आज रिश्तों से ज्यादा पैसों की अहमियत है गई है – मंजू ओमर : Moral Stories in Hindi

पापा आप जल्दी स्वस्थ हो जाइये और अपना ध्यान रखिये,ये मैसेज और एक लाख रूपए का चेक देखकर सत्यप्रकाश जी के गालों पर आंसू की बूंदें लुढ़क गई। उठने बैठने में भी असमर्थ हो चुके सत्यप्रकाश जी सोचने लगें ये कैसी बेबसी है ये क्या जिंदगी है। सत्यप्रकाश जी पिछले आठ महीने से ब्लड कैंसर … Read more

हम देवरानी जेठानी नहीं हम तो छोटी बड़ी बहनें हैं – मंजू ओमर : Moral Stories in Hindi

ये क्या जिज्जी तुम्हारी दोनों बहुओं को देखकर तो लगता ही नहीं है कि ये दोनों देवरानी जेठानी है । दोनों कितना हंसती मुस्कुराती रहती है और मिलजुल कर काम करती है ।एक हमारी बहुएं है एक दूसरे को देखकर जली कुढी जाती है। दोनों एक दूसरे की शक्ल नहीं देखना चाहतीं । आपने ऐसा … Read more

पश्चाताप, बेटी मुझे माफ़ कर देना – मंजू ओमर : Moral Stories in Hindi

डाक्टर साहब जैसे ही आई,सी ,यू से बाहर आए पवन जी लपककर डाक्टर के पास पहुंच गए, डाक्टर साहब मेरी बेटी कैसी है । देखिए पवन जी मेरी पूरी टीम लगी हुई है आपके बेटी को बचाने के लिए । उसका स्टमक हमने क्लीन कर दिया है लेकिन प्वाइजन का असर अब भी है ।48 … Read more

 क्या करूं बहन मेरी तो तक़दीर ही फूटी है। – मंजू ओमर : Moral Stories in Hindi

अरे क्या हुआ भाभी जी आप तो बेटा बहू के पास गई थी ,कब वापस आ गई।आप तो कुछ दिन रहने के लिए गई थी न । कुछ दिन क्या अब तो आपको उन्हीं के पास रहना चाहिए ।विजय भाई साहब की इतनी तबियत खराब रहती है कितना कितना तो उनका आपरेशन हो चुका है … Read more

अपने घर में रहूंगी – मंजू ओमर : Moral Stories in Hindi

विमला जी ने अपना बिखरा सामान समेट कर बैग में रख लिया और अटैची में अपने कपड़े करीने से लगा दिए । टेबल पर रखी पति की फोटो भी उठा कर रख ली और बाहर निकल पड़ी । गार्ड को फ्लैट की चाबी दी और नारायण राय जी के साथ कैब से स्टेशन आ गई … Read more

 इंसान हूं रोबोट नहीं – मंजू ओमर : Moral Stories in Hindi

आज आफिस से निकलने में श्रुति को पूरा एक घंटा लेट हो गया था । कुछ काम आ गया था जिसको पूरा करना था आज के ही आज बांस का आदेश था कि फाइल आज पूरी होनी चाहिए। फिर बाहर आकर बस पकड़ने में भी देरी हो गई क्योंकि रोज जो एक घंटे पहले बस … Read more

 आज बन पाई हूं सही मायने में इस घर की बहू और भाभी : मंजू ओमर : Moral Stories in Hindi

डोरवेल बजी तो प्राची ने दरवाजा खोला सामने अंकिता खड़ी थी । झटके से प्राची के गले लग गई भाभी भाभी,,,,,,,,,,,।इस अप्रत्याशित घटना से प्राची थोड़ा अचकचा गई क्योंकि अंकिता कभी प्राची को भाभी नहीं कहती थी। हमेशा नाम लेकर बुलाती थी और ताने देती रहती थी और तीखे शब्दों में ही प्राची से बात … Read more

मन की गांठें – मंजू ओमर : Moral Stories in Hindi

आज शर्मा जी ने अपनी अंतिम सांसें ले ली।उनका पार्थिव शरीर कमरे में पड़ा था ।भरा पूरा परिवार था शर्मा जी का । पत्नी थी चार चार बेटे बहुएं थी ।एक बेटी थी जो अपने ससुराल में थी ।एक बेटे बहू को छोड़कर सब बेटे अलग-अलग रहते थे। सबसे बड़े बेटे ने कुछ लोगों को … Read more

समझौता अब और नहीं – मंजू ओमर : Moral Stories in Hindi

ये लो ये दो पतले से बच्चे के सोने के कड़े यही भेजा है मीरा ने पैसे के बदले मां गायत्री के सामने बेटे विकास ने पोटली फेंक दी। आपके कहने पर दो लाख रूपए मैंने मीरा के पास भेज दिए हैं । नहीं देना था मीरा को जेवर तो न देती मैं तो पैसे … Read more

संयुक्त परिवार का सुख – मंजू ओमर : Moral Stories in Hindi

यार रति तेरे यहां कितना अच्छा है न तेरी तीन तीन भाभियां है ,इतने सारे भतीजे भतीजियां है कितनी चहल-पहल रहती है न तेरे घर में ।मैं जब भी तुझसे मिलने आती हूं तेरी कोई न कोई भाभी चाय नाश्ता लेकर आ जाती है तुझे तो उठकर जाना भी नहीं पड़ता।और जब मैं तेरे घर … Read more

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