पड़ गयी कलेजे में ठंडक – अनामिका मिश्रा : Moral Stories in Hindi

दो दोस्त थे अशोक और दीपक। दोनों गांव में पले बढ़े थे। अशोक बहुत महत्वाकांक्षी नहीं था,वो गांव में ही किसानी कर अपने परिवार का पालन पोषण कर रहा था।उसी जगह दीपक शहर में रहकर काम करना चाहता था और उसकी इच्छा भी पूरी हो गई।दोनों के स्वभाव विपरीत थेपरंतु मित्रता घनिष्ठ थी।  एक बार … Read more

शुभ  – विवाह – प्रतिभा  सिन्हा : Moral Stories in Hindi

  ” उमा ,            देखो कौन  आए हैं ====”  रमेश जी  घर में प्रवेश  करते ही अपनी पत्नि  को आवाज  देते हैं ।   उमा जी  पति की आवाज  सुनकर जैसे ही किचन  से बाहर  निकलती  हैं , सामने पति और  उनके परम मित्र  भुवनेश्वर  जी को साथ देखकर बहुत  खुश  हुईं । एक अर्से के बाद  … Read more

दहेज का सौदा – एक नई शुरुआत – नमरा अराफात : Moral Stories in Hindi

पापा, आप सच में उन्हें पाँच लाख देने की सोच रहे हैं? सीमा की आवाज़ में नाराज़गी भी थी और हैरानी भी। श्यामलाल चुपचाप खाट पर बैठे थे। उनके चेहरे पर चिंता की लकीरें और माथे पर पसीना साफ बता रहा था – वो इस वक्त दो पाटों में फंसे हैं, एक तरफ बेटी की … Read more

आख़िर वह बिना बताये क्यों चले गए – रत्ना पांडे : Moral Stories in Hindi

सुबह-सुबह दरवाज़े पर दस्तक हुई तब मिसेस कपूर ने दरवाज़ा खोला। गंदे मैले कपड़े पहने हुई एक स्त्री जिसके चेहरे से वह काफ़ी शालीन दिखाई पड़ रही थी, उसके साथ ही एक छोटी-सी नन्हीं गुड़िया उसकी गोद में थी, मालूम होता था मानो 1 या 2 दिन की ही बच्ची है। कांपती आवाज़ में उसने … Read more

नई शुरुआत – मधुलिका सिन्हा : Moral Stories in Hindi

आज, रिया और राघव शादी के बंधन में बंधने वाले थे। दो ऐसे लोग जिनकी नियति कुछ अलग ही कहानी लिखने वाली थी। अग्रवाल हवेली में चहल-पहल थी। हर कोना रोशनी और फूलों से सजा था, और हवा में शहनाई की मधुर धुन गूँज रही थी। यह कोई साधारण शादी नहीं थी,यह थी खुशी और … Read more

शुभ विवाह – विनोद कुमार सिंह : Moral Stories in Hindi

बदायूं के सुदूर उत्तर में शेखुपुर नामक एक छोटा-सा सुंदर गांव था, जहाँ विनोद कुमार सिंह और उनकी धर्मपत्नी अंशु अपनी बेटी आराध्या के साथ रहते थे। विनोद कुमार सिंह एक सेवानिवृत्त अध्यापक थे। उम्र ढल चुकी थी, पर आँखों में आज भी बेटी के सुनहरे भविष्य के सपने पलते थे। रिटायर होने के बाद … Read more

सात फेरे – पूरन लाल चौधरी : Moral Stories in Hindi

शहनाई की मीठी धुनों से पूरा आँगन गूंज रहा था। घर का कोना-कोना चटख रंगों से सजा था, जैसे हर दीवार ने उत्सव का घाघरा पहन लिया हो। आकाश में झूलती झालरों और पत्तों से सजे द्वार पर आमंत्रण की हवा थिरक रही थी। यह केवल विवाह का अवसर नहीं था, यह दो परिवारों के … Read more

बदलते रिश्ते (भाग-10) – अंबिका सहगल : Moral stories in hindi

अंधेरा होने को था सर ने मुझे हॉस्टल के बाहर छोड़ा कल फिर मिलनें के वायदे के साथ।  उसके बाद तोह छुट्टी में घर जाना ही था तोह हम साथ में थोड़ा समय बिताना चाह रहे थे ।  सर ने अगले दिन की छुट्टी ले ली थी। हॉस्टल पहुँच कर मेरी दोस्तों ने मुझे छेड़ना … Read more

“काजल की कोठरी” – अर्चना त्यागी : Moral Stories in Hindi

सुमन अपनी शादी को लेकर काफी उत्साहित थी। बड़ी मुश्किल से उसके पिता एक बड़े घर में उसका रिश्ता तय कर पाए थे। अकेला लड़का था। पारिवारिक व्यवसाय में लगा हुआ था। लड़के के पिता तो थे किन्तु माताजी का देहांत हो चुका था। चाचा, चाची और उनके तीन बच्चे थे। पिता और चाचा मिलकर … Read more

सच्चा साथ – डॉ० मनीषा भारद्वाज : Moral Stories in Hindi

आज तन्वी और आदित्य की सालगिरह थी। तीसरी। मगर फ्लैट में कोई शोर-शराबा नहीं था। न फूलों के गमले, न महंगे उपहारों के पैकेट। सिर्फ़ चाय की खुशबू और धीमे बजते हुए उस पुराने गाने की मधुर तान – “तुम मुझे यूँ भुला न पाओगे…” जो उनकी कॉलेज के दिनों की याद दिलाता था। तन्वी … Read more

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