यह किसी को नहीं भूलना चाहिए कि भगवान सबकुछ देख रहा है – मंजू ओमर : Moral Stories in Hindi

हाथ मत लगाना मेरे बच्चों को मां जी  आप तो मेरे बच्चे को खा ही  गई थी। डॉक्टर के पास ना ले जाती तो पता नहीं आज मेरे बच्चे का क्या हो जाता ।कुछ तो डरो भूमिका कैसी बात कर रही हो मेरा पोता है मेरे घर का चिराग है। इतनी मिन्नतें की है भगवान … Read more

इतनी पत्थर दिल कैसे हो सकती है – मंजू ओमर : Moral Stories in Hindi

मम्मी मम्मी दरवाजा खोलो शिवानी लगातार दरवाजा पीटती  जा रही थी। अंदर गहरी नींद में सोई कुमुद जी उठी  इतनी रात में कौन दरवाजा पीट रहा है। बिस्तर से उठी बत्ती जलाई,। और दरवाजा खोल के देखा तो  सामने शिवानी खड़ी थी । रोती-रोती कुमुद जी के गले लग गई। क्या हुआ शिवानी  बताओ मुझे … Read more

विश्वास की डोर – मंजू ओमर : Moral Stories in Hindi

हमें आपकी बेटी पसंद है और हम शादी को तैयार हैं रविकांत जी का फोन आया अखिलेश जी के पास। लेकिन लेकिन रविकांत जी हम आपकी डिमांड पूरी नहीं कर सकते आपने जो शादी में दहेज की मांग की है वह मैं पूरा नहीं कर सकता हूं। कोई बात नहीं मैं अपनी  मांग वापस लेता … Read more

मत भूलो कि ये भी मेरा परिवार है – मंजू ओमर : Moral Stories in Hindi

अरे मधु तुम तो आज आने वाली थी अभी तक  नहीं आई ट्रेन का समय तो निकल गया। मधु की सास     निर्मला देवी ने मधु को फोन किया।। हां मम्मी हां मम्मी अभी भैया भाभी के यहां दो दिन और रुकना है क्यों , भाभी की तबीयत खराब हो गई है उनके यहां … Read more

रिश्तों की अहमियत को समझो बेटा – मंजू ओमर : Moral Stories in Hindi

क्या बात है दीदी तुम्हारे बेटे की शादी है और तुम उदास सी चिंतातुर बैठी हो क्यों क्या हुआ अमिता अपनी बड़ी बहन सविता से बोली। कुछ नहीं रे बस ऐसे ही सोच रही थी कि आजकल के बच्चे कैसे हों गए हैं जो रिश्तों को खेल समझते हैं रिश्तों की मर्यादा को समझते ही … Read more

आसमान में उड़ना – मंजू ओमर : Moral Stories in Hindi

सुनो कामिनी अब मैं रिटायर हो चुका हूं,घर चलाने के लिए सिर्फ पेंशन आती है अब मैं शुभम को खर्चे के लिए इतने सारे पैसे नहीं दे सकता। आखिर कबतक मैं उसका बोझ उठाता रहूंगा।अब कुछ काम धाम करेगा मैं तो परेशान हो गया हूं पवन जी अपनी पत्नी से बोले।               पवन जी और पत्नी … Read more

तार ,तार होता अस्तित्व – मंजू ओमर : Moral Stories in Hindi

कमरे से जोर जोर से हंसने की आवाज सुनकर सुनैना का अस्तित्व तार तार हुआ जा रहा था। कमरे के अंदर से आ रही प्रमोद और सपना के हंसी की आवाजें पिघलें हुए शीशे की तरह सुनैना के कानों में पड़ रही थी । आखिर कार सुनैना वहां से उठकर रसोई में चली गई और … Read more

आज रिश्तों से ज्यादा पैसों की अहमियत है गई है – मंजू ओमर : Moral Stories in Hindi

पापा आप जल्दी स्वस्थ हो जाइये और अपना ध्यान रखिये,ये मैसेज और एक लाख रूपए का चेक देखकर सत्यप्रकाश जी के गालों पर आंसू की बूंदें लुढ़क गई। उठने बैठने में भी असमर्थ हो चुके सत्यप्रकाश जी सोचने लगें ये कैसी बेबसी है ये क्या जिंदगी है। सत्यप्रकाश जी पिछले आठ महीने से ब्लड कैंसर … Read more

हम देवरानी जेठानी नहीं हम तो छोटी बड़ी बहनें हैं – मंजू ओमर : Moral Stories in Hindi

ये क्या जिज्जी तुम्हारी दोनों बहुओं को देखकर तो लगता ही नहीं है कि ये दोनों देवरानी जेठानी है । दोनों कितना हंसती मुस्कुराती रहती है और मिलजुल कर काम करती है ।एक हमारी बहुएं है एक दूसरे को देखकर जली कुढी जाती है। दोनों एक दूसरे की शक्ल नहीं देखना चाहतीं । आपने ऐसा … Read more

पश्चाताप, बेटी मुझे माफ़ कर देना – मंजू ओमर : Moral Stories in Hindi

डाक्टर साहब जैसे ही आई,सी ,यू से बाहर आए पवन जी लपककर डाक्टर के पास पहुंच गए, डाक्टर साहब मेरी बेटी कैसी है । देखिए पवन जी मेरी पूरी टीम लगी हुई है आपके बेटी को बचाने के लिए । उसका स्टमक हमने क्लीन कर दिया है लेकिन प्वाइजन का असर अब भी है ।48 … Read more

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