दंश – अलका प्रमोद : Moral Stories in Hindi
अभी मैं क्लीनिक से आकर बैठी ही थी कि मिस्टर वर्मा का फोन आ गया। वह बुरी तरह घबराए हुए थे, उन्होंने रूआँसी वाणी में कहा, “डॉक्टर आप तुरंत आ जाइए, ऋतिका को पता नहीं क्या हो गया है, साँस ही नहीं ले पा रही है।” मैं समझ गयी कि जिस घड़ी से मैं डर … Read more