अपनी अपनी खुशी” – मीनाक्षी राय

केतकी एवं अपने रसोई घर में खाना बना रही होती है,,,,,,और  तभी फोन  उसके दीदी का आता है,,,,,,, वह उससे बात कर रही होती है,,,,,, तो उसकी दीदी उससे कहती है ,,,,,,,,,कि देख  तेरे देवर और देवरानी को तेरे दर्द का जरा भी एहसास नही ,,,,,,,कैसे अपनी बहन की  संगीत के समारोह में नाच रही है,,,,,,,,और विडियो  फेसबुक डाल रखा है,,,,,,, केतकी उनकी बातों को सुनती है,,,,, और फिर कहती है,,,,,,, क्यों दीदी जब मै अपने भाई की शादी में सारे गम भूल कर आप लोगों की खुशी मे शामिल थी,,,,,, 

 

तब तो आप ने नहीं कहा था,,,,,,मुझे कुछ,,,,… आपलोगो को बहुत अच्छा लग रहा था,,,,,,, क्योंकि आप लोग मेरे मायके से हैं,,,,,,,,, तो आप लोग अपनी हर खुशी ,,,,,,,,,अपने पर्व त्यौहार मनाओ,,,,,,,, और वह मेरी देवरानी है ,,,,,,मेरे साथ रहती है ,,,,,,,तो उसको हक नहीं है?????? जबकि मै खुद की खुशियो को मनाने से नही चुकती,,,,,,,अपनी सारी खुशियां हम लोग मनाते हैं,,,,,,,,तो वह क्यों नहीं ???????

केतकी एक शिक्षिका के रूप में कार्यरत है,,,,,, और उसके पति फ़ौज में थे ,,,,,,,,,,और वह उरी हमले में शहीद हो गए थे ,,,,,,,,,,,,,तब से घर का महौल बहुत दुखदाई था,,,,,,, 

केतकी को एक सात साल की बेटी है,,,,,,,,जो अपनी मां की ही तरह समझदार है ,,,,,,,,,,पर उसी साल की भाई की शादी थी,,,,,,,शादी की तारीख आगे बढ़ाने के लिए मायके वाले कहते हैं,,,,,,,पर केतकी कहती है की शादी उसी तारीख पर होगी और मै भी आउगी,,,,,,आपलोग तैयारी करो,,,,,,,और केतकी अपने अपने भाई की शादी बडे हर्षोल्लास से करती है,,,,,,, केतकी की बहने भी केतकी को  खुश देख कर खुशी खुशी शगुन का सारा काम करती हैं,,,,,,..

और आज चार  साल बाद जब उसकी देवरानी  वर्षा की बहन की शादी है,,,,,,,, और वर्षा और उसके पति उसकी बहन की  संगीत समारोह के कुछ वीडियो फेसबुक पर डाले हैं,,,,,,,,,जिसको केतकी की दीदी देखती है और फोन कर उसको बताती है,,,,,,,, कि देख तेरे देवर देवरानी को तेरे दर्द का एहसास नही वो तो ऐसे खुश है जैसे घर मे कुछ हुआ ही नही,,,,,,,, उन्हे तेरे दर्द का जरा भी एहसास नहीं,,,,,,,,,,,, केतकी समझदार थी,,,,. उसने तुरंत अपने दीदी को जवाब दिया,,,,,,, 

दीदी वर्षा तो मेरी देवरानी है ,,,,,,,,,,और मेरे साथ रहती है मेरे दुख में हमेशा मेरे साथ रही,,,,,, पराई होकर,,,,,, आप लोग तो मेरे अपने सगे भाई बहन हो,,,,,,,,,दुबारा मुझसे मिलने तक नही आये,,,,,,, आपलोग अपनी हर खुशी ,,,,,,,,,शादी-ब्याह,,,,,,,, पर्व त्यौहार   मनाते हो,,,,,,,

 तब आप लोगों को एहसास नहीं होता मेरे दर्द का ,,,,,,,,,,और मैं भी तो आपने हर गम  को भुला कर आप लोगों की हर खुशी में शामिल होती हु,,,..  आप लोग मझसे दूर रहते हो ,,….,तो अपनी सारी खुशियां मनाओ,,,,,, और वर्षा मेरे पास रहती है,,,,,, मेरे साथ रहती हो,,,,,,,, तो उसके लिए कोई खुशी नहीं ,,,,,.,,,,,,

,,और उसकी बहन की शादी उसकी शादी के बाद की उसके मायके की पहली शादी है,,,,,,,,यदि मेरे देवर और देवरानी वहां पर खुशियां मना रहे हैं ,,,…..तो उन्हें मनाने दो ,,,,,,,,,,,और खुश रहने दो,,,,,,, भगवान ने तो मुझसे छीन लिया सजना सवारना ,,,,,…….पर वह सजती सवरती है तो ये तो अच्छी बात है,,,,,,, उसका सुहाग सलामत रहे,,,,,,,,,,

इतना कहते ही दीदी ने फोन रख दिया ,,,,,,,,,,और केतकी बहुत खुश हुई ,,,,,,,,कि आज वह अपने मायके वालों को सबक सिखाने में कामयाब हो गयी,…… ताकि दोबारा फिर वह ऐसी हरकत ना करें ,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,

मीनाक्षी राय

 

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