अपनों से तो दुश्मन अच्छे – हेमलता गुप्ता : Moral Stories in Hindi

कहीं पर रिश्ते की बात बनी क्या..? हमारी इतनी सर्वगुण संपन्न बिटिया है किंतु पता नहीं क्यों हर बार कोई ना कोई अड़चन आ ही जाती है, जहां भी संबंध देखने जाते हैं संबंध  तय होने से पहले से ही टूट जाता है! वही तो मुझे समझ नहीं आ रहा सलोनी की मां…

ऐसा क्या हुआ की सब कुछ पसंद आने पर भी एन वक्त पर रिश्ता हाथ से निकल जाता है! कुछ दिन बाद फिर एक अच्छा रिश्ता सलोनी के लिए आया और सारी बातें तय होने पर सगाई का मुहूर्त भी महीने भर बाद  ही निकल गया किंतु इस बार कमल जी ने गिन गिन कर पैर  रखा था,

उन्हें पता चल गया कि उनकी बेटी का रिश्ता आखिर क्यों नहीं हो पा रहा था..? उन्होंने सलोनी की मां को बताया कि अपने कहलाने  वाले ही कुछ रिश्तेदारों ने लड़के वालों के यहां पर हमारे घर परिवार और लड़की के  चरित्र के बारे में उल्टा सीधा बोल दिया था जिसके कारण संबंध होने से पहले ही टूट जाता था

, जलने वालों की दुनिया में कोई कमी नहीं है! सबको पता है सलोनी इतनी सुंदर है और इतनी गुनी है कि उसको एक बार कोई देख ले तो संबंध के लिए ना कर ही नहीं सकता, पर उन अपनों का क्या करें.. जो आग  में घी में डालते ही रहते हैं,

अपनों से दुश्मन अच्छे जो कम से कम सामने बार करते हैं, इस बार मैंने  उन अपनों को भनक भी नहीं लगने दी , और इस बार मैंने सलोनी के ससुराल वालों को सारी हकीकत बता दी और उनको बोल भी दिया की हो सकता है मेरे कुछ “खास अपने” इस संबंध को तुड़वाने की कोशिश करें,

आप चाहे तो मेरी बेटी और मेरे परिवार के बारे में अभी पुरी जानकारी  मालूम कर सकते हैं, क्योंकि बार-बार संबंध टूटने से सलोनी बिटिया और मेरा परिवार पूरी तरह से टूट गया है! किंतु सलोनी के ससुराल वाले तो बड़े भले लोग निकले, उन्होंने बोला….. भाई साहब.. बिल्कुल भी चिंता मत कीजिए,

हम इन सबके भुगत भोगी हैं, क्योंकि हमारी बेटी के संबंध में भी हमारे कुछ अपनों ने कई बार संबंध तुड़वाए हैं, इसलिए हम आपका दर्द भली-भांति समझ सकते हैं ,और हमें इस बार यह संबंध करना ही करना है! और बार-बार संबंध टूटने का दर्द क्या होता है यह हम भली भांति समझते हैं!

और यह सुनकर सलोनी और सलोनी की मां दोनों ही प्रसन्न हो गए!आज भी जमाने में कुछ भले लोग होते हैं जो बेटियों के परिवार वालों की इज्जत को अपनी इज्जत समझ कर चलते हैं!

   हेमलता गुप्ता स्वरचित

  मुहावरा प्रतियोगिता # गिन गिन कर पैर रखना

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