अभिमान कैसा? –  विभा गुप्ता

  ” नहीं दीनदयाल, तुमने विवाह में कार देने की बात कहकर अब मुकर रहे हो, यह ठीक नहीं है।आखिर मैं बेटे का बाप हूँ, समाज में मेरी इज़्जत रह जायेगी।” रामकृष्ण अपने समधी से तीखे स्वर में बोले तो दीनदयाल बोले कि हाँ रामकृष्ण, मैंने तुमने कार देने की बात कही थी लेकिन तब छोटी … Read more

अभिमान ही मेरा गहना है – के कामेश्वरी

सरस्वती भगवान के पास हाथ जोड़कर विनती कर रही है कि हे भगवान मुझे अपने पास बुलाना भूल गए हो क्या ? और कितने दिन मुझे यह सब सहना पड़ेगा । मैंने ऐसी कौनसी ग़लतियाँ की हैं जिसकी सज़ा मुझे मिल रही है । सरस्वती है कौन उसके साथ ऐसा क्या हो रहा है जिससे … Read more

जीवन-साथी का चयन – मुकुन्द लाल

जब ललिता के घर पर उसके  छोटे पुत्र अंकित की शादी के बाबत अगुआ पहुंँचा तो उसने उसकी आवभगत और स्वागत-सत्कार की औपचारिकता के बाद लड़के की मांँ ने लड़की के संबंध में जानकारी लेनी चाही तो अगुआ ने लड़की की सुन्दरता, शिष्टता, स्वभाव व आचरण संबंधी जानकारी देने के क्रम में उसकी प्रशंसा करते … Read more

छोटी बहन – उमा वर्मा

यह कहानी मेरी  अपनी छोटी बहन को समर्पित है जो पाँच मई को गुजर गयी । मैं उसकी दीदी उसे श्रद्धांजलि अर्पित करती हूँ ।” बुद्ध पूर्णिमा के अवसर पर सुबह सुबह नहा धो कर तैयार हो गई ।मन में था थोड़ा हवन कर लूँ ।बस सारी तैयारी शुरू कर दिया ।बच्चे आफिस जा चुके … Read more

 अभिमान  – हेमलता गुप्ता

राहुल 7 साल का मासूम सा बच्चा, जिसके मम्मी पापा दोनों नौकरी करते थे! राहुल हमेशा अपनी मम्मी से कहता, मम्मी जब मैं बड़ा हो जाऊंगा तब मैं कलेक्टर बनूंगा और फिर आपको नौकरी नहीं करनी पड़ेगी! आप हमेशा मेरे साथ ही रहना! पापा मम्मी दोनों राहुल की प्यारी सी बातों पर इतरा जाते! कुछ … Read more

तोहफा – डा. मधु आंधीवाल

 रमेश जी बहुत दिनों से देख रहे थे रोनित की भाग दौड़ को । मंजुला ने बहुत जल्दी रमेश जी का साथ छोड़ दिया । रोनित की जिम्मेदारी सौंप कर । रमेश जी बहुत धनाढ्य परिवार के थे । पिता का बहुत बड़ा व्यापार । रमेश जी चार भाई थे तीन भाई छोटे थे । … Read more

समय बड़ा बलवान – मोना शुक्ला

मिश्रा जी ..आपको लड़की की शादी कर देनी चाहिए  आए दिन मोहल्ले में उसके बारे में बातें होती  रहती है  लोग बाग कहते हैं, कि मिश्रा जी की लड़की का चाल चलन ठीक नहींl  हम सुनते हैं हमें अच्छा नहीं लगता इसीलिए आपसे कह रहे हैं वैसे भी वह 18 की तो हो ही गई … Read more

मेरा अस्तित्व –   बालेश्वर गुप्ता

  देखो बेटा, कुछ प्रैक्टिकल बनो,कश्मीरी लाल एक बड़े उद्योगपति है, उनकी बेटी से शादी होगी तो एक फैक्ट्री वो आराम से तुम्हारे नाम कर सकते हैं।पर इशारा तो करना पड़ेगा,ना।      पर बाबूजी हमे क्या कमी है, आप खुद उद्योगपति हैं, सबकुछ आपके पास है।और रही मेरी बात, तो बाबूजी मैं दहेज के खिलाफ हूँ, मैं … Read more

तोहफा – संगीता श्रीवास्तव

खुशी आंखें बंद किए आराम कुर्सी पर बैठी भूली बिसरी यादों में खोए अनुभव का इंतजार कर रही थी । तरह-तरह के विचारों में खोई, कभी पीड़ा, कभी आनंद के मननशीलता से विचारों के प्रवाह में बहती जा रही थी। क्यों न बहे? जीवन में तरह-तरह के उतार -चढ़ाव होते जो रहे हैं! कैसे -कैसे … Read more

दिखावे का व्यवहार – पुष्पा जोशी

  विधि जब से उस विवाह समारोह से लोटकर आई है, तभी से उसका मन बहुत विचलित है। उसके कानों में रह रह कर वो बातें गूंज रही है जो उसके करीब बैठी महिलाऐं आपस में कर रही थी, विधि उन्हें पहचानती नहीं थी और न शायद उन महिलाओं को यह ज्ञान था, कि वे किसके … Read more

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