“संघर्ष सफर का” – डॉ. अनुपमा श्रीवास्तवा

तालियों की गड़गड़ाहट से समूचा हॉल गूँज उठा। तभी माईक पर आवाज गूंजी…… डॉ. स्मृति आप यहां आयें और अपनी मंजिल आपने कैसे पाया कृपया उसके बारे में दो शब्द कहें । यहां उपस्थित सभी मेहमान तथा मेडिकल कॉलेज के छात्र आपके यहां तक के सफर और संघर्ष की कहानी आपकी ही जुबानी सुनना चाहते … Read more

मुनिया – मीनाक्षी सिंह

हे प्रभु ,ये क्या अनर्थ कर दिया ,मेरी फूल सी आठ साल की बच्ची  से उसकी माँ को छीन लिया ! मुझे ले लेता ,मेरी तो इस दुनिया में कोई ज़रूरत नहीं थी ! अपनी प्रिया पर भी जीते जी बोझ ही था ! बेचारी उस दिन बारिश में मुझ अपाहिज के लिए ही तो … Read more

जीवन एक संघर्ष – रश्मि प्रकाश

“ माँ सोच रही हूँ प्रिया को बुला लूँ ।” राशि ने अपनी माँ से कहा जो बहुत समय बाद मायके आई थी  लगभग पाँच साल पहले वो ये शहर छोड़ कर कहीं और चली गई थी । “ तुम अभी तक उसको भूली नहीं हो पाँच साल हो गया यहाँ से गए आज भी … Read more

हम बुरा क्यो ना माने – संगीता अग्रवाल

” बहू जल्दी जल्दी हाथ चलाओ नितेश के दोस्त होली खेलने आते ही होंगे फिर अर्चना भी तो आ रही है जमाई जी के साथ अपनी भाभी की पहली होली पर !” सरला जी पकोड़े तलती हुई अपनी बहू मीनाक्षी से बोली। ” जी मम्मीजी बस होने वाला है !” मीनाक्षी मुस्कुराते हुए बोली।  इधर … Read more

बाबूजी – पूजा मनोज अग्रवाल

अरे साहब चलो ना  ! ,,, मेरा  रिक्शा खाली है ,,,मैं ले चलूंगा आपको ,,।  नहीं भाई नहीं ,,,! तुम्हारे हाथ में चोट लगी है , और मुझे समय पर पहुंचना है,, तुम रिक्शा धीरे चलाओगे तो मुझे देरी हो जाएगी । बाबूजी ,,, मैं आपसे विनती करता हूं  ,,,आप मेरी रिक्शा में बैठ जाइए … Read more

गोद लेने की सजा  –  के कामेश्वरी

मोहन और अपर्णा की शादी हुए दस साल हो गए थे लेकिन उनके बच्चे नहीं हुए थे। उन दोनों ने मिलकर कई डॉक्टरों के चक्कर काटे परंतु कोई फ़ायदा नहीं हुआ तब दोनों ने मिलकर यह फ़ैसला किया था कि वे एक बच्ची को गोद लेंगे । मोहन को लड़कियाँ पसंद थी इसलिए उनके घर … Read more

त्याग का रिश्ता… – विनोद सिन्हा “सुदामा”

डागडर साहिब कैसी है मेरी बहू…. विमला देवी ने भरे मन डाक्टर से बहू रश्मि का हाल पूछा… जी माँ जी अभी कुछ कहा नहीं जा सकता…हम कोशिश कर रहें..ईश्वर पर भरोसा रखिए… आखिर उसे हुआ क्या है..?? क्यूँ एकाएक दर्द उठा पेट में..क्यूँ बेहोश हुई… जी renal failure का केश है…. रेनल फेलर इ … Read more

रिश्ता गुलाब सा – सीमा वर्मा

यह कहानी उस वक्त की है जब मैं जिला स्कूल की क्लास नाइन में पढ़ता था। हम सब मतलब मैं और मेरा भाई जो मुझसे तीन साल छोटा है तब वो क्लास सिक्स्थ में था।  उस घटना का प्रभाव मेरे दिल- दिमाग पर बाद के‌ दिनों तक छाया रहा था। क्योंकि तब दुनिया इतनी फैली … Read more

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