“दोहन” – रीमा ठाकुर

प्रभु लाज रखो मेरी,  हाथ जोडे निरीह आंखे बंद आंसुओं की धार  एक अबला,   कृष्ण भक्ति में लीन,  विश्वास की परकाष्ठा,, पंचाली कृष्णा, कृष्ण है, न तुम्हारा सखा “ धीरे से नयन खोलकर देखती है, अद्भुत, सामने केशव खड़े, बस उन्माद, कुछ खबर नही “! हडबडा उठ बैठी नित्या, कुछ पल इधरउधर देखती रही, … Read more

मुझे भी जीना है! – रीमा महेंद्र ठाकुर 

कार दरवाजे पर आकर खडी हो गयी थी, कला का मन बार बार उधर ही जा रहा था! नयी बहू आयी थी “ पर वो खुद को रोके हुए थी! वजह उसका विधवा होना, अंश उसका इकलौता बेटा था! नीचे बहू परछन की तैयारी हो रही थी! बड़ी ननद ने सारा जिम्मा लिया था और … Read more

चाय की अंतिम प्याली – अनिता वर्मा

ऐसा नही है कि पहली बार पत्नी “स्वाति”के बिना  अकेले सो रहा था कई बार ऑफिस के काम से बाहर जाता था पर आज पहली बार ,अपने  शयनकक्ष  मे अकेले सो रहा था रात के 2 बज गए थे पर गौरव की आँखों मे नींद का पता ही नही था । सोचता रहा ना जाने … Read more

सहारा – अनुपमा

आभा का फोन बार बार बजता ही जा रहा था , मीटिंग मे  थी और फोन साइलेंट पर , उसे कुछ पता ही नही चला । मीटिंग के बाद जैसे ही आभा ने अपना फोन चेक किया वो परेशान हो गई , इतने सारे मां के मिस कॉल आखिर क्या हो गया? मां को वापिस … Read more

अजन्मे बेटी का दर्द – रीता मिश्रा तिवारी

मेरा सिर थोड़ा भारी सा लग रहा है। थोड़ा आराम कर लेती हूं कह सुषमा बिस्तर पर लेट गई , लेटते ही उसे नींद आ गई। मां, पापा! मैं जन्म ले कर इस दुनियां में आना चाहती हूं। देखना चाहती हूं प्राकृतिक सुंदरता को। महसूस करना चाहती हूं तुम्हारे स्पर्श को। तुम्हारी गोद में सुकून … Read more

आरव – कान्ता नागी

जब से आरव ने जन्म लिया वह घर में उपेक्षित ही था, क्योंकि बचपन से ही वह दूसरे बच्चों की तरह चल-फिर नहीं सकता था।मीनू और उसके पापा अजीत ने उसका बहुत उपचार करवाया।फीजीयोथेरोपी कराने से अब वह वैशाखियों के सहारे ही चल सकता था।जब से उसकी बहन नीलू का जन्म हुआ, माता-पिता का सारा … Read more

समझदारी – कान्ता नागी

गोविन्द और रेखा दोनों जुड़वां भाई -बहन थे।उनके पिता कर्नल विनोद फौजी थे,जबकि उनके जन्म के बाद ही मां गुंजा की मृत्यु हो गयी थी। कर्नल विनोद ने दोनों की परवरिश की। दोनों भाई बहन बचपन से ही होशियार और कुशाग्र बुद्धि होने के कारण अब अपनी मंजिल के करीब पहुंच चुके थे। रेखा का … Read more

पायल – निभा राजीव

शिप्रा माता-पिता के देहांत के बाद पहली बार रक्षाबंधन पर मायके जा रही थी। यूं तो भैया भाभी ने बहुत प्यार से बुलाया था। भाभी ने बड़े मनुहार से कहा था कि “सोच ले शिपू कि मां के पास आ रही है।”  पर फिर भी मन न जाने कितनी शंकाओं से घिरा हुआ था। कि … Read more

एहसान – सपना बबेले

मीना की शादी को चार साल ही हुए थे कि अचानक पति की तबीयत बिगड़ी और कुछ दिमागी हालत खराब हो गई। बहुत परेशान थी मीना क्या करें कुछ समझ में नहीं आ रहा था। ससुराल वालों ने भी किसी प्रकार की मदद करने से मना कर दिया। क्यों कि मानसिक रूप से बीमारी के … Read more

रोशनी लैम्प की- गोविन्द गुप्ता

अनुज पांच वर्ष का था तब उसके पिता ने पास के स्कूल में उसका एडमिशन करा दिया था, स्कूल गांव से पांच किमी दूर था तो पैदल ही सभी बच्चों के साथ जाता था, रास्ते भर बच्चे हंसी मजाक करते रहते , एक दिन अनुज के शर्ट कुछ फटी हुई थी तो एक बच्चे ने … Read more

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