अपनों की पहचान – मंजू ओमर : Moral Stories in Hindi
जानकी जी के पार्थिव शरीर को अंतिम संस्कार के लिए ले जाने की तैयारी हो रही थी । तीनों बहू बेटे एक किनारे बैठे बातो में मशगूल थे । चौथा बेटा अभी नहीं आ पाया है। किसी भी बहू बेटे की आंखों में मां के चले जाने का ग़म दिखाई नहीं दे रहा था। बस … Read more