरे से मिलजुल कर दोस्ती करना चाहते थे। नव्या जो  कि एक छोटे से कस्बे से पहली बार शहर में आई थी, इतने बड़े कॉलेज और फैशनेबल बच्चों को देखकर थोड़ा  असहज महसूस कर रही थी।  तभी उसे अपने पीछे से आवाज … Read more

रिश्तो में बढ़ती दूरियां – नीलम शर्मा  : Moral Stories in Hindi

सुन, सुन, सुन अरे दीदी सुन, तेरे लिए एक रिश्ता आया है। रिया को जब से पता चला था कि उसकी दीदी को लड़के वाले देखने आ रहे हैं। यही फिल्मी गाना गा, गा कर अपनी दीदी सीमा को  चिढ़ा रही थी।  यह है रमाकांत जी की दो बेटियां रिया और सीमा। दोनों एक दूसरे … Read more

अपनों का साथ – नीलम शर्मा : Moral Stories in Hindi

क्या नमन अब सो भी जो 1:00 बजने वाला है। सुबह ऑफिस नहीं जाना है क्या? लाइट बंद करो मुझे सोना है। मोबाइल एक तरफ रखो क्या इतनी देर तक मोबाइल चलाते रहते हो। हां हां बस अभी थोड़ी देर में बंद करता हूं लाइट भी, सीमा झुंझला कर आंखों पर चादर रखकर सो जाती … Read more

निर्णय तो लेना पड़ेगा आत्मसम्मान खोकर कब तक जियोगी? – नीलम शर्मा : Moral Stories in Hindi

सपना ओ सपना मालती जी  गुस्से में रसोई से बाहर निकली। ये इतना सारा खाना क्यों बनाया है और ये दो-दो सब्जी बनाने की क्या जरूरत थी। जब देखो बस बेकार में खर्च करने में लगी रहती है कमाई तो मेरे बेटे की है,   कमाकर खर्च करना पड़ता तो पता भी चलता।  अब सपना … Read more

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