अभिसारिका – विनोद सिन्हा “सुदामा”
कहते हैं ज़िन्दगी में सुख़ की अपेक्षा दुःख की मात्रा कहीं ज़्यादा है परंतु जीवनपथ पर इन दोनों को एक-दूसरे से अलग कर रखा भी नहीं जा सकता,कारण सुख़ के क्षण सदा दुःख को साथ लिये हुए आते हैं और दुःख के क्षण सुख को, फिर नर हो या नारी उम्र भर न चाहकर भी … Read more