धब्बा लगना : short story with moral

short story with moral : पीयूष-मम्मी कब आओगी मिलने, और साथ में खाने के लिये मठरी, नमकीन भी लेती आना। यहाँ मेस का ख़ाना खाते खाते ऊब गया हूँ। रंजना (पीयूष की माँ)-मेरा पुत्त, मैं कल ही आ रही हूँ, और तेरी पसंदीदा हर चीज़ लाऊँगी। पीयूष-अरे वाह मम्मी। तुम बहुत अच्छी हो। रंजना और … Read more

दरकते रिश्ते : Moral Stories in Hindi

Moral Stories in Hindi : आज अग्रवाल साहब अपनी लड़की के रिश्ते के लिए जा रहे थे। सारी तैयारी कर ली गई। शगुन में देने के लिए गिन्नी भी रख ली।चाचा को भी साथ ले लिया गया। देखने दिखाने का कार्यक्रम चल रहा था। गोद भरने की तैयारी हो रही थी। लेकिन तभी कुछ कानाफूसी … Read more

आस्तीन का साँप : Moral Stories in Hindi

Moral Stories in Hindi : ” ये क्या कर रहे है आप मकान बेच सारा पैसा अपने भाई को दे रहे है जबकि आपको पता है ये मकान हमने लेकर ही इसलिए छोड़ा था कि कल को बच्चो की पढ़ाई मे कोई अड़चन ना आये !” स्वाति पति रौनक से बोली। ” स्वाति बच्चो की … Read more

ऐसे धब्बे की परवाह नहीं* : Moral Stories in Hindi

Moral Stories in Hindi : नित्या को ससुराल छोड़ आये देख दादी उस पर गुस्सा हो रही थी। बार बार कह रही थी-  “चौधरी परिवार पर धब्बा लगाएगी तलाक का।  आज तक इस परिवार में कभी किसी ने तलाक नहीं लिया है।  सब ने चाहते न चाहते हुए एडजस्ट किया है । अपनी बुआ रानो … Read more

इज्जत : Moral Stories in Hindi

Moral Stories in Hindi : “अरे यह काम वाली नहीं आ रही। घर में कितना काम है।”  ‌‌मनीषा झल्लाते हुए कहती है। मनीषा की सास सावित्री जी पलट कर कहती हैं,”इन कामवालियों पर तो बहाने ही होते हैं। नैना की गोद भराई है परसों। कौन संभालेगा इतना काम” अगले दिन काम वाली बाई मुंह को … Read more

उम्मीद – प्रियंका त्रिपाठी ‘पांडेय’

डाक्टर साहब शुभि कैसी है? अभी होश आने मे टाइम लगेगा। एक्सीडेंट मे काफी खून बह गया है। खून चढ़ाना पड़ेगा। आप खून की व्यवस्था करिए यदि खून नही मिला तो आपकी बेटी की जान खतरा हो सकता है। डाक्टर साहब की बातें सुनकर सुजाता की धड़कन बढ़ जाती है तो वो कुर्सी पर बैठ … Read more

मायका कभी बूढ़ा नहीं होता – वंदना सिंह

वक्त के साथ सब बदल जाता है, मा‌ँ–बाप बूढ़े हो जाते हैं पर, मायका कभी बूढ़ा नहीं होता……   बचपन की ज़िद बदल जाती है समझौते में, न चाहते हुए भी ओढ़ लेती हैं जिम्मेदारियां, सब कुछ बदल सा जाता है पर मायका कभी बूढ़ा नहीं होता…..   कोमल हाथों के स्पर्श आज भी वही … Read more

उम्मीद के बादल – अर्चना कोहली “अर्चि”

“सुनो जी । लगता है, इस साल भी बरसात नहीं होगी। जमीं में फटी दरारें देखकर लगता है इस साल भी सूखे की मार झेलनी होगी। बच्चे भूख से बिलबिला रहे हैं। उन्हें देखकर कलेजा मुँह को आता है”। “कमली कलेजा तो मेरा भी फटता है, जब मुनिया और राजू मेरी और उम्मीद भरी नजरों … Read more

अब समझ आया पतिदेव – संगीता अग्रवाल

” ये क्या है श्रुति कितना अस्त व्यस्त रहने लगी हो तुम ये ढीले ढाले कपड़े श्रृंगार विहीन चेहरा और थका हुआ जिस्म कौन कहेगा हमारी शादी को एक साल ही हुआ है अभी !” ऑफिस से लौटे तनुज ने सोफे पर बैठी श्रुति से कहा। ” तनुज मैं मां बनने वाली हूं ये तुम … Read more

सम्वेदना : बेटी की माॅ के प्रति – शिव कुमारी शुक्ला  : Moral Stories in Hindi

Moral Stories in Hindi : मीता  तैयार हो ऑफिस के लिए निकल ही रही थी कि तभी पापा विजय जी की आवाज सुनवाई दी ।मीतू इधर आओ  बेटा मुझे तुमसे कुछ जरुरी बात करनी है।  मीतू – पापा अभी मुझे देर हो रही है ऑफिस का समय हो गया है शाम को बात करते हैं।  … Read more

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