अपना अपना – अंजना ठाकुर : Moral Stories in Hindi

गुरुर 

आज इस्त्री के लिए नीरा कपड़े देने आई तो पहले तो इस्त्री वाले पर चिल्लाई की तुम्हारा बेटा कपड़े लेने क्यों नहीं आ रहा ।और एक घंटे मै करके पहुंचा देना ।

इस्त्री वाला बोला मैडम अभी मेरे बेटे की परीक्षा चल रही है तो कुछ दिन आप लोगों को ही आना पड़ेगा लेने और देने के लिए ।

नीरा जोर से हंसी अरे अपने बेटे से बोलो काम मै हाथ बंटाए नहीं तो ये भी बंद हो जायेगा ज्यादा से ज्यादा कितना पढ़ लेगा आज कल नौकरी पाने के लिए बड़े बड़े एग्जाम देने पड़ते है और इतनी कठिन पढ़ाई होती है और महंगी भी ‘ कहां से करोगे ।

इस्त्री वाला बोला मैडम मेरा बेटा बहुत होशियार है और मेरा गुरुर भी वो अच्छे नंबर से पास होता है तो उसे फ्री कोचिंग मिल जाती है और वो इंजीनियरिंग की तैयारी कर रहा है आईआईटी का एग्जाम देगा ।

तभी नीरा की नजर पास मैं पेड़ के पास बैठ कर पढ़ाई कर रहे उसके लड़के पर पड़ी फिर से हंस कर बोली ऐसे निकलेगा एग्जाम !मेरा बेटा भी  तैयारी कर रहा है कितना ध्यान रखना पड़ता है खाने पीने का ,सुविधाओ का

जिस से वो पढ़ पाए ऐसे परीक्षा देने से पास हो जाए तो सब इंजीनियर बन जाए ।लड़के ने बातें सुन ली थी पर कुछ नहीं बोला उनके जाने के बाद पिताजी से बोला आप दिल छोटा मत करो मैं आपका गुरुर टूटने नहीं दूंगा ।

नीरा घर आ कर अपने बेटे के पास दूध ले कर गई और उसे किस्सा सुनाने लगी उसका बेटा भी जोर से हंसने लगा  । नीरा को अपने पैसे पर बड़ा गुरुर था गरीब लोगों की तो उसकी नज़र मैं कोई इज्जत नहीं थी अपने बच्चों

को भी वैसा ही बना दिया था उसका बेटा निखिल पढ़ने मैं सामान्य ही था पर दिखाने के लिए नीरा ने उसे आईआईटी की कोचिंग लगा दी ।उसे दुनियां भर की सुविधा दे कर बोली मेरी नाक मत कटाना ।उसके पति कहते

भी की बच्चों को जरूरत महसूस होने दो पढ़ाई का महत्व तभी समझ आएगा तुम तो जरूरत से ज्यादा सुविधा दे कर बिगाड़ रही हो ।

नीरा कहती जब हम पर पैसा है तो बच्चों को क्यों परेशान करना और वो भी पढ़ ही रहे है ।

अब अक्सर ही नीरा इस्त्री वाले के पास जाती और उसे ताने मारती ।वो चुप ही रहता क्योंकि बड़ी मुश्किल से सोसाइटी मैं काम मिला था उसे अपना परिवार चलाना था ।

धीरे धीरे समय गुजरा परीक्षा हो गई आज परिणाम आना था निखिल तो पास नहीं हुआ उसे उत्सुकता थी की इस्त्री वाले के बेटे का क्या हुआ उसे यकीन था की जब उसका बेटा नहीं निकला तो वो क्या निकला होगा और वो

अपना गुस्सा निकालने कपड़े देने चली ।जैसे ही दुकान पर पहुंची तो देखा काफी भीड़ लगी है कुछ लोग कैमरा और माइक ले कर खड़े है ।पास जाने पर पता चला की उसके लड़के की अच्छी रैंक आई है और अखवार के

लिए सब जानकारी लेने आए है उसे देखते ही लड़के ने मिठाई दी लो आंटी मुंह मीठा करो ।उसने देखा इस्त्री वाला बड़े गुरुर से सब बता रहा था आज नीरा को समझ आ गया की गुरुर करना चाहिए लेकिन सही बात पर

जिस से वो टूटने ना पाए ।

नीरा ने उसे दिल से बधाई दी और कहा तुमने मुझे अहमियत समझा दी और उसने सोच लिया की बच्चों के भविष्य के लिए क्या सिखाना ज्यादा जरूरी है ।

स्वरचित अंजना ठाकुर

#गरूर 

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