अब नहीं – विभा गुप्ता

  ” माँ , इस बार तुम्हारी बेटी शहर ही नहीं पूरे जिले में अव्वल आई है।आज स्कूल के फंक्शन में मुझे ‘सर्वश्रेष्ठ’ का पुरस्कार दिया जायेगा और तुम्हें ज़रूर आना है।” मिनी ने माँ को अपना रिपोर्ट कार्ड थमाते हुए कहा और स्कूल जाने के लिए तैयार होने लगी।              रिपोर्ट कार्ड देखते ही माँ की … Read more

बदलाव – रीटा मक्कड़

एक तो लॉक-डाउन के साथ कर्फ्यू ऊपर से घर पर भी दिन रात हर घड़ी हर पल का कर्फ्यू सच ही तो है पति लोग तो कर्फ्यू की वजह से घर पर हैं लेकिन हम औरतों के लिए तो घर पर ही कर्फ्यू लगा हुआ है जिसमे कोई ढील नही। दिन रात सबकी फरमाइशों को … Read more

वो सुनहरे दिन – नीरजा कृष्णा

आज मधुरिमा को बाहर का भी बहुत काम था और ऐन वक्त पर मेड भी धोखा दे गई थी। बेचारी परेशान होकर जल्दी जल्दी काम निपटाने की कोशिश कर रही थी। वो बहू की अफ़रातफ़री समझ भी रही थीं और महसूस भी कर रही थीं। वो पूजा समाप्त कर उसके पास आईं और सब्ज़ी वगैरह … Read more

बाड़ – सुनीता मिश्रा

“अरे मार ही डालेगा क्या बहू को,छोड़ पेट से है वो,बच्चे को चोट लगी तो दोनों के जान पर बन आयेगी।”जानकी बेटे पर बरस पड़ी।जो अपनी पत्नी से,जबरदस्ती उसके हाथ की सोने की चूड़ी उतरवा रहा था और निर्मला(उसकी पत्नी) चूड़ी उतारने नहीं दे रही थी। जानकी का बेटा, मुन्ना बाबू। खानदान मे एक लम्बे … Read more

विदाई – अनामिका मिश्रा

आज निर्मला बिस्तर पर लेटी पुरानी यादों में खो गई थी। काफी दिनों से बीमार थी। निर्मला के दो बेटे थे। छोटा बेटा प्रदीप लाडला था निर्मला का। कहने लगा, “मां चलो तुम हमारे साथ रहना, मैं देख रहा हूं, तुम यहां आराम से नहीं हो, भाभी भी तुम्हारा ख्याल नहीं रख पा रही है,रीना … Read more

राधा जिज्जी – अनुपमा

राधा दीदी जरा गोलू को संभाल लो बहुत परेशान कर रहा है बड़की बहु की आवाज से राधा गोलू को गोदी मैं उठा ही रही थी की पीछे से मानसी पूछ बैठी दीदी क्या बनेगा खाने मैं आज ? राधा ने उसको कहा जो भी हो उसी हिसाब से बना लो यही रहता था उसका … Read more

धुँधला होता रंग – सरला मेहता

अभी अभी पद्मा राजेंद्र की दिल की कलम से लिखा आलेख पढ़ा,,, *क्या आप भी ?* और सच इस पान प्रकरण ने कई यादें ताज़ा कर दी। यूँ देखा जाए यह शनै शनै विलुप्त प्रजाति की श्रेणी में भी आ सकता है। मुखवास के नए साधनों की कमी नहीं है। कई तरह के पान मसालों … Read more

और तूफान थम गया – नीरजा कृष्णा #लघुकथा

उनके घर में आज बहुत खुशी का माहौल था। उनके छोटे भाई आमोद का विवाह था। माता पिता की अकाल मृत्यु के पश्चात वो और उनके सह्रदय पति विशाल जी ने छोटे से आमोद को गले से लगा लिया था…अब वोही दोनों उसके माँ बाप बन गए थे….उन्होनें उसे दिल से अपनाया था। उसके प्रति … Read more

 बड़ी बहन – प्रीती सक्सेना

आज मेरी शादी है, बारात आने का समय हो चला है, सारे रिश्तेदार आ चुके हैं , मम्मी पापा, भाई सब बहुत ज्यादा व्यस्त हैं, मैं भी आने वाली खुशियों के इंतजार में बहुत खुश भी हूं, और डरी हुई भी, नया घर, नए लोग, नया परिवेश पता नहीं सब कैसा होगा।   अचानक जोर जोर … Read more

अहसास … – सीमा वर्मा

मालती मात्र १७  की थी जब उसका  विवाह सुधीर के साथ सम्पन्न हुआ था ।  उसने जब से सपने देखना शुरू किया  था तभी से सोंचना भी उसका मन भी फूलों जैसा महका था सुधीर के साथ। यह उम्र ही होती है जब आप रंगीन और रूमानी दुनिया में रहते हैं ।  जिंदगी सतरंगी लगती … Read more

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