देवरानी नहीं बहन – डा०विजय लक्ष्मी : Moral Stories in Hindi

शहर की हलचल से कुछ दूर, एक शांत मोहल्ले में जानकी जी अपने पति अवध नारायण जी और दो जुड़़वां बेटों अमित और नमित के साथ रहती थी। एक बड़ी बेटी शुचिता थी जिसका विवाह हो चुका था। दोनों भाई न सिर्फ सूरत में एक जैसे थे, बल्कि उनके विचार और व्यवहार भी इतने मिलते-जुलते … Read more

मतभेद भले हो, मनभेद नहीं – विमला गुगलानी : Moral Stories in Hindi

मतभेद भले हो, मनभेद नहीं-कहानी “ ओहो, निशू, आज फिर दूध उफन गया, तेरा ध्यान किधर रहता है , देवर जी को बाहर तक छोड़ तो आई थी?” सरू ने निशू को मीठी डांट पिलाते हुए कहा। “ वो दीदी, क्या है कि दूध को भी मुझसे प्यार हो गया लगता है, ज़रा सी नजर … Read more

“टूटी तकदीर के रंग” – डॉ० मनीषा भारद्वाज : Moral Stories in Hindi

गाँव की पगडंडी पर नीरा की चप्पलों के निशान उसकी ज़िंदगी की तरह धुँधले पड़े थे। पिता का देहांत होने पर घर में रखा कुम्हार का चाक टूट गया था। माँ कहती, “हमारी तकदीर फूट गई है, बेटी।” पर नीरा की उँगलियाँ मिट्टी को सहलाने के लिए बेचैन रहतीं। एक दिन उसने टूटे चाक के … Read more

दर्द – राशि सिंह : Moral Stories in Hindi

शादी के दस साल बाद भी संतान न हो पाने का दर्द सुहानी को भी है। जब हँसते खिलखिलाते हुए छोटे बच्चों को देखती है तो ममता जा उठती है बारिश के दिनों में बरसने को आतुर उमड़ते घुमड़ते बादलों की तरह मगर जब हकीकत का एहसास होता है तो खुद को रोक लेती है। … Read more

 “सम्मान की सूखी रोटी” – प्रीति श्रीवास्तवा : Moral Stories in Hindi

प्रमिला एक मध्यम वर्ग परिवार की साधारण लड़की थी, वह बहुत सुंदर थी, उसने अंग्रेजी विषय से ग्रेजुएशन किया था, घर की आर्थिक स्थिति अच्छी न होने के कारण प्रमिला साइकिल से बच्चों के घर जाकर के ट्यूशन पढ़ाया करती ।          एक दिन  प्रमिला ट्यूशन पढाने गई थी, वहां पर एक लड़का आया था ,जिसका … Read more

 मेरी दोनों बहू आपस में बहन जैसी रहती है – सीमा सिंघी : Moral Stories in Hindi

शाम ढलने को थी।परिंदे भी अपने घर को लौट रहे थे । मैं घर के नजदीक वाले पार्क में जा बैठी मगर आज मन किसी से दो घड़ी बातें करने का नहीं कर रहा था ।  मुझे ऐसा लग रहा था आज मेरे मन के किसी कोने में उदासी जा कर बैठ गई है । … Read more

 मेरी दोनों बहुएं आपस में बहन जैसी रहती हैं ! : सुदर्शन सचदेवा : Moral Stories in Hindi

क्या कहा – सुमित्रा बहन ! तेरी दोनों बहुएं बहनों जैसी रहती है  , अच्छा ?  लेकिन आजकल तो ईष्या होती है ं इसने इतनी सुंदर ड्रेस पहनी है , या फिर इतनी सुंदर लग रही है | ज्यादातर तो ऐसे ही होता है  |  हमारे परिवार की खासियत यही है कि सब एक दूसरे … Read more

 आपको बहू नहीं चलता फिरता रोबोट चाहिए : कविता अर्गल : Moral Stories in Hindi

 अरे!रमेश तुमने आरव की शादी तय करने में बहुत जल्दबाजी नहीं कर दी  कुछ दिन तो रुकता,लड़की का व्यवहार कैसा है? घर की जिम्मेदारियां निभा पायेगी कि नहीं कैसे क्या शौक है यह सब भी तो देखना पड़ता है। नौकरी के साथ साथ घर बाहर के  कर्तव्य पूरा कर पाएगी। अरे अम्माँ क्यों चिंता करती … Read more

 “छोटा सा तोहफा” :  सोमा शर्मा : Moral Stories in Hindi

निलेश एक प्राइवेट कंपनी में अच्छे पद पर था। सुबह 8 बजे निकलना और रात को 8 बजे लौटना उसका रोज़ का रूटीन था। निलेश के परिवार के पास सुख सुविधा सब कुछ था । घर में उसकी पत्नी सुजाता और छह साल का बेटा आयुष उसका इंतज़ार करते थे, लेकिन निलेश के पास वक्त … Read more

 सम्मान की सूखी रोटी :  पूनम अग्रवाल : Moral Stories in Hindi

रमा को बाजार में रुचि मिल गयी । रमा चहकते हुए उसके पास गयी और अचानक बोली , हाय रुचि कैसी है ? रुचि ने अपना नाम सुन पीछे मुड़ कर देखा और रमा को देख कर आश्चर्य चकित रह गयी  कि तुम तो कानपुर थीं यहां कैसे?  रमा बोली चलो कहीं बैठते हैं । … Read more

error: Content is protected !!