गिन गिन कर पैर रखना – मीनाक्षी सिंह : Moral stories in hindi

यार तुम इतनी जल्दबाजी में काम क्यूँ करती हो…. सुबह से ही किचेन में तुम्हारे बरतन गिरने लगते है …. सबको शोर से उठा देती हो….. नींद खराब कर दी…..  रवि अपनी पत्नी सुलभा से झल्लाते हुए  बोला….  सही बोला बेटा तू …. एक तेरी बड़ी भाभी है ऊपर रहती है …. पता ही नहीं … Read more

कैसा जमाना आ गया – मंजू ओमर : Moral stories in hindi

 सुलभा जबसे शादी समारोह से आई थी तबसे उसका मन बड़ा खिन्न सा था ।वो सोंच रही थी कैसा जमाना आ गया है। आजकल लड़के लड़कियों में लाज शर्म बिल्कुल रह ही नहीं गया है। उसके मन में विचारों का तर्क वितर्क चल रहा था , साथ ही उसे किटी में भी जाना था सो … Read more

किस्मत के खेल निराले – शिव कुमारी शुक्ला : Moral stories in hindi

अमर को उसके माता पिता ने बड़े अरमानों से कोटा कोचिंग करने के लिए भेजा था ताकि वह जिदगी में कुछ बन सके। उसे एक PG में कमरा दिलाकर, कौचिंग में प्रवेश कराकर फीस भर उसके लिए आवश्यक सामान जुटाकर  सुदेश जी (पिता) लौट गए और बेफिक्र हो गए कि अब तो उनका बेटा डाक्टर … Read more

इंसानियत का रिश्ता – करूणा मलिक  : Moral stories in hindi

सेवकराम  , बाहर क्यों बैठे हो ? अंदर आ जाओ । बारिश के साथ तेज़ हवाएँ चल रही हैं । हाँ मैडमजी , इस बार तो ज़्यादा तेज़ हवा चल रही हैं । देखो , भगवान की क्या इच्छा है ? शिखा को महसूस हुआ कि जैसे सेवकराम उसकी बात का जवाब न देकर अपने … Read more

ना जाने कैसा जमाना आ गया है –  हेमलता गुप्ता  :Moral stories in hindi

हरे राम.. हरे राम.. हरे राम.. हरे राम.. ऐसा कहते कहते अम्मा जी ने जैसे ही घर में प्रवेश किया सभी समझ गए कि आज अम्मा जी का मूड खराब हो गया है, अभी अच्छी भली  तो पार्क में गई थी सुबह-सुबह घूमने, आधा घंटा ही तो हुआ था और  आ भी  गई और उस … Read more

किस्मत का खेल – गौरी भारद्वाज  : Moral stories in hindi

हरी  के घर में उसकी पत्नी विमला और उसके दो बच्चे कृष्णा और माधव थे। खुशहाल परिवार था उसका। मेहनत मजदूरी करके कमाता था और अपना और अपने परिवार का पेट पालता था। दोनों बच्चों को सरकारी स्कूल में डाल रखा था। विमला भी छोटा-मोटा फॉल पीको करके थोड़ा बहुत कमा लेती थी। पैसा नहीं … Read more

स्वयंसिद्धा (भाग 2 – डॉ. पारुल अग्रवाल : Moral stories in hindi

अब भी वो अपने पति के साथ इतने बड़े महानगर में अकेली ही थी। बच्चे के साथ नौकरी करना बहुत मुश्किल हो रहा था। बच्चे की तबियत कभी भी खराब हो जाती वो कामवाली के सहारे अपने बच्चे को छोड़ना नहीं चाहती थी। उसने अपने घर और ससुराल दोनों जगह बात की पर उन लोगों … Read more

स्वयंसिद्धा (भाग 1) – डॉ. पारुल अग्रवाल : Moral stories in hindi

रोली आज की पढ़ी लिखी आत्मविश्वास से भरी हुई सुलझी हुई महिला थी। वो उन महिलाओं में से नहीं थी जो घर गृहस्थी के चक्कर में अपनेआपको भूल जाए और अपने पर बिल्कुल भी ध्यान ना दे। वो उन महिलाओं में से थी जो खुद अपना भाग्यविधाता बनने में विश्वास करती हैं। वो अपने घर,परिवार … Read more

होई है वही जो राम रची राखा – डॉ संगीता अग्रवाल   : Moral stories in hindi

“माँ,माँ,मैं भी पढ़ने जाऊंगी भैया की तरह”,नन्ही सोना ने बहुत देर से रट लगा रखी थी। उसकी माँ लक्ष्मी थोड़ी देर सुनती रही फिर उसे डांटते हुए बोली:”कितनी बार कहा है लाली,तू मोड़ी है,और मोड़ियाँ हमारे घर पढ़ती नहीं।तुझे भी मेरी तरह चौका बर्तन ही करना है जिंदगी भर।” सोना को उसकी कोई बात समझ … Read more

देवर जी आप भी अब जोरू के गुलाम बन गये – अर्चना खंडेलवाल   : Moral stories in hindi

रतनी देवी के दो बेटे हैं, जिनमें अभी-अभी बड़े बेटे मनोहर की शादी सुनयना से हुई थी, सुनयना काफी संस्कारी और सुलझे विचारों की थी, उसने आते ही घर गृहस्थी को संभाल लिया था, सुनयना अपने सास-ससुर, पति और देवर भास्कर का बड़ा ही ध्यान रखती थी, सबको आश्चर्य होता था कि कल की आई … Read more

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