निम्मी की शादी की तैयारी बड़े जोरो-शोरों से चल रही थी…हर कोई अपना काम बड़ी समझदारी से संभाल रहा था…होना ही था सबकी लाडली व पाँच भाइयों की इकलौती बहन थी..!!
तैयारियों के साथ आज जब होटल जाना था वो दिन भी आ गया था..निम्मी के पापा नहीं थे तो उसने घर से विदा लेते समय उनकी तस्वीर भी साथ में ले ली सबकी आँखें नम थी…मम्मी और पाँचों भाई उसे साथ लेकर होटल आयें…!!!!
अब सारी रस्में शुरू हो गई थी…सबकों बहुत मजा आ रहा था घड़ोली ,हल्दी ,मेंहदी की रात तो रंग जम गया था बहुत डाँस हुआ…सबने मिलकर धमाल मचा दिया…फिर बारात आयी तो निम्मी के बहुत सुंदर फूलों की चद्दर बनाई थी…पाँचों भाईयों ने पकड़ी थी और उसके नीचे निम्मी जब आयी तो खूबसूरती देखकर सबकी आँखें खुली की खुली रह गई थी…हर कोई तारीफ करतें नहीं थक रहा था…!!!!
आज फेरों का समय आ गया…बाद में लंच और फिर विदाई थी…फेरों के बाद सब लंच के लिये होटल आ गयें थे वही से निम्मी को विदा होना था अचानक बेमौसम बरसात आ गई वो भी मूसलाधार बारिश हर कोई हैरान-परेशान हो गया…ये तो अच्छा था कि लंच अंदर हाल में था…सब दूल्हा-दूल्हन को छेड़नें लगें कि तुम में से किसनें कढ़ाई में खाया था जो बेमौसम बरसात हो रही है…हंसी-मजाक चल रहा था पर सबकों अब विदाई की चिन्ता थी कि वो कैसे होगी इतनी बरसात में..खासकर विम्मी के भाईयों को कि अभी तक सब अच्छें से हुआ अब ये कैसी समस्या आ गई…!!!!
अब विदाई का समय भी आ गया था…निम्मी की नज़रें अपने भाईयों को ढूँढ रही थी जिन्होनें खाना भी नहीं खाया और पता नहीं कहाँ गायब थे…वो मम्मी के गलें लग कर बहुत रोई और भाईयों का पूछा तो इतनें में भाई वही फूलों की चद्दर लेकर आ गयें जिसमें उसकों वरमाला के समय लायें थे…सभी आश्चर्यचकित हो गयें थे… उन्होंने बताया कि उसमें नीचें की तरफ होटल वालों से मोमजामा लेकर लगा दिया था… जिसें देखकर सब खुश हो गयें… निम्मी अपने भाईयों से मिलकर बहुत रोई फिर उसके नीचें दूल्हा-दूल्हन दोनों को ले आयें चार तरफ सें भाईयों ने पकड़ा और पाँचवें भाई ने निम्मी का लँहगा पकड़ा था…निम्मी जा रही थी हर कोई ऐसी अनोखी विदाई व भाईयों का प्यार देखकर गदगद हो गये थें…सच यही सोच रहें थें कि ऐसी विदाई कभी नहीं देखी थी….!!!!
#बरसात
गुरविंदर टूटेजा
उज्जैन (म.प्र.)