किस्मत_वाली – नीलम शर्मा : Moral Stories in Hindi

आज अवस्थी जी की इकलौती बेटी रिया की शादी थी। रिया जो एक अच्छी पढ़ी-लिखी संस्कारी और सुंदर थी। पहली बार में ही लड़के वालों को पसंद आ गई थी। बेटी की विदाई के बाद रिया के मम्मी पापा अपने आप को बिल्कुल अकेला महसूस कर रहे थे। उधर रिया भी ससुराल में आकर अपने … Read more

बहुरानी – नीलम शर्मा : Moral Stories in Hindi

सुनंदा जी का बेटा नितिन और बहु नीतिका विदेश में रहते थे। उन्होंने आज ही उन्हें दादी बनने की खबर दी थी। जिसे सुनकर सुनंदा जी बहुत खुश थी। सुनंदा जी ने ये खुशखबरी अपने पति रमाकांत जी को दी और कहा चलो मंदिर में प्रसाद चढ़ाकर आते हैं। नितिन की शादी के 6 साल … Read more

अफसोस – नीलम शर्मा : Moral Stories in Hindi

ट्रेन धड़-धडाते हुए उज्जैन की तरफ दौड़ी चली जा रही थी और काव्या अपने अतीत के गलियारे में खोई थी। आज भी उसे उस दिन का अफसोस था। जब उसने अपने माता-पिता की बातों को अनसुना कर घर से भाग जाने का निर्णय लिया। और अपना व अपने मम्मी-पापा का मान सम्मान सब तार-तार कर … Read more

सिंदूर – नीलम शर्मा : Moral Stories in Hindi

नव्या और नितिन के कॉलेज का यह पहला दिन था। सभी बच्चे एक दूसरे से मिलजुल कर दोस्ती करना चाहते थे। नव्या जो  कि एक छोटे से कस्बे से पहली बार शहर में आई थी, इतने बड़े कॉलेज और फैशनेबल बच्चों को देखकर थोड़ा  असहज महसूस कर रही थी।  तभी उसे अपने पीछे से आवाज … Read more

रिश्तो में बढ़ती दूरियां – नीलम शर्मा  : Moral Stories in Hindi

सुन, सुन, सुन अरे दीदी सुन, तेरे लिए एक रिश्ता आया है। रिया को जब से पता चला था कि उसकी दीदी को लड़के वाले देखने आ रहे हैं। यही फिल्मी गाना गा, गा कर अपनी दीदी सीमा को  चिढ़ा रही थी।  यह है रमाकांत जी की दो बेटियां रिया और सीमा। दोनों एक दूसरे … Read more

अपनों का साथ – नीलम शर्मा : Moral Stories in Hindi

क्या नमन अब सो भी जो 1:00 बजने वाला है। सुबह ऑफिस नहीं जाना है क्या? लाइट बंद करो मुझे सोना है। मोबाइल एक तरफ रखो क्या इतनी देर तक मोबाइल चलाते रहते हो। हां हां बस अभी थोड़ी देर में बंद करता हूं लाइट भी, सीमा झुंझला कर आंखों पर चादर रखकर सो जाती … Read more

निर्णय तो लेना पड़ेगा आत्मसम्मान खोकर कब तक जियोगी? – नीलम शर्मा : Moral Stories in Hindi

सपना ओ सपना मालती जी  गुस्से में रसोई से बाहर निकली। ये इतना सारा खाना क्यों बनाया है और ये दो-दो सब्जी बनाने की क्या जरूरत थी। जब देखो बस बेकार में खर्च करने में लगी रहती है कमाई तो मेरे बेटे की है,   कमाकर खर्च करना पड़ता तो पता भी चलता।  अब सपना … Read more

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