जीते जी माँ बाप को अतृप्त रखने वालों को उनके श्राद्ध का हक नही ( भाग 1)- संगीता अग्रवाल

” दीदी कल पापा का पहला श्राद्ध है आपको याद है ना हमने बड़ी पूजा रखवाई है उनकी आत्मा की शांति के लिए तो आपको सपरिवार आना है!” नेहा अपनी ननद मानसी से फोन पर बोली। “नहीं भाभी मैं नहीं आ पाऊंगी आपकी तो पता है इनको छुट्टी नहीं मिलेगी!” मानसी ने कसैले मन से … Read more

मुसीबतो को नेवता – रोनिता कुंडु : Moral Stories in Hindi

मम्मी जी, कल मैं अपने मायके जा रही हूं, वह क्या है ना..? मेरी भाभी, भैया के साथ शॉपिंग पर जाने वाली है, तो मेरी मां ने कहा उनके साथ जाकर मैं भी अपने राखी का तोहफा खरीद लूं, अपनी पसंद का… श्रद्धा ने अपनी सास जया जी से कहा  जया जी:  पर तुम्हारे भैया … Read more

दूसरी पारी का वह पहला दिन (भाग 1) – नरेश वर्मा 

सोचा था कि आज देर से सोकर उठूँगा क्योंकि यह एक बंधन मुक्त सुबह होगी ।किंतु शरीर जो इतने वर्षों से चली आ रही दिनचर्या का अभ्यस्त रहा था उसने नियत समय सुबह के साढ़े पाँच बजे आँखें खोल दीं।अब शरीर का भी क्या दोष ,उस बेचारे को तो नहीं पता था कि इस सुबह … Read more

खानदान – कामिनी मिश्रा कनक : Moral Stories in Hindi

Moral Stories in Hindi : कमला जी रात का खाना खाकर, दवाई खाने के लिए सोफे पर बैठी ही थी ….की तभी अचानक दरवाजे की घंटी बजती है……..  इतनी रात को कौन आया होगा अब तो बहू भी सो गई है , सुदर्शन भी ऑफिस के काम से बाहर गया हुआ है…… वो भी 2 … Read more

बहु भी बेटी- गौरी भारद्वाज : Moral Stories in Hindi

Moral Stories in Hindi : श्यामू काका !बहू को नीचे बुलाओ। मेम साहब बहू घर पर नहीं है उनको बाहर गए तीन घंटे हो गए। श्यामू काका की बात सुनकर सुषमा जी गुस्से में बोली-क्या !!!…बहू घर में नहीं है? नहीं मैम साहब…… श्यामू धीरे से बोला। “मां देख लो आप की नई बहू आपका … Read more

बिन तेरे ज़िंदगी (भाग 3) – बेला पुनीवाला

रीमा : उसमें धन्यवाद की क्या बात है आंटी जी ? जैसी आपके लिए नैना वैसी ही मैं। तो फ़िर मैं अपनी बहन जैसी सहेली को कैसे दुखी होते हुए देखूँ ? अब आप उसकी बिलकुल फ़िक्र मत कीजिएगा। देखना आप, कुछ ही दिनों में नैना पहले की तरह हंसती-मुस्कुराती आपको नज़र आएगी। अपनी ज़िंदगी … Read more

बिन तेरे ज़िंदगी (भाग 2) – बेला पुनीवाला

 कहते हुए तूफ़ान की तरह नैना नीचे रसोई में चली गई, रीमा ने उसे रोकने की कोशिश की मगर वह शायद उसके पूछे जानेवाले सवालों से भी भाग रही थी। रीमा ये देख़ एक पल के लिए सोच में पड़ गई, नैना ऐसा क्यों कर रही है, पहले तो वह काम न करने का बहाना … Read more

पहचान – प्राज्ञी खुराना : Moral Stories in Hindi

Moral Stories in Hindi : फोन की घंटी से विमला जी की तंद्रा भंग हुई। विमला जी ने फोन उठाया तो फोन डीएम साहब का था। डीएम साहब ने बधाई दी की आपको समाज सेवा के लिए सरकार की तरफ से आपको नामांकित किया गया है। विमला जी अपनी पुरानी यादों में खो गई कि … Read more

अपनों पर एहसान कैसा मैंने तो अपना फर्ज निभाया (भाग 2) – रेणुका टिकू  : Moral stories in hindi

Moral stories in hindi : वचन तो बृजमोहन ने मां को दे दिया,पर छोटी सी जगह में रहकर आठ सदस्यों का पेट पालना सरल ना था। सरकारी मुलाजिम था ब्रजमोहन और वेतन ₹50।पांच बच्चों की शिक्षा इतनी कम आय में कतई संभव न थी।कुछ निश्चय कर ब्रजमोहन दिल्ली की ओर निकल गया।मां को आश्वासन दिया … Read more

अपनों पर एहसान कैसा मैंने तो अपना फर्ज निभाया (भाग 1) – रेणुका टिकू  : Moral stories in hindi

Moral stories in hindi : इंद्रावती ने बृजमोहन को आवाज दी और एक पंक्ति में सोते हुए पांचो बच्चों के ऊपर से रजाई को हटाते हुए पूछा–यह सब कौन है बृज? कोई अंतर दिखता है तुम्हें इनमें? बृज की आंखें नम थी,धीरे से बोला–’मां,अपने ही बच्चे हैं, अंतर कैसा?और अंतर हो भी कैसे सकता है?देखो … Read more

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