औरत का 24 घंटा – पूजा गोयल 

अरूणा यह क्या है मेरा शर्ट का बटन अभी तक नहीं लगा पाई तुम यार तुम औरतें करती क्या हो घर पर पता नहीं

मोहित रूम से चिल्लाते हुए अरूणा को सुनाता है अरूणा के लिए भी यह रोज का था मोहित खुद कुछ भी नहीं करता है

अरूणा बिमार सास के साथ दो साल की बेटी घर के काम के साथ कभी मोहित के काम करना भुल जाती थी पर मोहित इस सब को समझ नहीं रहा था

आज मोहित की बहन अंचल भी आई हुई थी जब उसने यह सब सुना तो वो अरूणा की तरफ देखने लगी जो किचन में काम करती हुई अपनी आंख को साफ करती है

अंचल वहां से उठकर अरूणा के पास आती है अरूणा क्यों इतना हाव खोल रही हो इसका जवाब क्यों नहीं देती तुम बोलो क्या करती हो तुम चौबीस घंटे हम औरतें करती क्या हैं घर पर बोलो तुम उसे

अरूणा अचंल की तरफ देखती है कुछ नहीं बोलती अपने काम में लग जाती है

मोहित फोन से बात करते हुए नीचे आता है अरूणा उसकी चाय टेबल पर रख कर चली जाती है मोहित फोन रख कर चाय पिता है एक घूंट लेते ही वो चाय को बाहर उगल देता है और जोर से चिलाता है अरूणा….

अरूणा के साथ साथ अचंल भी आती है बाहर



यह क्या है अरूणा इतनी चीनी वाली चाय हरे अब तुमसे घर के काम नहीं होते तो बता दो ना कहा ध्यान रहता है तुम्हारा अरे हाउसवाइफ हो तुम तुम्हारा दिमाग कहा चलने लगा आजकल हम जैसे काम काजी का तो सोचे पर तुम तो चौबीस घंटे घर पर रहती सौ फिर क्या रहता है तुम्हारा यह सब कभी‌ बटन नहीं लगता है अभी सब्जी जल जाती है कभी नमक ज्यादा कभी चीनी ज्यादा क्या है यह सब?

अब मैं परेशान हो गया हूं तुमसे अरूणा अब मुझसे और सहन नहीं होगा इतना कहकर मोहित घर से बाहर निकल जाता है

अरूणा रोने लगती है अचंल के आंख से भी पानी आ जाता है वो जाकर अरूणा को सम्भालती है

शाम को मोहित घर पर आता है अचंल अपने कमरे में होती है मोहित की दो साल की बच्ची काव्या बाहर खेल रही होती हैं

मोहित अरूणा को आवाज देते हुए आता है पर अरूणा नहीं आती है तो मोहित काव्य को गोद मैं लेकर तुम्हारी मम्मी आजकल बहुत आलसी हो गई है तुम्हें आंगन में अकेला छोड़कर कहां चली गई

अंचल नीचे आती है अरूणा अपने मां के घर गई है थोड़े दिन के लिए तुम काव्या और मां का ध्यान अच्छे से रखना मै भी आज अपने दोस्त के घर जा रही हूं तो खाना वहीं खाऊंगी और तुम अपना और मां का खाना खुद बना लेना में भुल गई बनाना ।

पर दी मैं खाना कैसा बनाऊंगा मुझे तो कुछ आता ही नहीं है



क्यों ऑफिस चला सकते हो औरतों पर गुस्सा कर सकते हो तो खाना क्यों बना सकते कामकाजी इंसान इतना कहकर अचंल बाहर निकल जाती है

मोहित कमरे में जाकर पहले नाईट कपड़े पहनता है फिर अपने लिए और मां के लिए खिचड़ी बनाता है और काव्य के लिए दूध गर्म करता है दूध गर्म करते समय किसी दोस्त का फोन आ जाता है तो दूध उबल कर बाहर आ जाता है मोहित का ध्यान जैसे जाता है वो फोन काटकर जल्दी से गैस बन्द करता है किचन दूध उबल से गंदा हो जाता है और दूध भी थोड़ा ही‌ बच्चा होता है

खिचड़ी में मोहित ने डबल नमक डाल दिया होता है जो उसे भी नहीं भा रही होती हैं

अंचल अपनी मां को पहले कुछ खिलाकर गई थी इसलिए उनको ज्यादा तकलीफ़ नहीं हुई थी

मोहित को आज भूखा ही सोना पड़ा जो थोड़ा दूध बच्चा था वो काव्या को पिला दिया पर काव्या को दूध कहानी सुनकर पिना होता है और मोहित कहानी से दूर दूर कोई नाता नहीं था तो काव्या को रोते देख वो तक चुका था जब तक अचंल आ जाती है और काव्या को कहानी सुनाकर दूध पिलाती है और उसको सुलाकर मोहित के पास आती है

मोहित अचंल को देखकर उसको बैठने को कहता है

मोहित खाना खा लिया तुमने

मोहित एक नजर अचंल की तरफ देखता है दी बहुत बड़ी ग़लती हो गई मेरे से अरूणा ने घर को कितने अच्छे से सम्भालकर रखा था और मैं उसै कुछ भी सुना देता है मैं तो  सिर्फ सात घंटे काम करता हुं फिर भी थक जाता हूं वो चौबिसो घंटे लगी रहती है फिर मुंह से आहह भी नहीं निकलती दी मै अपनी ग़लती समझ चुका हूं मैं कल ही अरूणा से माफी मांगकर लेकर आऊंगा

अचंल के चेहरे पर विजय मुस्कान आ चुकी थी वो अपने भाई भाभी के टूटते रिश्ते को बचाने के साथ एक औरत का आत्मविश्वास को बढ़ा दिया था एक औरत दिन भर क्या करती है यह सब बता दिया था

दूसरे दिन मोहित अरूणा से माफी मांगता है अपने ससुराल जाकर

अरूणा बड़ा मन रखकर मोहित को माफ भी कर देती है

कैसी लगी मेरी यह कहानी जरूर बताये प्लीज़

धन्यवाद

Pooja…..

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