सम्मान की सूखी रोटी – डा० विजय लक्ष्मी : Moral Stories in Hindi
गांव की कच्ची गली में जैसे ही जानकी ने अपने घर की कुंडी खोली, सामने से रमिया दौड़ी चली आई। आंखों में आश्चर्य, होंठों पर हल्की मुस्कान लिए उसने पूंछा, “अरे जिज्जी, तुम आ गईं? तुम तो कह रही थीं कि दो-तीन महीने गर्मी भर रुकने वाली हो, फिर इतनी जल्दी कैसे लौट आईंं?” जानकी … Read more