गणेश और उसके पिता एक हो होटल में वेटर थे। गणेश आईएएस ऑफिसर बनना चाहता था। दिन रात मेहनत कर रहा था। एक दिन उस होटल में होटल के मालिक की बेटी की जन्मदिन की पार्टी चल रही थी। सारे मेहमान थे। गणेश पानी करते लेकर आ रहा था कि,अचानक वो चेयर से टकराकर गिर गया,जहां मालिक की बेटी बैठी हुई थी, उसी के ऊपर वो गिर गया। वो जोर से चिल्लाई,”तुम्हारी हिम्मत कैसे हुई, तुम जैसे छोटे लोग ऐसे ही होते हैं, मौके की तलाश में!”
शोर सुनकर उसके पिताजी भी आ गए, होटल के मालिक
उन्होंने बिना कुछ सुने गणेश के गाल पर एक थप्पड़ लगा दिया और कहने लगे,”निकल जाओ मेरे होटल से, तुम जैसे जाहिलों के चलते मेरे होटल का भी नाम खराब होगा !” उसने गणेश और उसके पिता को तुरंत धक्के मारकर होटल से निकाल दिया।
गणेश और उसके पिता अपमान का यह घूंट पीकर रह गए। पर गणेश के ख्वाब ऊंचे थे।महंगे महंगे फॉर्म भरना,तैयारी करना,उसके पैसे भी कहां से आते।
गणेश कपड़े की दुकान में काम करने लगा और उसके पिता किसी ढाबा में काम करने लगे।
गणेश दिन रात मेहनत कर रहा था अपने सपने को साकार करने के लिए दो बार प्रयास कर चुका गणेश निराश हो चुका था।
उस होटल के मैनेजर एक दिन गणेश को याद करते हुए उसके एक दोस्त से बोल रहे थे,जो गणेश के साथ ही वेटर का काम करता था, “बिचारा अच्छा था,पता नहीं कहां होगा, उसकी कोई खबर है क्या तुम्हारे पास! “
तो उसके साथी ने कहा, “सर सुना है कहीं कपड़े की दुकान पर काम करता है,और वैसा ही चल रहा है,बहुत दिनों से मुलाकात भी नहीं हुई,कोई बात भी नहीं हुई!”
तभी अचानक एक कार होटल के सामने आकर रुकी। दो लोग उस कार से उतरकर होटल के अंदर आए, एक को तो वेटर ने पहचान लिया वो गणेश था।
उसने देखते ही पूछा, “अरे यार गणेश, कैसे हो दोस्त, अभी सर से तुम्हारी की बात हो रही थी,तुम्हारी उम्र लंबी है!” गणेश ने कहा, “मैं ये होटल में कल पार्टी दूंगा, इसलिए बुक करवाने आया हूं!”
मैनेजर हक्का-बक्का हो गणेश को देख रहा था,और देखते हुए कहने लगा, आज चार साल हो गए थप्पड़ खाए, उसका असर दिमाग में हुआ क्या, या कहीं लूटपाट किया है तुमने, कैसी पार्टी !”
तभी गणेश के साथ जो व्यक्ति था, उसने कहा, “ज़रा तमीज से बात करें,ये आईएएस ऑफिसर हैं,शायद आप अखबार नहीं पढ़ते, अभी हाल ही में नियुक्त हुए हैं, इसलिए यहां पार्टी देना चाहते हैं!”
मैनेजर संभल गया और माफी मांगने लगा और बधाई देते हुए होटल बुक कर दिया।
पर उस दिन ही मालिक ने मना किया था, होटल बुक करने को, क्योंकि वो अपने होटल में पार्टी देने वाले थे,तो उसने मालिक को सब फोन पर बताया।
मालिक ने गणेश से फोन में बात किया और उन बातों को याद कर माफी मांगने लगा।
तो गणेश ने कहा,सर वो थप्पड़ और अपमान ने ही मेरे अंदर लगन को बढ़ाया था….और आज मैं अपना सपना पूरा कर सका हूं ….आप भी मेरे इस पार्टी में आमंत्रित हैं, कह कर उसने फोन रख दिया।
#अपमान
स्वरचित अनामिका मिश्रा
झारखंड जमशेदपुर